कटरा में किसने की पत्थरबाजी क्यों भड़के घोड़ा-पिट्ठी वाले पुलिस का बुरा हाल
Vaishno Devi Ropeway Project: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि माता वैष्णो देवी मार्ग पर प्रस्तावित ‘रोपवे’ परियोजना के खिलाफ कटरा आधार शिविर में प्रदर्शन कर रहे लोगों की वास्तविक समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
इस बीच, अर्धकुंवारी मंदिर क्षेत्र से भवन मार्ग तक श्रद्धालुओं के लिए बैटरी कार सेवा और हेलीकॉप्टर सेवा सुचारू रूप से चालू रही. हड़ताल के मद्देनजर दिव्यांगों, बुजुर्गों और महिलाओं को काफी परेशानी उठानी पड़ी है. प्रदर्शनकारियों ने कटरा के मुख्य बस अड्डे पर भी प्रदर्शन किया, जिस वजह से यातायात भी बाधित हुआ. स्थानीय दुकानदारों और मजदूरों के प्रदर्शन के मद्देनजर मौके पर भारी सुरक्षा बल की भी तैनाती की गई है. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि गोंडोला केबल कार को यहां पर न लगाया जाए. इस वजह से दुकानदार और मजदूर पिछले चार दिनों से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.
‘भारत माता की जय’ के नारों के बीच सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने कटरा शहर में मार्च निकाला और धरना दिया. कटरा शहर, त्रिकुटा पहाड़ी पर स्थित वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों का आधार शिविर है, जहां तीर्थयात्री ठहरते हैं. प्रदर्शनकारियों ने पहले 72 घंटे के बंद का आह्वान किया था, लेकिन रविवार देर रात इसे और 24 घंटे के लिए और बढ़ा दिया गया.
सोमवार के विरोध प्रदर्शन के दौरान उस समय तनाव बढ़ गया, जब प्रदर्शनकारियों के धरना देने के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक वाहन शहर से गुजरने का प्रयास कर रहा था. अधिकारियों ने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और उन्होंने वाहन पर हमला कर उसका शीशा तोड़ दिया. उन्होंने बताया कि पुलिस के हस्तक्षेप से वाहन को पीछे हटाया गया, जिसके बाद झड़प हुई और इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर ईंटें फेंकी और उनके साथ हाथापाई भी की.
अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने कुछ पुलिसकर्मियों की कथित रूप से पिटाई भी की. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (रियासी) परमवीर सिंह ने बताया, “कानून-व्यवस्था की स्थिति चुनौतीपूर्ण हो गयी है और हम हालात संभालने की कोशिश कर रहे हैं. अधिकारी इस मुद्दे को सुलझाने के लिए प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रहे हैं.” प्रदर्शनकारी इस परियोजना को बंद करने या इससे प्रभावित होने वाले सभी लोगों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं.
दुकानदारों, खच्चर और पालकी मालिकों द्वारा बुलाए बंद 22 नवंबर को उस समय शुरू हुई थी, जब श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने ताराकोट मार्ग और सांझी छत के बीच 12 किलोमीटर लंबे मार्ग पर 250 करोड़ रुपये की ‘रोपवे’ परियोजना को अमल में लाने की योजना की घोषणा की थी. दुकानदारों और मजदूरों को डर है कि दो वर्ष में पूरी होने वाली इस परियोजना के कारण वे बेरोजगार हो जाएंगे.
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