बाहुबलियों की रंजिश के बीच दांव पर NDA की प्रतिष्ठा कौन जीतेगा रुपौली की लड़ाई
बाहुबलियों की रंजिश के बीच दांव पर NDA की प्रतिष्ठा कौन जीतेगा रुपौली की लड़ाई
Rupauli Upchunav: रुपौली विधानसभा उपचुनाव में कुल 11 प्रत्याशी मैदान में है, जिसमें त्रिकोणीय मुकाबला है. एक तरफ जहां जदयू छोड़कर राजद में आई बीमा भारती राजद की प्रत्याशी हैं. वहीं जदयू ने इस बार एक शिक्षक कलाधर मंडल को अपना उम्मीदवार बनाया है. इधर लोजपा से पूर्व में विधायक रह चुके शंकर सिंह टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय मैदान में उतरे हैं. वही सब की निगाहें सांसद पप्पू यादव पर भी टिकी है.
पूर्णिया/पटना. रुपौली विधानसभा उपचुनाव को लेकर सियासी हलचल बेहद तेज है. इस सीट को अपने कब्जे में करने के लिए महागठबंधन और एनडीए ने पूरी ताकत झोंक दी है. सीएम नीतीश कुमार से लेकर तेजस्वी यादव समेत एनडीए और महागठबंधन के तमाम बड़े नेताओं ने रुपौली उपचुनाव के लिए खूब प्रचार किया है. दरअसल लोकसभा चुनाव 2024 में पूर्णिया सीट से चुनाव लड़ने के लिए रुपौली सीट से 5 बार की विधायक बीमा भारती जेडीयू छोड़कर आरजेडी में शामिल हो गई थीं. इसके लिए बीमा भारती ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इस वजह से रुपौली सीट खाली हो गयी थी और अब इसी सीट पर उपचुनाव हो रहा है. हालांकि लोकसभा चुनाव में बीमा भारती पूर्णिया सीट से चुनाव हार गईं थी. पूर्णिया सीट पर इस बार निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव ने चुनाव जीता था.
रुपौली विधानसभा उपचुनाव में कुल 11 प्रत्याशी मैदान में है, जिसमें त्रिकोणीय मुकाबला है. एक तरफ जहां जदयू छोड़कर राजद में आई बीमा भारती राजद की प्रत्याशी हैं. वहीं जदयू ने इस बार एक शिक्षक कलाधर मंडल को अपना उम्मीदवार बनाया है. इधर लोजपा से पूर्व में विधायक रह चुके शंकर सिंह टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय मैदान में उतरे हैं. वही सब की निगाहें सांसद पप्पू यादव पर भी टिकी है.
अगर जातीय समीकरण के लिहाज से रुपौली विधानसभा को देखें तब गंगोता जाति की आबादी सबसे अधिक है. यहां गंगोता जाति की आबादी 50000 से अधिक है. जदयू और आरजेडी के दोनों उम्मीदवार इसी जाति से आते हैं. वहीं लव कुश वोटर भी 30 से 35 हजार के आसपास है जो बेहद निर्णायक माने जाते हैं. वहीं दूसरी महत्वपूर्ण जातियो में देखे तो वैश्य वोटरों की आबादी भी लगभग 25 हजार के आसपास है तो वहीं आरजेडी के MY समीकरण के मुस्लिम-यादव वोटर भी अनुमान के मुताबिक़ 45 से लेकर 50 हजार के करीब है तो सवर्ण वोटर भी निर्णायक भूमिका है और इनकी आबादी भी 20 हजार से लेकर 25 हज़ार के आसपास है. बता दें, निर्दलीय प्रत्याशी शंकर सिंह राजपूत जाति से आते हैं.
बहरहाल एनडीए उम्मीदवार डबल इंजन सरकार के विकास कार्यों का हवाला देकर जीत का दावा कर रहे है और विकास के नाम पर वोट मांग रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ आरजेडी उम्मीदवार को तेजस्वी यादव के चेहरे पर भरोसा है. वहीं निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह सहानुभूति के वोट के सहारे मैदान में है और मतदाताओं को ये बताने में लगे है कि वो लगातार लोगों के बीच रहते हैं. इसीलिए उन्हें मतदाताओं का आशीर्वाद मिलना चाहिए. बता दें, रुपौली में शंकर सिंह और बीमा भारती के पति अवधेश मंडल की छवि बाहुबली की रही है. इसकी चर्चा भी उप चुनाव में काफी तेज है. ऐसे में इसी मुद्दे का हवाला देकर जदयू उम्मीदवार जानता के बीच अपने छवि को लेकर वोट मांग रहे हैं.
Tags: Bihar News, Purnia newsFIRST PUBLISHED : July 10, 2024, 09:10 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed