विदेशी भी बनवा सकते हैं आधार कार्ड UIDAI ने कहा- नागरिकता से लेना-देना नहीं

Aadhaar Card: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने कलकत्ता हाईकोर्ट को बताया है कि आधार कार्ड दिए जाने का नागरिकता से कोई लेना-देना नहीं है.

विदेशी भी बनवा सकते हैं आधार कार्ड UIDAI ने कहा- नागरिकता से लेना-देना नहीं
कोलकाता. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने कलकत्ता हाईकोर्ट को बताया है कि आधार कार्ड दिए जाने का नागरिकता से कोई लेना-देना नहीं है. यूआईडीएआई ने यहां तक कहा कि देश में वैध रूप से प्रवेश करने वाले गैर-निवासियों को भी आवेदन करने पर आधार कार्ड दिए जा सकते हैं. ये दलीलें मुख्य जस्टिस टीएस शिवगणम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ के सामने दी गईं. जो पश्चिम बंगाल में कई आधार कार्डों को अचानक निष्क्रिय और पुनः सक्रिय करने को चुनौती देने वाली ‘एनआरसी के खिलाफ संयुक्त मंच’ की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. ‘लाइव लॉ’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक याचिकाकर्ताओं ने आधार नियमों के विनियम 28ए और 29 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी थी. जो अधिनियम के तहत प्राधिकरण को यह तय करने की निरंकुश शक्ति देता है कि कौन विदेशी है और उसका आधार कार्ड निष्क्रिय कर सकता है. याचिकाकर्ता की वकील झूमा सेन ने तर्क दिया कि ‘आधार एक बड़ी चीज है. कोई शख्स बिना आधार के पैदा नहीं हो सकता- क्योंकि यह जन्म प्रमाण पत्र के लिए जरूरी है, और कोई शख्स बिना आधार के मर नहीं सकता. हमारे जीवन आधार के मैट्रिक्स के भीतर जुड़े हुए हैं.’ आधार कार्ड का नागरिकता से कोई संबंध नहीं वहीं यूआईडीएआई के वरिष्ठ वकील लक्ष्मी गुप्ता ने याचिकाकर्ताओं के अधिकार को चुनौती देते हुए अपनी दलीलें शुरू कीं. उन्हें ‘अपंजीकृत संगठन’ कहा और कहा कि उनके कहने पर ऐसी दलील कबूल नहीं होगी. आगे यह तर्क दिया गया कि आधार कार्ड का नागरिकता से कोई लेना-देना नहीं है और उन्हें गैर-नागरिकों को एक निश्चित समय के लिए दिया जा सकता है ताकि वे सरकारी सब्सिडी का लाभ उठा सकें. यह भी तर्क दिया गया कि यह दलील इसलिए भी कबूल नहीं होगी क्योंकि यह गैर-नागरिकों और बहुत हद तक बांग्लादेशी नागरिकों के पक्ष में थी. EXCLUSIVE: हाथरस वाले भोले बाबा ने कैसे बनाई इतनी संपत्ति? कहां से आया पैसा? चौंका देगा आश्रमों का यह अर्थशास्त्र मामले की सुनवाई की तारीख आगे बढ़ी जबकि केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अशोक कुमार चक्रवर्ती ने कहा कि याचिका करने वालों की यह दलील कबूल नहीं होगी, क्योंकि इसमें आधार अधिनियम की धारा 54 को चुनौती नहीं दी गई है. जिससे यह कानून निकलता है और याचिकाकर्ता देश की संप्रभुता को चुनौती नहीं दे सकते. इसके बाद हाईकोर्ट ने मामले की आंशिक सुनवाई की और इसे बाद की तारीख में आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया. Tags: Aadhaar Card, Calcutta high court, Citizenship Act, Indian CitizenshipFIRST PUBLISHED : July 6, 2024, 14:35 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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