ATM से कम नहीं है ये फसल एक बीघा में सिर्फ 5 हजार का खर्चा फिर होती रहेगी मो

लौकी की खेती करने वाले किसान बताते हैं कि वह लगातार बीस वर्ष से यह फसल करते आ रहे हैं इससे उन्हें कभी भी नुकसान नहीं बल्कि लाखों रुपए का फायदा ही हुआ है.

ATM से कम नहीं है ये फसल एक बीघा में सिर्फ 5 हजार का खर्चा फिर होती रहेगी मो
फर्रुखाबाद: यहां के किसान पहले के मुकाबले काफी आधुनिक हो गए हैं. वहीं खेती में नए-नए प्रयोग करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. अब किसान पारंपरिक खेती के अलावा नकदी फसलों पर भी विशेष ध्यान दे रहे हैं. जिसके कारण कमाई के रास्ते भी खुल गए हैं. ऐसे समय पर यहां के किसान अब इस खेती के जरिए मोटी कमाई भी कर रहे हैं. अपने खेतों में उगा रहे हैं लौकी की फसल. जिससे उनको हो रही है अच्छी खासी कमाई वह भी कम लागत में. एक्सपर्ट के मुताबिक इसकी खेती में प्रति बीघा छह हजार रुपये आती है. वहीं लौकी की खेती करने वाले किसान बताते हैं कि वह लगातार बीस वर्ष से यह फसल करते आ रहे हैं इससे उन्हें कभी भी नुकसान नहीं बल्कि लाखों रुपए का फायदा ही हुआ है. डबल मुनाफा किसान बदन सिंह बताते हैं कि वह बचपन से ही लौकी की खेती करते आ रहे हैं. जिससे उन्हें होती हैं तगड़ी कमाई. वहीं किसान का यहां तक कहना है कि इस फसल से उन्हें आज तक नुकसान नहीं हुआ. बल्कि सरकारी नौकरी करने वाले व्यक्ति से अधिक मुनाफा हो जाता है. किसान ने बताया कि आमतौर पर प्रति बीघा पांच से छह हजार रुपए की लागत आती है. वहीं एक बार फसल तैयार होने के बाद पहले लौकी की बिक्री करते हैं. फिर इसके बाद निकलने वाले बीजों की की भी अच्छी खासी बिक्री होती है. बाजार में लौकी के साथ ही बीजों की भी है डिमांड किसान बदन सिंह ने बताया कि जब फसल पककर तैयार हो जाती है तो इससे निकलने वाले बीजों को वह कानपुर, आगरा और अन्य बाजारों में तीन हजार रुपये प्रति किलो बिक्री करते हैं. जिससे उन्हें दोनों फसलों की बिक्री से एक बीघा में पचास से साठ हजार रुपए का मुनाफा हो जाता है. इस समय यह फसल उगाने के लिए वह मवेशियों के गोबर से तैयार जैविक खाद का प्रयोग करके लौकी उगाते हैं. क्या है खेती का तरीका किसान ने बताया कि वह सबसे पहले खेत को अच्छे से समतल करके इसमें क्यारियां बनाकर पहले से तैयार की गई लौकी के पौधों को प्रति एक मीटर पर दो पौधों को रोप देते हैं. समय से इसमें सिंचाई करते हैं. इसके बाद जब पौधे बड़े होने लगते हैं तो लौकी को तोड़कर मंडी में बिक्री कर देते हैं. इसके बाद जब पौधों से बीज निकल आते हैं. तो इनको सुखाकर सफाई के साथ अच्छे से पैक करके आगरा की मंडी में प्रति किलो की दर से बिक्री कर देते हैं. Tags: Agriculture, Fresh vegetables, Local18FIRST PUBLISHED : June 1, 2024, 11:57 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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