अक्षय तृतीया पर होगी अमृत वर्षा लेकिन भूलकर भी न खरीदें ये वस्तुएं

Akshaya Tritiya 2024 Date: ग्रहों और नक्षत्रों के खास संयोग के चलते इस बार दस मई को पड़ने वाली अक्षय तृतीया बेहद फलदायी मानी जा रही है. चंद्रमा वृष राशि में रहेगा जबकि सूर्य मेष राशि में. इस बार के पर्व के दिन नंदा-भद्रा और जया तिथियों का भी खास  संयोग बना रहा है. इस बार अबूझा मुहूर्त भी है.

अक्षय तृतीया पर होगी अमृत वर्षा लेकिन भूलकर भी न खरीदें ये वस्तुएं
प्रयागराज. अक्षय तृतीया का पर्व दस मई को पूरे देश के साथ ही संगम नगरी प्रयागराज में भी पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा. ग्रहों और नक्षत्रों के खास संयोग के चलते इस बार की अक्षय तृतीया बेहद फलदायी मानी जा रही है. इस बार की अक्षय तृतीया शुक्रवार के दिन रोहिणी नक्षत्र में पड़ रही है. इसके साथ ही अक्षय तृतीया के दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों ही उच्च अवस्था में रहेंगे. चंद्रमा वृष राशि में रहेगा जबकि सूर्य मेष राशि में. इस बार के पर्व के दिन नंदा-भद्रा और जया तिथियों का भी खास  संयोग बना रहा है. यह खास संयोग किसी भी काम में विजय दिलाता है. इस बार अबूझा मुहूर्त भी है. अबूझा मुहूर्त खास फलदायक माना जाता है. यही वजह है कि गुरु और शुक्र के अस्त होने के बावजूद इस बार की अक्षय तृतीया बेहद महत्वपूर्ण और फलदायक है. यह लोगों पर अमृत वर्षा कराएगी. हालांकि चौबीस साल बाद इस बार की अक्षय तृतीया पर शादी-ब्याह का योग नहीं बन रहा है. ज्योतिषाचार्य गुंजन वार्ष्णेय और ग्रह नक्षत्रम  शोध संस्थान के निदेशक आचार्य आशुतोष वार्ष्णेय के मुताबिक इस बार की अक्षय तृतीया पर दान का विशेष महत्व है. श्रद्धालुओं को गंगा और यमुना समेत किसी भी पवित्र नदी में आस्था की डुबकी लगाने के बाद अपने सामर्थ्य के मुताबिक दान अवश्य करना चाहिए. अगर कुछ नहीं कर सकते हैं तो कम से कम जल का ही दान करना चाहिए. इस दिन किया गया पुण्य अक्षय होता है. हालांकि इस पवित्र दिन किसी तरह के गलत काम करने या फिर किसी का दिल दुखाने से जरूर बचना चाहिए, क्योंकि इस दिन किया गया पुण्य अगर अक्षय होता है तो उसी तरह से इस खास मौके पर की गई गलती भी अक्षय ही होती है और उसकी कोई माफी नहीं होती. गुंजन वार्ष्णेय और आशुतोष वार्ष्णेय के मुतबिक इस दिन आभूषण खरीदना बेहद शुभ माना जाता है. वैसे तो स्वर्ण आभूषण का ज्यादा महत्व है लेकिन अगर दिक्कत हो तो चांदी या किसी दूसरी धातु के आभूषण भी खरीदे जा सकते हैं. इस दिन तामसी वस्तुओं की खरीददारी से बचना चाहिए. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जानी चाहिए. इस बार अक्षय तृतीया पर पूजा व खरीददारी के कई शुभ मुहूर्त है, लेकिन पूरे ही दिन कोई भी शुभ काम किया जा सकता है. इस बार की अक्षय तृतीया गृह प्रवेश और नामकरण के लिहाज से भी बेहद शुभ है. आचार्य आशुतोष वार्ष्णेय और गुंजन वार्ष्णेय का कहना है कि इस बार की अक्षय तृतीया पर की गई पूजा-अर्चना और दान-पुण्य अनंत फल देने वाला है. इस बार का पर्व सुख समृद्धि साथ लेकर आ रहा है. इनके मुताबिक अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त में स्फटिक से निर्मित श्री यंत्र अथवा अष्टधातु का श्री यंत्र, घर, कार्यालय में स्थापित करें तथा अक्षय तृतीया से प्रारम्भ कर रूई में इत्र लगाकर यंत्र पर अर्पण करें. इत्र से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, इसलिए पहले जमाने के सेठ-साहूकार हर समय इत्र का प्रयोग किया करते थे. Tags: Akshaya Tritiya, Prayagraj News, UP newsFIRST PUBLISHED : May 9, 2024, 24:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed