संदेह के आधार पर आरोपी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने हत्या के एक मामले में एक व्यक्ति को बरी करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि किसी आरोपी को संदेह के आधार पर दोषी नहीं ठहराया जा सकता, चाहे वह (संदेह) कितना भी पुख्ता क्यों न हो.

संदेह के आधार पर आरोपी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट
हाइलाइट्ससुप्रीम कोर्ट ने कहा संदेह के आधार पर दोषी नहीं ठहराया जा सकता संदेह कितना भी पुख्‍ता क्‍यों न हो, सबूत नहीं बन सकता हत्‍या के आरोपी को बरी करने का दिया फैसला नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय (Supreme Court)  ने हत्या के एक मामले में एक व्यक्ति को बरी करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि किसी आरोपी को संदेह के आधार पर दोषी नहीं ठहराया जा सकता, चाहे वह (संदेह) कितना भी पुख्ता क्यों न हो. न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि एक आरोपी को तब तक निर्दोष माना जाता है जब तक कि उसे उचित संदेह से परे दोषी साबित नहीं किया जाता. पीठ ने कहा, ‘यह स्थापित कानून है कि संदेह, चाहे कितना भी पुख्ता क्यों न हो, उचित संदेह से परे सबूत की जगह नहीं ले सकता. किसी आरोपी को संदेह के आधार पर दोषी नहीं ठहराया जा सकता, चाहे वह (संदेह) कितना भी पुख्ता क्यों न हो.’ शीर्ष अदालत ने कहा कि वर्तमान मामले में अभियोजन पक्ष उन घटनाओं की श्रृंखला को स्थापित करने में पूरी तरह से विफल रहा है. पीठ ने कहा, ‘इस मामले में, हम पाते हैं कि सत्र न्यायाधीश और उच्च न्यायालय के फैसले और आदेश टिकाऊ नहीं हैं.’ शीर्ष अदालत पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली एक अपील पर विचार कर रही थी. उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 302 (हत्या) और धारा 201 (साक्ष्य मिटाने) के तहत दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | FIRST PUBLISHED : August 11, 2022, 23:02 IST