सत्यम कटियार/फर्रुखाबादः किसान अब ऐसी सब्जियों की खेती करना पसंद कर रहे हैं, जो उन्हें कम समय और कम लागत में अधिक मुनाफा दे सके. इस तरह की खेती कर किसान कम समय में मालामाल भी बन रहे हैं. ऐसी ही कहानी है उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद के एक किसान की. जिसने मात्र एक बीघा खेत में ही कद्दू की फसल तैयार की और आज वह लाखों की कमाई कर रहा है.
फर्रुखाबाद के बहोरा गांव के निवासी किसान वीर सिंह बचपन से ही खेती कर रहे हैं. एक समय ऐसा था. जब वह पढ़ाई करना चाहते थे. लेकिन घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह स्कूल नही जा सके. लेकिन मन में एक ऐसा जज्बा था कि कुछ भी करना पड़े बस यह हालत बदलने चाहिए. ऐसे समय पर उनके पास एक बीघा भूमि थी, उसी पर कम समय और न्यूनतम लागत में तैयार होने वाली फसलों को उगाना शुरू किया. धीरे धीरे बदलते समय के साथ उन्होंने जैविक खाद का प्रयोग करके फसलों को तैयार किया. आज वह मात्र तेरह सौ रुपए का कद्दू बीज खरीदकर उसी फसल से लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं.
बंपर हो रही कमाई
स्थानीय स्तर पर कद्दू की बिक्री इतनी अधिक हो रही है कि जिले के खरीददार खेत से फसल को खरीद लेते हैं. अब अन्य जिलों से भी कद्दू की डिमांड आ रही है. कद्दू की बिक्री करने के साथ ही इसके बीजों का भी प्रयोग होता है. जिससे इस समय एक महीने में ही एक लाख रुपए तक की बंपर आमदनी हो रही है. उनका कहना है कि कम भूमि में भी अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है.
कद्दू के साथ कर रहे अन्य फसलों की खेती
किसान वीर सिंह बताया कि उनको एक साथ कई फसलों को तैयार करने का तरीका कम भूमि होने के कारण आया. ऐसे में वह लगातार नगदी वाली फसल उगाकर कमाई कर रहे हैं. खेत में प्रति पौधा एक मीटर की दूरी पर दो बीज को रोप देते हैं. इस समय वह कद्दू की बिक्री कर रहे हैं. जब फसल खत्म हो जाती हैं तो पौधों की जैविक खाद बनाकर प्रयोग करते हैं.
कद्दू की यह किस्में हैं बेहतर
मुख्य रूप से कद्दू की खेती आमदनी का बेहतरीन जरिया है. कद्दू की खेती मुनाफे का सौदा भी है. इसके लिए आपको ऐसी किस्म का चयन करना चाहिए जिससे की कमाई हो सके. कद्दू की विश्वास पूसा, कल्याणपुर, पंपकिन 1, नरेंद्र अमृत, हाइब्रिड 1, हरित कद्दू, ग्रीन हरबर्ट, गोल्डन हर्बल, गोल्डन कस्टर्ड, येलो स्टेट जैसी किस्में बेहद उत्पादन देती हैं.
लोकल 18 को वीर सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने खेत में कद्दू की खेती जब से शुरू की है. तब से एक महीनों में ही साठ से एक लाख रूपए तक की कमाई हो रही है. उनके पास एक बीघा जमीन है. उसी में नगदी वाली फसलों से वह कमाई कर लेते हैं. इस फसल से सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें रोग भी कम लगता है और उनके खेतों में उर्वरक शक्ति भी बढ़ती है. इसके साथ ही जमीन भी उपजाऊ बनी रहती है. वहीं फिसल तैयार होने पर बाजार ले जाने की भी कोई चिंता नहीं है. क्योंकि कद्दू स्थानीय स्तर पर ही बिक जाता है.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : June 23, 2024, 08:27 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed