शायद चुनाव लड़ने को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाया हो कहकर SC ने ठुकराई आजम खान की याचिका

आजम खान ने फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट मामले में चार्जशीट रद्द करने से इलाहाबाद हाईकोर्ट के इनकार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. अब कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा है कि 1993 की डेट ऑफ बर्थ पर आप कई साल तक जी रहे थे. हो सकता है कि आपको चुनाव लड़ना था इसलिए आपने दूसरा बर्थ सर्टिफिकेट बनवाया होगा. हो सकता कि वो (सर्टिफिकेट बनाने वाला) अधिकारी भी इसमें दोषी हो.

शायद चुनाव लड़ने को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाया हो कहकर SC ने ठुकराई आजम खान की याचिका
नई दिल्लीः समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. अदालत ने आजम खान की याचिका को यह कहकर खारिज कर दिया है कि इस पर विचार करने की कोई वजह नजर नहीं आती. आजम ने अपने बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में चार्जशीट रद्द करने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की थी. उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी, जिसने चार्जशीट रद्द करने से इनकार कर दिया था. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हेमंत गुप्ता और विक्रम नाथ की बेंच ने कहा कि हमें हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने की कोई वजह नहीं दिख रही है. ट्रायल कोर्ट में सबूतों के आधार पर ही सुनवाई आगे बढ़नी चाहिए. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने तंज कसते हुए कहा कि आपके खिलाफ 468, 420 के तहत चार्ज तय किया गया है. 1993 की डेट ऑफ बर्थ पर आप कई साल तक जी रहे थे. हो सकता है कि आपको चुनाव लड़ना था इसलिए आपने दूसरा बर्थ सर्टिफिकेट बनवाया होगा. हो सकता कि वो (सर्टिफिकेट बनाने वाला) अधिकारी भी इसमें दोषी हो. यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम के फ़र्ज़ी जन्म प्रमाण पत्र वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. अब्दुल्ला खान पर आरोप है कि उनके पास दो अलग-अलग जगहों से फर्जी तरीके से जारी दो जन्म प्रमाण पत्र हैं. इस मामले में आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ केस दर्ज करके जेल भी भेजा जा चुका है. बीजेपी के नेता आकाश सक्सेना ने 3 जनवरी 2019 को रामपुर के गंज थाने में एफआईआर दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि आजम खान और उनकी पत्नी ने लखनऊ और रामपुर से दो फर्जी जन्म प्रमाण पत्र हासिल करने में बेटे की मदद की. इसका मुकदमा रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा है. आजम खान ने पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके मुकदमा और चार्जशीट दोनों रद्द करने की मांग की थी. लेकिन हाईकोर्ट ने फरवरी 2020 के अपने आदेश में मुकदमा रद्द करने से इनकार कर दिया था. हाईकोर्ट का कहना था कि पहली नजर में आपराधिक केस बनता है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Abdullah Azam Khan, Azam Khan, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : July 25, 2022, 15:32 IST