समाज सेवा है इनका नशा रचा इतिहास! सुब्रत सरकार को मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान
समाज सेवा है इनका नशा रचा इतिहास! सुब्रत सरकार को मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान
London book of world record: एक साधारण व्यक्ति ने अपनी समाज सेवा के जुनून से अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई. उनकी उपलब्धियां प्रेरणादायक हैं और उन्होंने समाज में कई बदलाव लाने का प्रयास किया है.
रायगंज के तुलसी फ्लोर निवासी सुब्रत सरकार को उनके समाज सेवा कार्यों के लिए अमेरिकन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स से दोहरी अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई है. यह सम्मान उनके अनवरत सेवा कार्यों और समाज के प्रति उनकी निष्ठा का प्रतीक है. उनकी यह उपलब्धि पूरे इलाके के लिए गर्व का विषय बन गई है.
समाज सेवा की शुरुआत: पिता से मिली प्रेरणा
सुब्रत सरकार ने 1976 में अपने पिता के सहयोग से समाज सेवा का कार्य शुरू किया. उस समय उन्होंने जरूरतमंदों को सहायता पहुंचाने, गरीब बच्चों को शिक्षा देने और बीमार लोगों का इलाज कराने में मदद की. उनके पिता हमेशा समाज सेवा के लिए तत्पर रहते थे, और उन्होंने सुब्रत को भी यही सिखाया कि मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है.
रेड क्रॉस और ब्लड डोनेशन में सक्रिय योगदान
सुब्रत सरकार 1995 में रेड क्रॉस से जुड़े, जहां उन्होंने रक्तदान और नेत्र सर्जरी जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में योगदान दिया. 1998 में वह वेस्ट बंगाल वॉलंटरी ब्लड डोनर्स फोरम का हिस्सा बने. अब तक वह समाज सेवा के लिए 104 बार रक्तदान कर चुके हैं. उनका मानना है कि रक्तदान सिर्फ किसी की जान बचाना नहीं है, बल्कि यह जीवन को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया है.
महिलाओं और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास
सुब्रत ने न केवल रक्तदान को बढ़ावा दिया, बल्कि उन्होंने एक हजार से अधिक महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद की. उन्होंने विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए, जिनमें सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, और कंप्यूटर प्रशिक्षण शामिल थे. उनके प्रयासों से कई महिलाएं अपने परिवार का सहारा बनीं. इसके साथ ही, उन्होंने युवाओं को रोजगार के अवसर देने के लिए उन्हें नई स्किल्स सिखाईं और उनका मार्गदर्शन किया.
पिता से मिली समाज सेवा की प्रेरणा
सुब्रत सरकार ने बताया कि समाज सेवा का विचार और प्रेरणा उन्हें उनके पिता से मिली. उनके अनुसार, रामकृष्ण संघ के कर्तव्यों का पालन करते हुए उन्होंने समाज सेवा का सही मार्ग समझा. अपने पिता के साथ उन्होंने कई अनाथालयों और वृद्धाश्रमों में जाकर लोगों की सेवा की. उन्होंने कहा कि उनके पिता हमेशा कहते थे, “जो समय दूसरों की मदद में लगाया जाए, वही सबसे मूल्यवान समय है.”
Tags: Local18, Special Project, West bengalFIRST PUBLISHED : January 1, 2025, 17:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed