सड़ा खाना गर्मी या बीमारी आशा किरण होम में 14 मौतों की वजह क्या
सड़ा खाना गर्मी या बीमारी आशा किरण होम में 14 मौतों की वजह क्या
दिल्ली के आशा किरण शेल्टर होम में इस साल जनवरी से लेकर जून तक पिछले 6 महीने में 25 लोगों की मौत हो गई, वहीं जुलाई के महीने में 20 दिन के भीतर ही 14 लोगों ने अपनी जान गंवा दी.
दिल्ली के आशा किरण शेल्टर होम में हुई हालिया मौतों से हर कोई हैरान है. बताया जा रहा है कि यहां इस साल जनवरी से लेकर जून तक पिछले 6 महीने में 25 लोगों की मौत हो गई, वहीं जुलाई के महीने में 20 दिन के भीतर ही 14 लोगों ने अपनी जान गंवा दी. इतनी मौत को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सरकार निशाने पर हैं.
आशा किरण ‘मानसिक रूप से कमजोर’ लोगों के लिए केंद्र है, जो दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत आता है. राज कुमार आनंद के इस्तीफे के बाद से विभाग के प्रमुख की नियुक्त नहीं की गई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं और उन्होंने इस विभाग का प्रभार किसी मंत्री को नहीं सौंपा है.
ऐसे आशा किरण शेल्टर होम में हुई इतनी मौतों पर दिल्ली कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही हमलावर हैं. दिल्ली महिला कांग्रेस की टीम भी शेल्टर होम पहुंची, तो बीजेपी की टीम ने शेल्टर होम पहुंचकर वहां के हालात देखें. वहीं इस मामले को तूल पकड़ता देख दिल्ली सरकार ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं.
उधर दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना भी एक्शन मोड में आ गए हैं. एलजी ने साफ किया कि एक सप्ताह के भीतर जिम्मेदारी तय की जाए और यहां के व्यवस्थापक के खिलाफ तुरंत कार्रवाई शुरू की जाए. एलजी ने इसके साथ ही कहा कि ऐसे सभी शेल्टर होम की जांच की जाए. वहीं जिन व्यक्तियों की मृत्यु हुई है, उनके रिश्तेदारों से संपर्क किया जाए और उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए.
शेल्टर होम में इतनी मौतें क्यों हुई?
आशा किरण शेल्टर होम को लेकर आरोप लगाया जा रहा है कि वहां बच्चों को सिर्फ आधा ही खाना दिया जाता था. इसके साथ ही यहां पीने का साफ पानी भी नहीं मिल रहा था. आशा किरण के सीएमओ अशोक कुमार ने कहा है कि खाने की क्वालिटी सही नहीं थी. इसके साथ ही यह क्षमता से ज्यादा लोगों को भी रखने का आरोप है. इस शेल्टर होम में 500 लोगों की कैपिसिटी है, जबकि अंदर 900 से ज्यादा लोगों को रखा गया था.
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने फैक्ट फाइडिंग टीम के साथ आशा किरण शेल्टर होम का दौरा किया. आयोग ने कहा कि शेल्टर होम में लोगों को फ़ंगस वाला खाना दिया जा रहा था. आयोग ने कहा कि ज्यादा लोगों की मौत बुखार और दस्त जैसे लक्षणों से जुड़ी थीं, जिससे यहां देखभाल की गुणवत्ता को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हुईं.
उधर आतिशी ने इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि आशा किरण में 980 लोग रहते हैं और देखभाल करने वाले 450 लोग हैं. उन्होंने कहा, ‘यह बौद्धिक रूप से कमजोर लोगों के लिए एक शेल्टर गृह है.’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जुलाई में 14 लोगों की मौत एक गंभीर मामला है. मरने वाले 14 लोगों में से 13 वयस्क थे और एक नाबालिग था. मंत्री ने कहा, ‘जिन लोगों की मौत हुई उनमें से कुछ को जून में अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मैं यह कहना चाहती हूं कि उनकी मौत की भी मेडिकल जांच होनी चाहिए.’
स्वाति मालीवाल ने लगाए गंभीर आरोप
वहीं राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने दिल्ली सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जब वो दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष थीं, तब भी इस शेल्टर होम में 2 महीनों में 11 रहस्यमयी मौतें हुई थीं. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘मैं अभी आशा किरण का निराक्षण करके आ रही हूं. ये सच में मौत का घर है. लड़कियां भुखमरी, गर्मी और ओवर क्राउडिंग (ज्यादा भीड़) की वजह से मरी हैं. 280 महिलाओं को 6 छोटे कमरों में रखा हुआ है और गर्मी और उमस हद्द से ज़्यादा है. डॉक्टर बता रहे हैं कि 30% लोग भुखमरी के शिकार है. 20 % को ठीक से रखरखाव न होने के कारण त्वचा रोग हैं. जो मरे उनको बेडसोर्स तक हो रखे थे!’
जिस घटना पर देश का सिर शर्म से झुकना चाहिए. उसपर सियासत भी शुरू हो चुकी है. BJP ने शेल्टर होम में मौत के लिए आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया तो आम आदमी पार्टी भड़क गई. शेल्टर होम का मामला लोकसभा तक गूंजा है. लोकसभा में बीजेपी सांसद योगेंद्र चंदौलिया ने शेल्टर होम का मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए.
Tags: AAP Government, Delhi newsFIRST PUBLISHED : August 3, 2024, 09:44 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed