दिल्ली से गांव लौटकर मजदूर ने शुरू किया यह काम आज बंपर हो रही कमाई
दिल्ली से गांव लौटकर मजदूर ने शुरू किया यह काम आज बंपर हो रही कमाई
रामसूरत बताते हैं कि वह इतना कमा लेते हैं कि अपने परिवार के खर्चे के साथ ठीक-ठाक बजट बन जाता है. वह बताते हैं कि इससे बड़ी बात यह है कि उनकी वजह से चार अन्य लोगों का परिवार पलता है.
बस्ती: ग्रामीण क्षेत्र में स्टार्टअप करना मुश्किल तो होता है, लेकिन यदि निरंतरता बन गई हो, तो काफी लंबे समय तक बिजनेस चलता है. हालांकि सरकार भी नए उद्योगों के लिए नई-नई योजनाएं, नीतियां लागू कर रही हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग स्वावलंबी बन सके. इसी क्रम में बस्ती सदर तहसील क्षेत्र के भऊवापुर ग्राम के निवासी रामसूरत कटरा बुजुर्ग चौराहे पर किराए के मकान में टेडी बेयर बनाने का कार्य पिछले 1 वर्षों से कर रहे हैं. उन्होंने बिना सरकारी मदद के स्वयं अपनी जमा पूंजी से यह बिज़नेस खड़ा किया है और आज इनके पास 4 आदमी काम भी करते हैं.
काम करने की प्रेरणा एवं शुरुआत कहां से हुआ
राम सूरत बताते हैं कि उन्होंने दिल्ली में 1980 से लेकर 1990 तक टेडी बेयर बनाने की फैक्ट्री में काम किया. वहां सब कुछ सीखा जो पूरे टेडी बेयर बनाने में काम आता है. इसके बाद 1990 से वह स्वयं खुद का बिजनेस डालकर दिल्ली में ही करते थे. उनके पास 10 से 15 आदमी काम करते थे, रोज का इनकम दो से तीन हजार हो जाता था. परंतु कोरोना काल 2020 में उनको घर आना पड़ा. जिससे उनका सारा काम ठप्प पड़ गया. इसके बाद तमाम आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा. पुनः इन्होंने जमा-पूंजी इकट्ठा करके 2023 में गांव पर ही बिजनेस शुरू किया, आज उनके माल की सप्लाई जनपद के हर कोने तक जाती है.
क्या-क्या बनाते हैं, स्टार्टअप क्या है?
उद्यमी राम सूरत ने बताया कि उनके यहां टेडी बियर की सभी प्रकारों को बनाया जाता है. 8 इंच से लेकर 8 फीट तक अलग-अलग टेडी बियर की अलग-अलग प्राइस होते हैं. उन्होंने बताया कि मिनिमम 50, 100, 150, 250, 500 1000 और 5000 तक के टेडी बेयर बनते हैं. वह बताते हैं कि ऑर्डर मिलने पर इससे बड़े-बड़े एवं बेहतर टेडी बेयर वह बना सकते हैं. उन्होंने बताया कि जनपद के अलावा कानपुर एवं अन्य जगहों पर भी उनका माल जाता है, लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है कि जनपद के बाहर माल भेजने पर पैसा नहीं मिलता. वह चाहते हैं कि ऐसी स्थिति में प्रशासन उनकी मदद करें.
क्या कर रहे हैं बेहतर
रामसूरत बताते हैं कि वह इतना कमा लेते हैं कि अपने परिवार के खर्चे के साथ ठीक-ठाक बजट बन जाता है. वह बताते हैं कि इससे बड़ी बात यह है कि उनकी वजह से चार अन्य लोगों का परिवार पलता है. वह चार लोगों को रोजी-रोटी दे रहे हैं. उन्होंने आगे बताया कि महीने के वह 50 से 60000 कमा लेते हैं. सीजन के समय या आंकड़ा और बेहतर हो जाता है. जब से उन्होंने इस बिजनेस को अपनाया है, तब से आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता.
Tags: Hindi news, Local18, Success StoryFIRST PUBLISHED : September 7, 2024, 12:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed