कैसे सुपर स्टार ने लिखी नायडू की जीत की पटकथा इस दिन तय हुई जगन की हार
कैसे सुपर स्टार ने लिखी नायडू की जीत की पटकथा इस दिन तय हुई जगन की हार
Pawan Kalyan News:आंध्र प्रदेश की राजनीति में कम्मा, कापू और रेड्डी समुदाय का खासा प्रभाव है. चंद्रबाबू नायडू के साथ पवन कल्याण के आ जाने से गठबंधन और मजबूत हो गया. क्योंकि चंद्रबाबू खुद कम्मा समुदाय से आते हैं और पवन कल्याण के गठबंधन में आने से कापू समुदाय का वोट भी इन्हें मिला. पवन कल्याण कापू समुदाय से आते हैं. वहीं वाईएसआरसीपी को रेड्डी समुदाय का समर्थन मिलता रहा है.
हाइलाइट्स आंध्र प्रदेश की राजनीति में कम्मा, कापू और रेड्डी समुदाय का खासा प्रभाव है. पवन कल्याण की जन सेना पार्टी ने भी 21 सीटों पर जीत के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई. पवन कल्याण ने जगन के उम्मीदवार को हराकर पिथापुरम विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की.
नई दिल्ली. पिछले साल अक्टूबर में, कथित एपी कौशल विकास निगम घोटाले में चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के एक दिन बाद साउथ के सुपरस्टार से नेता बने कोनिडेला पवन कल्याण ने टीडीपी प्रमुख को अपना समर्थन देकर अपने राजनीतिक और अभिनय करियर दोनों को दांव पर लगा दिया था. यह जुआ सफल रहा और न केवल नायडू ने राज्य और लोकसभा चुनावों में शानदार वापसी की, बल्कि पवन कल्याण की जन सेना पार्टी ने भी 21 सीटों पर जीत के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई. पवन कल्याण की पार्टी ने मौजूदा सरकार वाली पार्टी वाईएसआरसीपी को तीसरे स्थान पर धकेल दिया है. आंध्र प्रदेश में टीडीपी और भाजपा के साथ गठबंधन में शामिल जेएसपी भी दो लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की है. पवन कल्याण ने खुद वाईएसआरसीपी के वंगा गीता विश्वनाथ के खिलाफ पिथापुरम विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की है.
फिल्मों में अपनी एक्शन भूमिकाओं के लिए सुपर स्टार पवन कल्याण ने 2014 में जेएसपी पार्टी की शुरुआत की, लेकिन उस साल चुनावों से दूर रहे. उस वक्त बहुत कम राजनीतिक दलों ने उनके साथ गठबंधन करने की हामी भरी. कई दल उन पर संदेह करते थे क्योंकि उनके बड़े भाई चिरंजीवी की प्रजा राज्यम पार्टी (पीआरपी) भी राजनीति में बहुत अच्छा नहीं कर सकी या कहें की उनका राजनीतिक प्रयोग असफल रहा. 2019 के विधानसभा चुनावों में पवन कल्याण की पार्टी जेएसपी ने खराब प्रदर्शन किया और पवन कल्याण भीमावरम और गजुवाका दोनों विधानसभा सीटों से चुनाव हार गए. उस चुनाव में उनकी पार्टी ने केवल पलाकोल सीट से चुनाव जीता था लेकिन वह विधायक भी जल्द ही वाईएसआरसीपी में शामिल हो गया. इस हार ने न केवल एक राजनेता के रूप में बल्कि एक अभिनेता के रूप में भी पवन की छवि को नुकसान पहुंचाया.
आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश की राजनीति में कम्मा, कापू और रेड्डी समुदाय का खासा प्रभाव है. चंद्रबाबू नायडू के साथ पवन कल्याण के आ जाने से गठबंधन और मजबूत हो गया. क्योंकि चंद्रबाबू खुद कम्मा समुदाय से आते हैं और पवन कल्याण के गठबंधन में आने से कापू समुदाय का वोट भी इन्हें मिला. पवन कल्याण कापू समुदाय से आते हैं. वहीं वाईएसआरसीपी को रेड्डी समुदाय का समर्थन मिलता रहा है.
क्या हुआ जो नायडू और पवन फिर साथ आए?
इस सब से बिना घबराए पवन कल्याण ने विभिन्न मुद्दों पर सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी और मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी पर आक्रामक रूप से हमला किया. साल 2022 में पवन कल्याण ने ‘जनवाणी’ कार्यक्रम शुरू किया. इसमें पवन कल्याणा ने लोगों की शिकायतें सुनने के उद्देश्य से कई छोटी सार्वजनिक बैठकें करना शुरू किया. साल 19 अक्टूबर 2022 को जब जेपीएस राज्य सरकार ने विशाखापत्तनम में ऐसी ही एक बैठक कर रही थी और राज्य सरकार ने कार्रवाई करते हुए पवन कल्याण की पार्टी के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया. पवन को खुद एक होटल में नजरबंद कर दिया गया. इस घटना ने टीडीपी प्रमुख नायडू और पवन कल्याण को उस समय फिर से साथ ला दिया जब ऐसा लग रहा था कि दोनों सहयोगियों का गठबंधन टूट रहा है. नायडू व्यक्तिगत रूप से कल्याण से मिलने विजयवाड़ा गए और जेएसपी नेता को अपना समर्थन देने की घोषणा की. कहा जा रहा है कि दोनों नेताओं का एक बार दोबारा से साथ आना जगन की हार की पटकथा लिखने की शुरुआत हो चुकी थी.
पवन कल्याण ने कैसे जगन रेड्डी को घेरा
वाईएसआरसीपी से लड़ाई के बीचे पवन कल्याण ने भाजपा के साथ गठबंधन की नींव रखनी शुरू कर दी. उस वक्त पवन कल्याण ने कहा था कि हमारा उद्देश्य एकजुट होना है ताकि हम वाईएसआरसीपी को हरा सकें. अगर टीडीपी, जेएसपी और भाजपा एकजुट नहीं होते हैं, तो सत्ता विरोधी वोट बर्बाद हो जाएगा. भाजपा का शीर्ष नेतृत्व पवन कल्याण के साथ गठबंधन में उतना दिलचस्पी नहीं दिखा रहा था उसके बावजूद पवन कल्याण ने अमित शाह और जे पी नड्डा सहित भाजपा नेताओं से मुलाकात जारी रखी. पवन ने टीडीपी-जेएसपी-भाजपा गठबंधन की दिशा में काम करते रहे, जब तक कि इस साल मार्च में चुनावों के समय यह गठबंधन पक्का नहीं हो गया तब तक कल्याण ने प्रदेश में कई दौरे किए. चुनावों से पहले कल्याण ने वाईएसआरसीपी सरकार पर अपने हमले तेज कर दिए थे, जिसमें जगन की तीन राजधानी योजना पर निशाना साधने से लेकर कथित भ्रष्टाचार पर सरकार को घेरना शामिल था.
पवन का अंदाज काफी सुर्खियों में रहा
कल्याण ने जब भी वाईएसआरसीपी पर हमला किया, उन्होंने इसे थोड़े से दिखावटी अंदाज में किया. 12 नवंबर 2022 को कल्याण ने विशाखापत्तनम के खूबसूरत कपुलुप्पाडा-रुशिकोंडा समुद्र तट पर दिखाई दिए जहां पर कथित निर्माण उल्लंघनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे. सफेद कुर्ता-पायजामा पहने अभिनेता-राजनेत का समुद्र किनारे टहलने का फोटो काफी वायरल हुआ था. जेएसपी सूत्रों ने कहा था कि समुद्र किनारे शाम की सैर सरकार को यह संदेश देने था कि कल्याण को वह कुछ भी करने से रोक नहीं सकते. 18 अक्टूबर 2022 को कल्याण ने अपनी चप्पल उतारी और वाईएसआरसीपी नेताओं को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की तो उन्हें पीटा जाएगा.
पवन कल्याण ने क्यों निकाली थी चप्पल?
मंगलगिरी में एक जनसभा में उन्होंने चप्पल लहराते हुए कहा था कि अगर आप मुझे एक बार और पैकेज स्टार (वाईएसआरसीपी नेताओं द्वारा यह अकसर कहा जाता था) कहेंगे, तो मैं आपको इसी तरह से हरा दूंगा. उस साल 5 नवंबर को जब कल्याण विजयवाड़ा के मंगलगिरी में अपने पार्टी कार्यालय से इप्पतम के लिए निकले, तो स्थानीय प्रशासन ने कई घरों को ध्वस्त कर दिया था.
पुलिस ने काफिले को आगे बढ़ने से रोक दिया. जींस और हुड वाली स्वेटशर्ट पहने कल्याण सड़क पर उतर गए और पैदल चलने लगे, जिससे पुलिस को झुकना पड़ा. अपनी कार में बैठने के बजाय, अभिनेता छत पर चढ़ गए और इप्पतम की ओर तेजी से बढ़ गए.
Tags: Chandrababu Naidu, Lok Sabha Election Result, Pawan KalyanFIRST PUBLISHED : June 5, 2024, 16:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed