सरोगेट से जुड़े Advertisements पर मोदी सरकार की सख्ती अब भ्रामक विज्ञापनों पर कठोर कार्रवाई होगी
सरोगेट से जुड़े Advertisements पर मोदी सरकार की सख्ती अब भ्रामक विज्ञापनों पर कठोर कार्रवाई होगी
मोदी सरकार (Modi Government) ने सरोगेट विज्ञापन (Surrogate Advertising) को लेकर एक बार फिर से विज्ञापन एजेंसियों (Agencies) को चेतावनी जारी किया है. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम- 2019 (Consumer Protection Act 2019) के लागू होने के बाद भी सरोगेट विज्ञापन को लेकर लगातार मामले सामने आ रहे हैं. उपभोक्ता मंत्रालय ने कहा है कि विज्ञापन से जुड़ी एजेंसियां केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन नहीं कर रही हैं.
नई दिल्ली. मोदी सरकार (Modi Government) ने सरोगेट विज्ञापन (Surrogate Advertising) को लेकर एक बार फिर से विज्ञापन एजेंसियों (Agencies) को चेतावनी जारी किया है. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम- 2019 (Consumer Protection Act 2019) के लागू होने के बाद भी सरोगेट विज्ञापन को लेकर लगातार मामले सामने आ रहे हैं. उपभोक्ता मंत्रालय ने कहा है कि विज्ञापन से जुड़ी एजेंसियां केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन नहीं कर रही हैं. एजेंसियों के द्वारा निषिद्ध वस्तुओं का विज्ञापन सरोगेट वस्तुओं और सेवाओं के जरिए किया जा रहा है. लेकिन, अब किसी एक विज्ञापन की आड़ में किसी दूसरी चीज का विज्ञापन करना आसान नहीं होगा. इसके लिए सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
इस गाइडलाइन के मुताबिक अब भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मंत्रालय का कहना है कि म्यूजिक, सोडा और पैक पेयजल की आड़ में कई मादक स्प्रिट औऱ पेय पदार्थों का विज्ञापन किया जा रहा है. इसी तरह चबाने वाले गुटखा ने सौंफ और इलायची की आड़ ले ली है. साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी मादक पेय पदार्थों के कई विज्ञापन मिले हैं.
सीसीपीए ने सरोगेट एडवर्टिंजमेंट पर भी प्रतिबंध लगाया है. (Image Canva)
सरोगेट से जुड़े विज्ञापन पर अब होगी और सख्ती
आपको बता दें कि सीसीपीए ने सरोगेट एडवर्टिंजमेंट पर भी प्रतिबंध लगाया है. यदि विज्ञापनों में दी गई जानकारी प्रोडक्ट में नहीं पाई जाती है तो उन विज्ञापनों को भ्रामक विज्ञापन माना जाएगा. जो, विज्ञापन उनके डिस्क्लेमर से भिन्न होते हैं उन्हें भी भ्रामक विज्ञापन माना जाएगा.
ये विज्ञापन भ्रामक श्रेणी के अंतगर्त आएंगे
इसके अलावा यदि कोई सेलिब्रिटी किसी विज्ञापन में कुछ दावा कर रहा है और वह सही नहीं पाया जाता है तो वह विज्ञापन भी भ्रामक विज्ञापन श्रेणी के अंतगर्त माना जाएगा. कोई भी सरोगेट विज्ञापन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष विज्ञापन उन वस्तुओं या सेवाओं के लिए नहीं बनाया जाएगा, जिनका विज्ञापन कानून द्वारा प्रतिबंधित है. हाल के दिनों में इस तरह के निषेध और प्रतिबंधित वस्तुओं या सेवाओं को चित्रित किया गया है.
जो उत्पाद प्रतिबंधित हैं, उसे किसी दूसरे उत्पाद का सहारा लेकर दिखाया जाना सरोगेट कहलाता है. (फाइल फोटो)
किसी दूसरे उत्पाद का सहारा लेने पर कार्रवाई तय
आपको बता दें कि जो उत्पाद प्रतिबंधित हैं, उसे किसी दूसरे उत्पाद का सहारा लेकर दिखाया जाना सरोगेट कहलाता है. जैसे आप सीधे तौर पर शराब की बोतल न दिखा कर उसके जगह सोडे की बोतल दिखाया जाना. लेकिन, शराब पीने वाले और तंबाकू खाने वाले समझ जाते हैं कि यह विज्ञापन किस चीज की है.
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उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अंतगर्त सीसीपीए किसी भी भ्रामक विज्ञापन के लिए मैन्युफैक्चर्स, एडवर्टाइजर्स और एंडोर्सर्स पर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगा सकता है. बाद के उल्लंघनों के लिए 50 लाख रुपए तक का जुर्माना बढ़ाया भी जा सकता है. इसके साथ ही सीसीपीए भ्रामक विज्ञापन को दिखाने पर एक साल बैन भी लगा सकती है. इसे फिर से उल्लंघन करने पर 3 साल तक बढ़ाया भी जा सकता है.
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Tags: Advertisement, Advertisement Controversy, Consumer Protection Bill 2019, Indian advertisers, Modi governmentFIRST PUBLISHED : September 02, 2022, 20:44 IST