रूसी सैनिकों को -40 डिग्री में भी बचाता है बिहार का यह प्रोडक्‍ट

Hajipur Safety Shoes : बिहार का हाजीपुर जिला जो कुछ साल पहले तो सिर्फ खेती-किसानी के लिए जाना जाता था, अब रूस से यूरोप तक छाने को तैयार है. इस जिले में बने जूते पहनकर ही रूस की सेना खड़ी हो पाती है. यहां से हर साल 15 लाख जोड़ी जूते रूस भेजे जाते हैं.

रूसी सैनिकों को -40 डिग्री में भी बचाता है बिहार का यह प्रोडक्‍ट
हाइलाइट्स हाजीपुर से हर साल 15 लाख जूते रूस भेजे जाते हैं. ये जूते सैनिकों को फिसलने से बचाने में मददगार हैं. इस पर शून्‍य से 40 डिग्री नीचे का तापमान भी बेअसर है. नई दिल्‍ली. खेती-किसानी के लिए जाना जाने वाला बिहार का हाजीपुर जिला अब रूस और यूरोप तक प्रसिद्ध हो गया है. यूक्रेन के साथ रूस की लड़ाई में इस जिले ने बड़ी भूमिका निभाई है. आपको जानकर हैरानी होगी कि रूस के सैनिक हाजीपुर जिले के एक लोकल प्राइवेट कंपनी के बनाए जूते पहनते हैं. बिहार का यह जिला अब सैनिकों के जूतों के लिए फेमस हो चुका है और रूस के बाद अब यूरोप में छाने की तैयारी है. हाजीपुर जिले के जूतों की मांग अब अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में काफी बढ़ गई है. यहां से रूस के सैनिकों के लिए जूते भेजे जाने के साथ यूरोपीय देशों इटली, फ्रांस, स्‍पेन और यूके में डिजाइनर शूज भी निर्यात किए जाते हैं. न्‍यूज एजेंसी एएनआई ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्‍स (पहले टि्वटर) पर एक पोस्‍ट डालकर बताया है कि रूस के सैनिक हाजीपुर में बने ‘मेड इन बिहार’ के बूट पहनते हैं. Russian Army marches on ‘Made in Bihar’ boots manufactured in Hajipur Read @ANI Story | https://t.co/RpX2asj1Q8#RussianArmy #MadeinBihar #boots pic.twitter.com/pYu6Xe26L0 — ANI Digital (@ani_digital) July 15, 2024

जल्‍द लोकल बाजार में आएगा प्रोडक्‍ट
कंपनी के जनरल मैनेजर शिब कुमार रॉय का कहना है कि हमने हाजीपुर में साल 2018 में काम शुरू किया और पहला उद्देश्‍य स्‍थानीय लोगों को नौकरी देना था. हाजीपुर में हम सुरक्षा वाले जूते बनाते हैं और उसे रूस निर्यात करते हैं. अभी पूरा निर्यात रूस को हो रहा है और अब हम यूरोपीय बाजार में अवसर तलाश रहे हैं. जल्‍द ही अपने प्रोडक्‍ट लोकल मार्केट में भी उतारेंगे. आपको बता दें कि बिहार का हाजीपुर जिला अपने कृषि उत्‍पादों के लिए प्रसिद्ध है.

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हाजीपुर से हर साल 15 लाख जूते रूस भेजे जाते हैं.

क्‍या है जूतों की खासियत
शिब कुमार ने बताया कि हम रूसी सैनिकों की विशेष मांग पर खास तरह के जूते बनाते हैं. ये जूते काफी हल्‍के होते हैं और किसी भी तरह के मौसम को सहने की क्षमता होती है. इसके अलावा इन जूतों को फिसलने से बचाने के लिए खास डिजाइन दिया जाता है. शून्‍य से 40 डिग्री तापमान में भी इन जूतों को पहनने पर कोई असर नहीं होता है. जनरल मैनेजर ने बताया कि कंपनी में अभी 300 लोग काम करते हैं, जिसमें से 70 फीसदी महिलाएं हैं.

15 लाख जूते हर साल निर्यात
हाजीपुर जिले के जूतों की डिमांड इस कदर है कि यह कंपनी रूस की सबसे बड़ी निर्यातक के रूप में उभर रही है. कंपनी ने अब यूरोपीय बाजार में उतरने की मंशा जताई है और अगले साल अपना निर्यात 50 फीसदी तक बढ़ाने की प्‍लानिंग कर रही है. अभी हाजीपुर की यह कंपनी हर साल 15 लाख जोड़ी जूते निर्यात करती है, जिसकी कीमत करीब 100 करोड़ रुपये है.

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