अब ट्रेनों में एसी इकोनॉमी कोच नहीं होंगे रेलवे ने कोच सरेंडर करने का फैसला लिया जानें इसकी वजह

रेलवे मंत्रालय ने इस क्‍लास के कोच को सरेंडर करने का फैसला ले लिया है. ये कोच भी अब सामान्‍य थर्ड एसी कोच होंगे. रेलवे मंत्रालय ने पिछले वर्ष स्‍लीपर और एसी थर्ड क्‍लास के बीच यह क्‍लास शुरू किया था. जिसका किराया स्‍लीपर से अधिक लेकिन थर्ड एसी से कम था.

अब ट्रेनों में एसी इकोनॉमी कोच नहीं होंगे रेलवे ने कोच सरेंडर करने का फैसला लिया जानें इसकी वजह
नई दिल्‍ली. ट्रेन से सफर करने के लिए जब आप आरक्षण ऑन लाइन या ऑफ लाइन कराएंगे तो आपको एसी इकोनॉमी क्‍लास का विकल्‍प नहीं मिलेगा. रेलवे मंत्रालय ने इस क्‍लास के कोच को सरेंडर करने का फैसला ले लिया है. ये कोच भी अब सामान्‍य थर्ड एसी कोच होंगे. एसी इकोनॉमी क्‍लास को सरेंडर करने का फैसला किस लिए गया, जानें इसकी वजह. रेलवे मंत्रालय ने पिछले वर्ष स्‍लीपर और एसी थर्ड क्‍लास के बीच यह क्‍लास शुरू किया था. जिसका किराया स्‍लीपर से अधिक लेकिन थर्ड एसी से कम था. इसका उद्देश्‍य स्‍लीपर में सफर करने वाले यात्री भी एसी में सफर कराने का था. इसके लिए कोच में बर्थ की संख्‍या बढ़ाई गयी थी. सामान्‍य थर्ड एसी क्‍लास कोच में 72 बर्थ होती हैं, जबकि इसमें 11 83 बर्थ थीं. इस तरह अलग थे एसी इकोनॉमी कोच आपके शहर से (दिल्ली-एनसीआर) राज्य चुनें उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तराखंड हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब दिल्ली-एनसीआर VIDEO: गाजियाबाद में फिर दिखा आवारा कुत्तों का आतंक, 11 साल की बच्ची को काटा आतंकी हरविंदर रिंदा मरा या जिंदा है? आमने-सामने लखबीर लांडा और अर्श डल्ला, दोनों के अलग-अलग दावे दिल्ली में डॉगी के साथ हैवानियत: वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस ने दर्ज किया केस, पढ़ें ताजा अपडेट श्रद्धा मर्डर केस में बड़ा अपडेट: आफताब ने मैदानगढ़ी के तालाब में फेंका था सिर! पुलिस ने कराया खाली दिल्ली: हवा में सुधार के बावजूद Delhi-NCR में AQI 'बहुत खराब' कैटेगरी में बरकरार महरौली हत्याकांड: श्रद्धा वालकर के दोस्त गॉडविन रॉड्रिगेज ने वसई पुलिस के सामने खोले आफताब के कई राज MCD Elections: वोटिंग की तारीख आ रही करीब, रोड शो- रैलियों की मंजूरी के लिए उमड़ी उम्मीदवारों की भीड़ बीजेपी के 'मेगा रोड शो' पर केजरीवाल का निशाना, कहा- अपने ‘राजा-महाराजाओं’ के साथ दिल्ली पर ‘हमला’ करेगी भाजपा मछली पालन से लाखों कमाने का मौका, ये राज्‍य सरकार दे रही 40 फीसदी सब्सिडी तिहाड़ लीक वीडियो : ईडी के खिलाफ अवमानना कार्रवाई के लिए सत्येंद्र जैन की याचिका पर आज होगी सुनवाई दिल्‍ली में 100 वार्ड व्‍यापारी बहुल, कैट ने सभी राजनीतिक पार्टियों को भेजा चार्टर राज्य चुनें उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तराखंड हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब दिल्ली-एनसीआर इसके साथ ही, इन कोचों में रीडिंग के लिए व्यक्तिगत लाइट, एसी वेंट्स, यूएसबी प्‍वाइंट, हर बर्थ पर मोबाइल चार्जिंग प्‍वाइंट, ऊपरी बर्थ पर चढ़ने के लिए बेहतर सीढ़ी और खास तरह का स्‍नैक टेबल बनाए गए थे. लेनन नहीं मिलने से हो रही थी परेशानी रेलवे मंत्रालय के अनुसार बर्थ की संख्‍या बढ़ाने के लिए सीटों के बीच थोड़ा थोड़ा गैप करने के साथ लेनन (कंबल) स्‍टोरेज को हटाया गया था. इसी वजह से एसी इकोनॉमी में लेनन नहीं दिया जाता था. अधिकारियों के अनुसार इस श्रेणी में सफर करने वाले यात्री लगातार कंबल की मांग कर रहे थे, यात्रियों का तर्क था कि सामान्‍य रूप से एसी क्‍लास से सफर करने वाले कंबल लेकर सफर नहीं करते हैं. यात्रियों की मांग को ध्‍यान में रखते हुए पिछले दिनों रेलवे ने इस श्रेणी में भी यात्रियों को लेनन देना शुरू कर दिया है. इसलिए लिया गया फैसला रेलवे मंत्रालय के अनुसार एक लेनन खर्च औसतन 60 से 70 रुपये प्रति ट्रिप खर्च आता है. इसमें धुलाई से लेकर निर्धारित समय के बाद हटाना भी शामिल है. इन कोचों में सफर करने वाले यात्रियों को लेनन देने से रेलवे को अतिरिक्‍त बोझ पड़ रहा था. इस वजह से रेलवे ने एसी इकोनॉमी को सरेंडर कर का फैसला लिया है. मौजूदा समय एसी इकोनॉमी क्‍लास के 463 और थर्ड एसी के 11277 कोच हैं. लेकिन अब दोनों क्‍लास के कोच मिलाकर संख्‍या 11740 हो गयी है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Indian railway, Indian Railways, TrainFIRST PUBLISHED : November 21, 2022, 08:42 IST