बदल गए म्‍यूचुअल फंड के नियम! गड़बड़झाला करने वालों पर सख्‍त हुआ सेबी

Mutual Fund New Rule : म्‍यूचुअल फंड का प्रबंधन करने वाली कंपनियों की जवाबदेही अब बढ़ने वाली है. बाजार नियामक सेबी ने स्‍टॉक की तरह म्‍यूचुअल फंड को लेकर भी कुछ सख्‍त नियम बनाए हैं. नए नियम 1 नवंबर से लागू होंगे.

बदल गए म्‍यूचुअल फंड के नियम! गड़बड़झाला करने वालों पर सख्‍त हुआ सेबी
हाइलाइट्स सेबी ने सभी एएमसी को नया नियम फॉलो करने का निर्देश दिया है. इसका मकसद इनसाइडर ट्रेडिंग और फ्रंट रनिंग पर काबू करना है. नया नियम 1 नवंबर से लागू होगा और व्हिसलब्‍लोअर सिस्‍टम बनेगा. नई दिल्‍ली. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने म्यूचुअल फंड मानदंडों में संशोधन किया है. बदलाव के तहत परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियां (एएमसी) को प्रतिभूतियों में ‘फ्रंट-रनिंग’ और भेदिया कारोबार की पहचान करने तथा रोकने के लिए एक संस्थागत तंत्र स्थापित करना होगा. इसके अतिरिक्त एएमसी का प्रबंधन संस्थागत तंत्र की दक्षता सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होगा. सेबी ने एएमसी को ‘व्हिसल-ब्लोअर’ तंत्र बनाने का भी निर्देश दिया है. सेबी का यह निर्णय एक्सिस एएमसी और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) से जुड़े ‘फ्रंट-रनिंग’ मामलों के संबंध में दो आदेश पारित करने के बाद आया है. सेबी ने एक अगस्त की गजट अधिसूचना में कहा, ‘परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियां बोर्ड द्वारा निर्दिष्ट संस्थागत तंत्र स्थापित करेंगी, ताकि प्रतिभूतियों में ‘फ्रंट-रनिंग’ और भेदिया कारोबार सहित संभावित बाजार दुरुपयोग की पहचान तथा रोकथाम की जा सके.’ ये भी पढ़ें – पूरी तरह बदल जाएगी आयुष्‍मान योजना! ‘मिडिल क्‍लास’ को भी मुफ्त इलाज, करोड़ों लोगों को होगा फायदा क्‍या होता है फ्रंट रनिंग ‘फ्रंट-रनिंग’ एक ब्रोकर द्वारा शेयर या किसी अन्य वित्तीय परिसंपत्ति का व्यापार है, जिसे भविष्य के लेनदेन के बारे में अंदरूनी जानकारी होती है जो उस लेनदेन की कीमत को काफी हद तक प्रभावित करने वाला होता है. इसी तरह, भेदिया कारोबार भी होता है जिसमें कंपनी के अंदर की खबर लीक होने से कुछ प्रभावी लोग मुनाफा काटते हैं और निवेशकों को प्रभावित करते हैं. अब कौन होगा इसका जिम्‍मेदार सेबी की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) या प्रबंध निदेशक या समकक्ष पद का कोई अन्य व्यक्ति और परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी का मुख्य अनुपालन अधिकारी ऐसे संस्थागत तंत्र के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार तथा जवाबदेह होंगे. सेबी ने कहा, परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी एक ‘व्हिसल-ब्लोअर’ नीति स्थापित, कार्यान्वित करेगी. यह कर्मचारियों, निदेशकों, न्यासियों और अन्य हितधारकों के लिए संदिग्ध धोखाधड़ी, अनुचित या अनैतिक व्यवहार, नियामकीय या कानूनी जरूरत के उल्लंघन या कामकाज के संचालन के बारे में चिंता व्यक्त करने का एक गोपनीय तंत्र होगा. व्हिसल-ब्लोअर की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे. कब से लागू होगा नया नियम इस सभी बदलावों के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने म्यूचुअल फंड नियमों में संशोधन किया है. ये बदलाव एक नवंबर से लागू होंगे. इसके बाद शेयर बाजार की तरह म्‍यूचुअल फंड को लेकर भी नियम सख्‍त हो जाएंगे. इसका मतलब है कि नया नियम आने के बाद असेट मैनेजमेंट कंपनियों की जिम्‍मेदारी और जवाबदेही और बढ़ जाएगी. Tags: Business news, Mutual fund, Mutual fund investorsFIRST PUBLISHED : August 5, 2024, 15:18 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed