ये क्‍या हुआ! सुस्‍त पड़ गया उद्योगों का पहिया 7 महीने में सबसे कम उत्‍पादन

Manufacturing PMI : देश की विकास दर सुस्‍त होने के बाद आर्थिक मोर्चे पर एक और परेशान करने वाली खबर है. अगस्‍त में देश का विनिर्माण सूचकांक 7 महीने के निचले स्‍तर पर चला गया है. एचएसबीसी इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है क‍ि इस दौरान कारोबारियों का भरोसा भी कम हुआ है.

ये क्‍या हुआ! सुस्‍त पड़ गया उद्योगों का पहिया 7 महीने में सबसे कम उत्‍पादन
हाइलाइट्स अगस्‍त में देश का विनिर्माण पीएमआई 57.5 रहा. जुलाई में देश का विनिर्माण पीएमआई 58.1 था. कारोबारी भरोसा भी एक साल के निचले स्‍तर पर है. नई दिल्‍ली. देश के लिए अगस्‍त का महीना कुछ ठीक नहीं रहा और उत्‍पादन व बिक्री में खासी गिरावट दिखी. एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक’ (पीएमआई) अगस्‍त में 7 महीने में सबसे कम रही. मासिक सर्वेक्षण की सोमवार को जारी रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ. एचएसबीसी इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर अगस्त में धीमी रही क्योंकि उत्पादन व बिक्री जनवरी के बाद से सबसे कम दर से बढ़ी. इसके अलावा प्रतिस्पर्धी दबाव और मुद्रास्फीति की चिंताओं ने कारोबारी विश्वास को प्रभावित किया. रिपोर्ट के अनुसार, अगस्‍त में देश का विनिर्माण पीएमआई 57.5 रहा, जो जुलाई में 58.1 था. आपको बता दें कि पीएमआई के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार है, जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है. एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) प्रांजुल भंडारी ने कहा, अगस्त में भारतीय विनिर्माण क्षेत्र में विस्तार जारी रहा. हालांकि, विस्तार की गति थोड़ी धीमी रही. नए ठेकों और उत्पादन में मुख्य रुझान देखने को मिला. इस दौरान कुछ कारोबारियों ने मंदी के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा को एक मुख्य वजह बताया. ये भी पढ़ें – ATM मशीन है या बैंक का ब्रांच? अकाउंट खोलने, क्रेडिट कार्ड अप्लाई, लोन से लेकर FD तक होंगे सभी काम कारोबार में तेजी दिखी लेकिन विस्‍तार घटा सर्वेक्षण के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में नए कारोबार में तेजी से वृद्धि हुई, लेकिन विस्तार की गति सात महीने के निचले स्तर पर आ गई. इसी तरह, नए निर्यात ऑर्डर 2024 कैलेंडर वर्ष की शुरुआत के बाद से सबसे कम गति से बढ़े. कीमतों के मोर्चे पर, वस्तु उत्पादकों को अगस्त के दौरान लागत दबाव में कमी से लाभ हुआ है. कारोबारियों का भरोसा एक साल में सबसे कम सर्वेक्षण के अनुसार, कारोबारी आत्मविश्वास में कमी आई है जो अप्रैल 2023 के बाद सबसे निचले स्तर पर है. भंडारी ने कहा, ‘प्रतिस्पर्धी दबावों और मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं के कारण अगस्त में वर्ष के लिए कारोबारी दृष्टिकोण में थोड़ी नरमी आई है.’ एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 कंपनियों के समूह में क्रय प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है. विनिर्माण में सुस्‍ती का असर आम आदमी पर भी दिखेगा, क्‍योंकि इससे महंगाई बढ़ने और रोजगार में कमी आने की आशंका पैदा होती है. विकास दर भी सुस्‍त पड़ी आपको बता दें कि देश की विकास दर भी कुछ सुस्‍त पड़ी है. शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि अप्रैल-जून 2024-25 में घटकर 6.7 प्रतिशत रह गई. यह 15 महीने में सबसे कम है. इसकी मुख्य वजह कृषि व सेवा क्षेत्र का खराब प्रदर्शन रहा. अप्रैल-जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ा था. Tags: Business news, Business opportunities, Manufacturing sectorFIRST PUBLISHED : September 2, 2024, 13:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed