शादियों पर जमकर पैसे लुटा रहे भारतीय! रिजॉर्ट कल्चर ने बढ़ाया बजट
शादियों पर जमकर पैसे लुटा रहे भारतीय! रिजॉर्ट कल्चर ने बढ़ाया बजट
Wedding Expenses @ 2024 : कैट की रिपोर्ट बताती है कि भारतीयों ने अब शादी-विवाह में जमकर पैसा लुटाना शुरू कर दिया है. 2024 में शादी का औसत खर्च 30 लाख से ऊपर पहुंच गया है. डेस्टिनेशन वेडिंग भी अब जमकर हो रही है.
नई दिल्ली. भारतीय अब शादी-विवाह पर जमकर पैसे लुटा रहे हैं. साल 2024 में मध्य वर्ग और उच्च मध्य वर्ग ने भी शादी-विवाह पर जमकर खर्चा किया. हालिया रिपोर्ट बताती है कि अब 2020-2021 में शादी के बाजार में आई मंदी अतीत की बात लगने लगी है. जस्टडायल की दिसंबर में जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि महानगरीय शहरों में विवाह सेवाओं की मांग में 34 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इसमें राष्ट्रीय राजधानी में विवाह संबंधी खोजों में 44 प्रतिशत और रिजॉर्ट स्थल खोजों में चार गुना वृद्धि दिख रही है.
विवाह संबंधी सभी योजनाएं मुहैया कराने वाले वेडमीगुड सर्वेक्षण के अनुसार, इस वर्ष नवंबर तक विवाह बजट में सालाना आधार पर 6.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. औसत खर्च 35.6 लाख रुपये रहा है. वेडमीगुड अपने वेब तथा ऐप मंच पर मासिक आधार पर 18 लाख उपयोगकर्ताओं को सेवाएं प्रदान करता है. अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) द्वारा साझा किए गए आंकड़े भी इसी तरह के खर्चे का संकेत देते हैं.
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क्या कहते हैं आंकड़े
कैट के संस्थापक एवं महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि 2022 में औसत शादी का खर्च लगभग 20 लाख रुपये था. साल 2023 में यह बढ़कर 25 लाख रुपये हो गया, जबकि इस साल यह बढ़कर 30 लाख रुपये प्रति शादी पहुंच गया है. सोने और आभूषणों की कीमतें भी वर्ष भर बढ़ीं, जो शादी-ब्याह पर होने वाले खर्चों के संबंध में लोगों की मानसिकता को बताती है. नवंबर में देश का सोने का आयात चार गुना बढ़कर 14.86 अरब डॉलर हो गया.
सोने के भाव ने बढ़ाया खर्चा
जनवरी में सोने की कीमतें 63,500 रुपये प्रति 10 ग्राम थीं, जो दिसंबर में 80,000 रुपये के आसपास हैं. आंकड़ों के अनुसार, आयात में वृद्धि मुख्य रूप से त्योहार और शादी की मांग के कारण हुई. आभूषण विक्रेताओं ने कहा कि इस वर्ष केवल सोना ही नहीं, बल्कि वैकल्पिक आभूषणों की मांग भी बढ़ी है. इस साल ग्राहकों ने हल्के, बहुमुखी डिजाइन तथा प्रयोगशाला में तैयार हीरे व रत्न आभूषण जैसे विकल्पों को चुना.
डेस्टिनेशन वेडिंग का दौर लौटा
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण 2020 और 2021 में सबसे ज्यादा प्रभावित हुए ‘डेस्टिनेशन वेडिंग’ सेक्टर ने भी जोरदार वापसी की है. वेडमीगुड के अनुसार, हर चार में से एक शादी गृहनगर से बाहर किसी अन्य गंतव्य पर हुई. वेडमीगुड की संस्थापक महक शाहनी ने कहा कि शादियों में 2022 में इस खंड की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत थी, जो 2023 में बढ़कर 21 प्रतिशत हो गई और इस साल बढ़कर 26 प्रतिशत हो गई है.
Tags: Business news, Wedding Ceremony, Wedding FunctionFIRST PUBLISHED : December 29, 2024, 15:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed