नया साल आने से पहले भारत के लिए आई खुशखबरी! आम आदमी को भी होगा फायदा
नया साल आने से पहले भारत के लिए आई खुशखबरी! आम आदमी को भी होगा फायदा
FDI @ 2025 : देश में प्रत्यक्ष विदेश निवेश को लेकर साल 2025 के लिए भी अच्छी खबर सामने आ रही है. डीपीआईआईटी का कहना है कि सरकार की नीतियों के कारण विदेशी निवेशकों के लिए भारत आज भी पसंदीदा गंतव्य बना हुआ है.
नई दिल्ली. साल 2024 अब बीतने को है और नया साल एक बार फिर भविष्य की नई उम्मीदें लेकर आ रहा है. भारतीय अर्थव्यवस्था को भी साल 2025 से काफी उम्मीदें हैं और उद्योग एवं आंतरिक संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की मानें तो अगला साल भारत के लिए विदेशी निवेश के मोर्चे पर अच्छा साबित होने वाला है. डीपीआईआईटी का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितताओं और चुनौतियों के बावजूद भारत में 2024 में जनवरी से अब तक औसतन मासिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 4.5 अरब डॉलर से अधिक रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत सरकार के देश में निवेशक अनुकूल उपायों को बढ़ावा देने से 2025 में भी यह रुझान बरकरार रहने की उम्मीद है.
डीपीआईआईटी के अनुसार, निवेशक-अनुकूल नीतियां, निवेश पर मजबूत ‘रिटर्न’, कुशल कार्यबल, कम अनुपालन बोझ, छोटे उद्योग-संबंधी अपराधों को दूर करना, सुव्यवस्थित अनुमोदन तथा मंजूरी के लिए नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं विदेशी निवेशकों को भारत की ओर आकर्षित करने के लिए पर्याप्त मौके बना रही हैं. इसके अलावा, यह सुनिश्चित करने के लिए कि भारत एक आकर्षक तथा निवेशक-अनुकूल गंतव्य बना रहे, सरकार निरंतर आधार पर एफडीआई नीति की समीक्षा करती है.
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कितना रहा एफडीआई
इस साल जनवरी-सितंबर की अवधि में देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) करीब 42 प्रतिशत बढ़कर 42.13 अरब डॉलर हो गया. एक साल पहले इसी अवधि में एफडीआई प्रवाह 29.73 अरब डॉलर रहा था. एफडीआई प्रवाह अप्रैल-सितंबर 2024-25 में 45 प्रतिशत बढ़कर 29.79 अरब अमरीकी डॉलर हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 20.48 अरब अमरीकी डॉलर था. 2023-24 में कुल एफडीआई 71.28 अरब अमरीकी डॉलर रहा था.
क्या है 2025 से उम्मीद
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग में सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने बताया कि प्रवृत्ति के अनुसार देश 2025 में भी अच्छा एफडीआई आकर्षित करने का सिलसिला जारी रखेगा. भारत विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाकर, नियामक बाधाओं को हटाकर, बुनियादी ढांचे का विकास कर और कारोबारी माहौल में सुधार कर वैश्विक निवेशकों के लिए अपनी अर्थव्यवस्था को खोलना जारी रख रहा है.
10 साल में बढ़ा एफडीआई
बीते दस साल (2004-2024) के दौरान कुल 991 अरब अमेरिकी डॉलर का एफडीआई प्रवाह दर्ज किया गया, जिसमें से 67 प्रतिशत (667 अरब अमेरिकी डॉलर) सिर्फ 10 साल यानी 2014-2024 तक हासिल हुआ है. विनिर्माण क्षेत्र में एफडीआई इक्विटी प्रवाह में 69 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 2004-2014 में 98 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2014-2024 में 165 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया. भारत अब भी वैश्विक कंपनियों के लिए पसंदीदा निवेश गंतव्य है.
Tags: Business news, Foreign investment, Indian economyFIRST PUBLISHED : December 28, 2024, 20:07 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed