किसका च्‍यवनप्राश ज्‍यादा ताकतवर इसी बात पर कोर्ट में भिड़ गईं पतंजलि-डाबर

Patanjali vs Dabur : सर्दियों के मौसम में च्‍यवनप्राश तो आपने भी खूब खाया होगा, लेकिन पतंजलि और डाबर इस मुद्दे पर कोर्ट में भिड़ गई हैं कि किसका च्‍यवनप्राश ज्‍यादा बेहतर है.

किसका च्‍यवनप्राश ज्‍यादा ताकतवर इसी बात पर कोर्ट में भिड़ गईं पतंजलि-डाबर
नई दिल्‍ली. सर्दियां आते ही घर-घर में सुबह नाश्‍ते की शुरुआत च्‍यवनप्राश के साथ होने लगती है. बाजार में कई कंपनियां अपने ब्रांड के च्‍यवनप्राश बेचती हैं. हर कंपनी खुद को बेहतर भी बताती है, लेकिन इस बार मामला ज्‍यादा बढ़ गया है. च्‍यवनप्राश बनाने वाली वर्षों पुरानी कंपनी डाबर और पतंजलि अपने-अपने प्रोडक्‍ट को बेहतर बताते हुए कोर्ट के दरवाजे तक पहुंच गई हैं. अब दिल्‍ली हाईकोर्ट में इस बात की बहस चल रही है कि किसका च्‍यवनप्राश ज्‍यादा ताकतवर है. डाबर ने पतंजलि के हालिया विज्ञापन का विरोध करते हुए दिल्‍ली हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया है. डाबर इंडिया के प्रतिनिधि अखिल सिब्‍बल ने बताया कि पतंजलि का विज्ञापन उपभोक्‍ताओं को गुमराह करने वाला है और अन्‍य कंपनियों के च्‍यवनप्राश बनाने के तरीके व जानकारी पर सवाल खड़ा करता है. डाबर का कहना है कि पतंजलि अपने विज्ञापन के जरिये हमारे च्‍यवनप्राश ब्रांड को टार्गेट कर रही है. ये भी पढ़ें – आपको भी होना है अमीर! 2025 के लिए नोट कर लीजिए 6 गुरु ज्ञान, कभी नहीं डूबेगा आपका पैसा क्‍या बोली अदालत डाबर ने दिल्‍ली हाईकोर्ट की जज मिनी पुष्‍कर्ण की अदालत में बताया कि पतंजलि के विज्ञापन पर तत्‍काल रोक लगाई जाए, क्‍योंकि इससे कंपनी की साख पर असर पड़ रहा है. कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई जनवरी के आखिरी सप्‍ताह में सुनिश्चित कर दी. डाबर ने कोर्ट से तत्‍काल राहत की मांग की तो कोर्ट ने दोनों पक्षों को अपना तर्क रखने के लिए बोला है. डाबर का 61 फीसदी बाजार डाबर इंडिया के प्रतिनिधि अखिल सिबल ने बताया कि हमारी कंपनी ड्रग एंड कॉस्‍मेटिक एक्‍ट में पूर्व निर्धारित विधि के तहत ही च्‍यवनप्राश बनाती है. लेकिन, पतंजलि ने अपने विज्ञापन में हमारे प्रोडक्‍ट को ‘औसत’ बताया है, जो हमारे कारोबार को नुकसान पहुंचाने वाला है. डाबर इस कैटेगरी में भारतीय बाजार की 61 फीसदी हिस्‍सेदारी रखती है. क्‍या है पतंजलि के विज्ञापन में पतंजलि के विज्ञापन में बाबा रामदेव कहते हैं, ‘जिनको आयुर्वेद और वेदों का ज्ञान नहीं, चरक, शुश्रुत, धनवनतरि और च्‍यवनरिषि के परंपरा में ओरिजनल च्‍यवनप्राश कैसे बना पाएंगे.’ कंपनी का यह विज्ञापन तमाम टीवी चैनलों पर भी दिखाया जा रहा है और अखबारों में भी इसका विज्ञापन दिया गया है. डाबर का कहना है कि पतंजलि पहले भी इसी तरह के हथकंडे अपना चुकी है. पतंजलि के वकील जयंत मेहता ने अपना पक्ष रखने के लिए कुछ समय मांगा है. Tags: Baba ramdev, Business news, Patanjali ProductsFIRST PUBLISHED : December 25, 2024, 10:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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