शुभ समाचार: जीवन बीमा से जुड़े 2 नियम बदले सरेंडर वैल्यू और लोन पर बड़ा ऐलान
शुभ समाचार: जीवन बीमा से जुड़े 2 नियम बदले सरेंडर वैल्यू और लोन पर बड़ा ऐलान
IRDAI ने सभी जीवन बीमा बचत उत्पादों में पॉलिसी लोन की सुविधा अब अनिवार्य कर दी है. इसके अलावा, पॉलिसी सरेंडर कराने पर बेहतर सरेंडर वैल्यू उपलब्ध कराने का ऐलान किया है.
नई दिल्ली. देश में जीवन बीमा से जुड़े नियमों बनाने वाली और कंपनियों के कामकाज की देखरेख करने वाली संस्था IRDAI ने करोड़ों पॉलिसी धारकों को बड़ी राहत दी है. बीमा नियामक संस्था IRDAI ने सभी जीवन बीमा बचत उत्पादों में पॉलिसी लोन की सुविधा अब अनिवार्य कर दी है, जिससे पॉलिसीधारकों को नकदी संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही जीवन बीमा पॉलिसीधारकों को एक साल की अवधि के बाद पॉलिसी सरेंडर कराने पर बेहतर सरेंडर वैल्यू मिलेगी. लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के संबंध में सभी नियमों को को लेकर ‘मास्टर’ सर्कुलर बुधवार को जारी किया. इरडा ने कहा कि ‘फ्री-लुक’ अवधि अब 30 दिन की है. पहले यह अवधि 15 दिन थी. ‘फ्री-लुक’ अवधि में पॉलिसी के नियमों तथा शर्तों की समीक्षा करने के लिए समय प्रदान किया जाता है.
नए ‘मास्टर’ सर्कुलर में जनरल इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए नियामक द्वारा की गई इसी प्रकार की प्रक्रिया के बाद आया है. इरडा ने कहा, ‘‘ यह बीमा नियामक द्वारा पॉलिसीधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए उठाए गए सुधारों की सीरीज में एक महत्वपूर्ण कदम है. अब इनोवेशन को बढ़ावा देने, ग्राहक अनुभव और संतुष्टि को बढ़ाने के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध है.’’
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आंशिक निकासी की सुविधा
‘मास्टर’ सर्कुलर के अनुसार, पेंशन उत्पादों के तहत आंशिक निकासी की सुविधा की अनुमति दी गई है. इससे पॉलिसीधारकों को जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं जैसे बच्चों की उच्च शिक्षा या विवाह; आवासीय मकान/फ्लैट की खरीद/निर्माण; चिकित्सकीय व्यय तथा गंभीर बीमारी के उपचार के लिए अपनी विशिष्ट वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी.
बेहतर सरेंडर वैल्यू
नए नियमों में बीमा कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्पेशल सरेंडर वैल्यू कम से कम भुगतान की गई बीमा राशि, भुगतान किए गए भविष्य के लाभों और अर्जित और निहित लाभों के बराबर हो. इरडा ने कहा कि पॉलिसी को बंद करने के मामले में… इसे बंद करने वाले पॉलिसीधारकों और जारी रखने वाले पॉलिसीधारकों दोनों के लिए युक्तिसंगत तथा मूल्यपरक राशि सुनिश्चित की जाना चाहिए. परिपत्र में कहा गया, ‘‘ यदि बीमाकर्ता बीमा लोकपाल के निर्णय के विरुद्ध अपील नहीं करता है और उसे 30 दिन के भीतर क्रियान्वित नहीं करता है, तो शिकायतकर्ता को प्रतिदिन 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा.’’
बीमा कंपनियों से कहा गया कि वे निरंतरता में सुधार लाने, गलत बिक्री पर अंकुश लगाने तथा पॉलिसीधारकों को वित्तीय नुकसान से बचाने और उनके लिए दीर्घकालिक लाभ बढ़ाने के लिए तंत्र स्थापित करें.
Tags: Business news, Health Insurance, Insurance Policy, Life InsuranceFIRST PUBLISHED : June 13, 2024, 09:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed