नई दिल्ली. देश के कई इलाके इस वक्त भारी बारिश और बाढ़ की चपेट में हैं. हर साल बारिश और बाढ़ से कई शहरों और गांवों में लाखों घर तबाह या क्षतिग्रस्त हो जाते हैं. स्थानीय सरकार और प्रशासन कई मौकों पर आम नागरिकों को बारिश से होने वाले नुकसान की भरपाई करता है. स्थानीय स्तर पर प्रशासन सर्वे करके मुआवजा बांटता है. हालांकि, मुआवजा देने का फैसला सरकार या प्रशासन किसी इलाके में हुए भारी नुकसान के आकलन के बाद करती है. अक्सर शहरों में निचली बस्तियों में तेज बारिश और बाढ़ से बड़ी हानि होती है, जहां स्थानीय प्रशासन गरीब लोगों को मुआवजा बांटता है.
सवाल है कि अगर बारिश में घर-मकान, दुकान या अन्य संपत्ति को नुकसान हो तो सरकार से मुआवजे की गुहार कैसे लगाएं. इसका एक प्रोसेस होता है. बारिश और बाढ़ से आम नागरिकों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रशासन कुछ नियम तय करता है.
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जिला प्रशासन की जिम्मेदारी
किसी भी राज्य में बाढ़-बारिश या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान का आकलन करने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होती है. जिला कलेक्टर, आपदा के चलते आम आदमी को होने वाले नुकसान का सर्वे कराता है और फिर इस रिपोर्ट को राज्य सरकार को भेजी जाती है.
कहां लगाएं गुहार
-बारिश में घर या संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए शहर या गांव में संबंधित विभाग नगर पालिका या पंचायत में इसकी सूचना दें.
-आमतौर पर स्थानीय प्रशासन शहर या गांव में बाढ़-बारिश से होने वाले नुकसान का सर्वे कराने की सूचना देता है. इसमें सरकारी अधिकारी-कर्मचारी, हर परिवार से संपत्ति और जीवन से जुड़े नुकसान के बारे में पूछते हैं और उसका आकलन करते हैं.
-सर्वे के दौरान सरकारी कर्मचारी बाढ़ प्रभावित इलाकों के फोटो और वीडियो भी बनाते हैं और इन्हें जिला प्रशासन को सौंपा जाता है. डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन जिले में बाढ़-बारिश से होने वाले नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजते हैं.
-इसके बाद राज्य सरकार से राहत पैकेज के तौर पर मिलने वाली रकम को प्रभावित परिवारों में बांटा जाता है.
Tags: Business news, Crop Damage, Delhi heavy rain, Village floodsFIRST PUBLISHED : August 1, 2024, 12:07 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed