फिर जागा हिंडनबर्ग का जिन्‍न! अडाणी के साथ एक और दिग्‍गज कारोबारी को लपेटा

Hindenburg Report : 16 महीने की खामोशी के बाद हिंडनबर्ग की आग एक बार फिर भारतीय शेयर बाजार पर छाने लगी है. इस बार हिंडनबर्ग ने अडाणी समूह के साथ एक और दिग्‍गज भारतीय कारोबारी को आरोपों के घेरे में लपेटा है. आज दोनों ही कंपनियों के शेयरों में गिरावट दिख रही है.

फिर जागा हिंडनबर्ग का जिन्‍न! अडाणी के साथ एक और दिग्‍गज कारोबारी को लपेटा
हाइलाइट्स सेबी ने हिंडनबर्ग को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. हिंडनबर्ग ने इस बार उदय कोटक का नाम भी लिया है. अमेरिकी कंपनी ने सेबी की कार्रवाई को गैरजरूरी बताया. नई दिल्‍ली. करीब डेढ़ साल की खामोशी के बाद हिंडनबर्ग का जिन्‍न फिर बोतल से बाहर आ गया है. इस बार अडाणी समूह के साथ-साथ एक और दिग्‍गज भारतीय कारोबारी को आरोपों के घेरे में लपेटा है. हिंडनबर्ग के इस बयान का असर भी आज शेयर बाजार पर दिखा जब कंपनी के शेयरों में गिरावट दिखी. इससे पहले भारतीय बाजार नियामक सेबी ने हिंडनबर्ग को कारण बताओ नोटिस जारी कर अडाणी समूह पर लगाए आरोपों पर जवाब मांगा. अमेरिकी शोध कंपनी ने इस नोटिस को अनावश्‍यक कार्रवाई बताया और इसके बाद नया बयान जारी कर एक और भारतीय कंपनी पर आरोपों के तीर चलाए. अमेरिकी ‘शॉर्ट-सेलर’ एवं निवेश शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने दावा किया है कि अरबपति बैंकर उदय कोटक ने बैंक के साथ-साथ ‘ब्रोकरेज’ कंपनी की स्थापना की और एक अज्ञात निवेशक द्वारा इस्तेमाल किए गए विदेशी कोष की देखरेख की. इसका इस्तेमाल अडाणी समूह के शेयरों में गिरावट से लाभ उठाने के लिए किया गया. ये भी पढ़ें – आईटीआर भरने से पहले जान लीजिए New Tax Regime के 6 बड़े बदलाव, पहली बार टैक्‍स बचाने का मौका पहले क्‍या लगाए थे आरोप हिंडनबर्ग ने जनवरी, 2023 में अदाणी समूह पर शेयरों के भाव में हेराफेरी और वित्तीय गड़बड़ियों का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी. इसके बाद अदाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई थी. इस रिपोर्ट के लिए अमेरिकी कंपनी को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कारण बताओ नोटिस भी मिला है. हिंडनबर्ग ने भी बनाया पैसा अमेरिकी शॉर्ट सेलर ने कहा कि उसने खुलासा किया था कि उसने समूह के खिलाफ दांव लगाया और उसे केवल 40 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक का लाभ हुआ. सेबी के कारण बताओ नोटिस को ‘धमकाने का प्रयास’ करार देते हुए हिंडनबर्ग ने पूछा कि बाजार नियामक ने कोटक का नाम क्यों नहीं लिया. हिंडनबर्ग ने कहा कि जनवरी, 2023 की रिपोर्ट में, ‘एक निवेशक संबंध’ से बनाई गई ‘शॉर्ट पोजिशन’ से संबंधित लाभ के जरिये करीब 41 लाख डॉलर का सकल राजस्व अर्जित किया गया और अडाणी यूएस बॉन्ड के जरिये करीब 31,000 डॉलर का लाभ कमाया. हालांकि, उसने निवेशक के नाम का खुलासा नहीं किया. अब कोटक पर निशाना हिंडनबर्ग ने कहा, ‘सेबी के नोटिस में स्पष्ट रूप से उस पक्ष का नाम नहीं बताया गया है जिसका भारत से वास्तविक संबंध है. ‘कोटक बैंक’. भारत के सबसे बड़े बैंकों और ‘ब्रोकरेज’ कंपनियों में से एक है. इसकी स्थापना उदय कोटक ने की थी, जिसने हमारे निवेशक साझेदार द्वारा अडाणी के खिलाफ दांव लगाने के लिए इस्तेमाल किए गए विदेशी कोष ढांचे का निर्माण तथा देखरेख की थी. इसके बजाय नियामक ने केवल के-इंडिया ऑपर्च्युनिटीज फंड का नाम रखा और कोटक नाम के स्थान पर केएमआईएल का नाम रख दिया. केएमआईएल का तात्पर्य कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड से है, जो एक परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी है. कोटक पर लगाए आरोप हिंडनबर्ग ने कहा, बैंक के संस्थापक उदय कोटक ने व्यक्तिगत रूप से सेबी की 2017 की ‘कॉरपोरेट गवर्नेंस’ समिति का नेतृत्व किया था. हमें संदेह है कि सेबी द्वारा कोटक या कोटक बोर्ड के किसी अन्य सदस्य का उल्लेख न करना शायद एक और शक्तिशाली भारतीय व्यवसायी को जांच की संभावना से बचाने का प्रयास है. सेबी ऐसा करता प्रतीत होता है. कोटक और अडाणी के शेयरों में गिरावट शेयर बाजार में आज अडाणी इंटरप्राइजेज और कोटक महिंद्रा बैंक दोनों ही कंपनियों के शेयरों में गिरावट दिखी है. कोटक के शेयरों में 2.11 फीसदी की गिरावट दिखी और शेयर 1,769.90 रुपये के भाव पर आ गए. दूसरी ओर, अडाणी इंटरप्राइजेज के स्‍टॉक में 1 फीसदी से ज्‍यादा गिरावट दिखी और भाव 3,150.35 रुपये पर आ गए. Tags: Adani Group, Business news, Hindenburg Report, Kotak Mahindra BankFIRST PUBLISHED : July 2, 2024, 15:49 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed