चीजें होंगी सस्ती माल ढुलाई का खर्च होगा कम बनेंगे हाईस्पीड कॉरिडोर
चीजें होंगी सस्ती माल ढुलाई का खर्च होगा कम बनेंगे हाईस्पीड कॉरिडोर
मंत्रालय के अनुसार मौजूदा समय ट्रकों की औसत स्पीड 47 किमी. प्रति घंटे की है. इसे बढ़ाकर 85 किमी. तक ले जाने की तैयारी है. इसके लिए हाईस्पीड कॉरिडोर बनाए जाएंगे.
नई दिल्ली. आम लोगों के लिए राहत भरी खबर है. सरकार लाजिस्टिक की लागत कम करने के तैयारी कर रही है. इसके लिए काम भी शुरू हो गया है. ट्रकों के लिए हाईस्पीड कॉरिडोर बनाए जाएंगे, जिससे ट्रक कम समय में बगैर रुके सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचा सकेंगे. इस तरह लाजिस्टिक की लागत कम होगी और इसका सीधा असर चीजों पर पड़ेगा, वो भी सस्ती होंगी. सड़क परिवहन मंत्रालय में हाई स्पीड कॉरिडोर को लेकर एक बैठक आयोजित की गयी.
मंत्रालय के अनुसार मौजूदा समय ट्रकों की औसत स्पीड 47 किमी. प्रति घंटे की है. इसे बढ़ाकर 85 किमी. तक ले जाने की तैयारी है. औसत स्पीड की तुलना यूएस और चीन से की जाए तो यूएस में 100 किमी. और चीन में 90 किमी. औसत स्पीड है. यही वजह है कि वहां पर लाजिस्टिक लागत कम है. चीन में लाजिस्टिक आठ फीसदी और यूएस में 12 फीसदी के करीब है.
जल्द शुरू होगा काम
ट्रकों की औसत स्पीड बढ़ाने के लिए हाई स्पीड कॉरिडोर बनाए जांएगे. मौजूदा समय देश में केवल 3900 किमी. का हाई स्पीड कॉरिडोर है. अगले तीन साल में साल 2026 से 2027 तक करीब 7000 किमी. और निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है. इस तरह हर साल करीब 2500 किमी. हाईस्पीड कॉरिडोर का निर्माण होगा. इसके लिए कॉरिडोर चिन्हित किए जा चुके हैं.मंत्रालय के अनुसार इनका काम भी जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा.
लाजिस्टिक लागत नौ फीसदी तक लाने की तैयारी
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी पूर्व में कई बार कह चुके हैं कि लाजिस्टक लागत नौ फीसदी तक लाई जाएगी. इस संबंध में मंत्रालय में मीटिंग की गयी है और हाईस्पीड कॉरिडोर के निर्माण में तेजी लाने मंथन हुआ है.
73 फीसदी माल ढुलाई सड़क मार्ग से
मौजूदा समय 73 फीसदी माल ढुलाई सड़क मार्ग से होती है. हाई स्पीड कॉरिडोर के निर्माण से जिस माल को देश के एक कोने से दूसरे में पहुंचाने में कई दिन लगते हैं, वो जल्दी पहुंचाया जा सकेगा. इससे समय और ईंधन दोनों की बचत होगी.
Tags: Business news, Construction work, Road and Transport MinistryFIRST PUBLISHED : June 25, 2024, 13:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed