आखिर धान की रोपाई करते वक्त महिलाएं क्यों गाती हैं गीत जानें दिलचस्प वजह
आखिर धान की रोपाई करते वक्त महिलाएं क्यों गाती हैं गीत जानें दिलचस्प वजह
Farming Traditions: खेती-किसानी करते वक्त किसान बहुत कुछ करते हैं. महिलाएं तो धान की रोपाई करते वक्त गीत भी गाती हैं. जानें इस आर्टिकल में कि आखिर ऐसा होता क्यों है.
सनन्दन उपाध्याय/बलिया: खेतों में महिलाएं सालों से काम कर रही हैं. यह बात तो सब जानते हैं. लेकिन महिलाओं द्वारा खेत में निभाई जाने वाली परंपरा के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. दरअसल, धान की रोपाई करते हुए महिलाएं गीत के माध्यम से बहुत कुछ बयां करती हैं. धान के पौधे को जीवनदान देते समय ये महिलाएं कभी भगवान को याद कर रही हैं, तो कभी अपने पति को. ऐसा माना जाता है की खुशहाली और पुरानी परंपरा से तैयार होने वाला खाने वालों को अन्न सकारात्मक एनर्जी देता है.
धान की रोपाई करते हुए क्यों गाती हैं महिलाएं?
इतिहासकार डॉ. शिवकुमार सिंह कोशिकेय ने बताया कि यह जो धान की रोपनी करते समय महिलाएं गीत गा रही हैं, यह बहुत पुरानी परंपरा है. इन महिलाओं के गीत बहुत कुछ बयां करते हैं. वो कभी ईश्वर, काले बादल तो कभी अपने पतिदेव को याद करती हैं. ऐसे में उपजे अनाज खाने से शरीर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. डॉ. शिवकुमार ने बताया कि यह परंपरा सालों से चलती आ रही है.
कुछ यूं करती हैं महिलाएं धान की रोपाई…
बलिया जनपद के धर्मपुरा गांव में धान की रोपनी कर रही तमाम महिलाओं ने लोकल 18 को परंपराओं के गीत सुनाए. उन्होंने कभी गीत के माध्यम से फसल अच्छी हो इसके लिए वो भगवान राम से दुआ कर रही हैं. महिलाओं ने बताया कि एक बीघा की रोपनी लगभग 2 घंटे में 12 लोग मिलकर पूरा करते हैं. इसके लिए उन्हें 2 हजार रुपये दिए जाते हैं.
भारत की अनोखी परंपराएं
रोपाई करते वक्त महिलाओं का गीत गाना खास है. जैसे बच्चे पर दादी-नानी गीत गाया करती हैं. ठीक उसी तरह फसल को उगाते और रोपाई करते वक्त कई नियमों का पालन किया जाता है.
Tags: Agriculture, Local18FIRST PUBLISHED : July 15, 2024, 11:28 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed