अभिषेक जायसवाल/वाराणसी: भगवान विश्वकर्मा को देव शिल्पी कहा जाता है. इन्हें ब्राह्मण का सबसे बड़ा वास्तुकार भी कहते हैं. हर साल 17 सितंबर को उनकी जयंती मनाई जाती है. इस बार मंगलवार के दिन भगवान विश्वकर्मा की जयंती है. इस दिन को विश्वकर्मा दिवस भी कहते है.
इस दिन फैक्ट्री,कारखाने में मशीन और पुर्जे की पूजा का विधान होता है. देशभर में इस दिन को बेहद धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन किस मुहूर्त में भगवान विश्वकर्मा की पूजा करें? क्या है पूजन का आसान तरीका? आइए जानते है काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय से.
कौन करता है विश्वकर्मा पूजा?
काशी के पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि मशीनरी के काम से जुड़े लोग भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते है. ताकि उनका कौशल और भी निखर सकें. आमतौर पर लोग फैक्ट्री, कारखाने और मशीनरी के काम से जुड़े स्थल पर इनकी पूजा पूरे विधि विधान से करते है.
विश्वकर्मा पूजा शुभ मुहूर्त क्या है?
पंचांग के अनुसार इस बार 17 सितंबर को भगवान विश्वकर्मा के पूजन के लिए सुबह 7 बजकर 21 मिनट से 11 बजकर 42 मिनट तक का समय सबसे शुभ है. इस मुहूर्त में ही भगवान विश्वकर्मा की पूजा करना चाहिए.
विश्वकर्मा पूजा विधि
इस दिन अपने कार्यस्थल पर लोग आसान विधि से पूजा करें. सबसे पहले उन्हें ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना चाहिए. इसके बाद पूजा वाले स्थान की साफ-सफाई कर वहां एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर उसपर भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर या कोई छोटी प्रतिमा रखनी चाहिए.
हवन जरूर करें
उसके बाद उस स्थान को फूलों से सजाना चाहिए और फैक्ट्री और कारखाने में उपयोग होने वाले पुर्जे को भी उनके सामने रख उन पर कलावा बांधकर उसकी पूजा करनी चाहिए. पूजा के दौरान फल, मिष्ठान जरूर अर्पण कर हवन करना चाहिए. इसके बाद भगवान विश्वकर्मा का प्रसाद भी लोगों में वितरण करना चाहिए.
Tags: Dharma Aastha, Local18, UP news, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : September 16, 2024, 12:53 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed