वॉशिंगटन. संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देने की पूरा प्रयास करेगा. यह आज और भी जरूरी हो गया है क्योंकि कोरोना महामारी के वक्त विकासशील देशों को अपनी सुरक्षा खुद करने के लिए उनके हाल पर छोड़ दिया गया. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह सहयोग दुनिया के दक्षिण देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, पर्यावरण और तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग का एक व्यापक ढांचा है. रुचिरा कंबोज ने कहा कि त्रिकोणीय मदद एक सहयोग है जिसमें पारंपरिक दाता देश और बहुपक्षीय संगठन वित्त पोषण, प्रशिक्षण, प्रबंधन और तकनीकी प्रणालियों के साथ-साथ समर्थन के अन्य तरीकों से सुविधा प्रदान करते हैं.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह एशिया और प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग का एक अहम कारक है और इसके जरिये दक्षिण व्यापार, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और प्रोद्योगिकी हस्तांतरण में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक राजदूत रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत में हमारा मानना है कि दक्षिणी और त्रिकोणीय सहयोग, बहुपक्षीय तरीके से करना सही है. विकास के लिए काम करना सही चीज हैं. भारत बहुपक्षवाद के लिए प्रतिबद्ध है और वह यूएन में दक्षिण सहयोग का समर्थन करता है. वह ‘ग्लोबल साउथ-साउथ डेवलपमेंट एक्सपो’ में शांति और विकास के लिए दक्षिण-दक्षिण और त्रिकोणीय सहयोग पर संयुक्त राष्ट्र राजनीतिक और शांति निर्माण (यूएन डीपीपीए) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा आयोजित एक संयुक्त पक्ष कार्यक्रम में बोल रही थीं.
इस आयोजन का उद्देश्य राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तरों पर संयुक्त राष्ट्र की सभी गतिविधियों के प्रभाव को बढ़ाने के लिए दक्षिण-दक्षिण और त्रिकोणीय सहयोग के लिए रणनीतिक, समन्वित और सुसंगत नीति और कार्यक्रम संबंधी समर्थन को बढ़ाने के उपायों का पता लगाना है.
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Tags: UNFIRST PUBLISHED : September 15, 2022, 04:48 IST