RG Kar College: ग्रेजुएट ट्रेनी को फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट कह रही कोलकाता पुलिस

Kolkata Doctor Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के बाद क्राइम सीन पर पहुंचे लोगों में डॉक्टर अविक डे भी थे जोकि ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर हैं न कि फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट. IMA ने बयान जारी कर कोलकाता पुलिस को...

RG Kar College: ग्रेजुएट ट्रेनी को फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट कह रही कोलकाता पुलिस
Kolkata Doctor Case: क्राइम सीन से हुई छेड़छाड़ के सवालों पर पुलिस की सफाई को लेकर मेडिकल असोसिएशन ने कड़क शब्दों में सवाल खड़े किए हैं. कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की मौत के बाद क्राइम सीन से जुड़ी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इस वायरल तस्वीर को लेकर अंदेशे जताए जा रहे हैं कि मौका ए वारदात से छेड़छाड़ कर दी गई है. इस पर कोलकाता पुलिस ने कहा कि वे सब जांच पड़ताल में शामिल लोग थे लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है. IMA ने पुलिस की सफाई पर आपत्ति जताई है और सीबीआई को इस पर जांच करने की गुजारिश की है. मेडिकल असोसिएशन की बंगाल ब्रांच ने बयान जारी करके कहा कि कृपया हमें बताएं कि डॉक्टर अविक डे कब फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट बने? (जैसा कि कोलकाता पुलिस ने बताया है). जैसा कि हम सभी जानते हैं, वह सेठ सुखलाल करनानी मेमोरियल हॉस्पिटल (एसएसकेएम) अस्पताल के सर्जरी विभाग के फर्स्ट ईयर के पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी हैं. आईएमए ने सीबीआई से मामले का संज्ञान लेने और उससे पूछताछ करने की गुजारिश की है कि वह क्राइम सीन पर क्या कर रहा था क्योंकि उसका आरजी कर अस्पताल से कोई लेना देना नहीं है. सेमिनार हॉल में क्राइम सीन के पास लोगों की भीड़ कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल से 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर का जहां शव बरामद हुआ था, वहां की एक वायरल तस्वीर में देखा जा रहा है कि लोगों की भीड़ से वह जगह अटी पड़ी है. कोलकाता पुलिस डीसीपी सेंट्रल इंदिरा मुखर्जी ने कहा कि तस्वीर में दिख रहे सभी लोग उस वक्त वहां होने के लिए पूरी तरह अथॉराइज थे और उनकी पहचान कर ली गई है. उन्होंने बाकायदा नाम बताए और कहा कि यह तस्वीर या वीडियो उस समय का है जब जांच पूरी हो गई थी. (इस बारे में पूरी खबर यहां क्विक करके पढ़ सकते हैं) मेडिकल असोसिएशन ने विस्तृत बयान में क्या कहा… इस बयान में आरोप लगाया गया कि डॉक्टर डे का पीजी कोर्स में एडमिशन भी संदेह के घेरे में है. ऐसा कहा जाता है कि हालांकि डॉक्टर अविक डे बर्दवान मेडिकल कॉलेज में आरएमओ के रूप में काम करते थे लेकिन उस कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल डॉक्टर कौस्तव नायक ने उन्हें एक गलत सर्टिफिकेट दिया. IMA ने बयान जारी कर कोलकाता पुलिस के दावे पर आपत्ति जताई इसमें कहा गया कि वे अनामॉय अस्पताल में काम करते हैं ताकि उन्हें पीजी एडमिशन में सर्विस कोटा मिल जाए, सभी आधिकारिक कागजात में हेराफेरी की गई और बदले में पहले इंटरव्यू के रिजल्ट की घोषणा किए बिना या उसे रद्द किए बिना ही डॉ कौस्तव नायक को दूसरे इंटरव्यू के जरिए से डीएमई बनाया गया. इसके कारण कई दूसरे सीनियर और काबिल प्रिंसिपलों को पीछे छोड़ दिया गया. Tags: Indian Medical Association, Kolkata News, Photo ViralFIRST PUBLISHED : August 31, 2024, 14:43 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed