जानिए वीरांगना महारानी दुर्गावती की कहानी युद्ध के मैदान में त्याग दिया था प्राण गोंडवाना के स्वर्ण काल की रानी
जानिए वीरांगना महारानी दुर्गावती की कहानी युद्ध के मैदान में त्याग दिया था प्राण गोंडवाना के स्वर्ण काल की रानी
नई दिल्ली. आजादी और स्वाभीमान के लिए अपने प्राणों को अर्पित करने वाली महान वीरांगना महारानी दुर्गावती की 24 जून यानी कि आर पुण्यतिथि है. हर वर्ष 24 जून को बलिदान दिवस के रूप में रानी दुर्गावती की पुण्यतिथि मनाई जाती है. इस खास मौके पर राजनेताओं के साथ-साथ आम जनमानस भी महारानी दुर्गावती को याद कर रहा है. मध्य प्रदेश के सीएम, मंत्री व पूर्व सीएम ने भी ट्वीट कर महारानी दुर्गावती को याद किया.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा कि चन्देलों की बेटी थी,गौंडवाने की रानी थी, चण्डी थी रणचण्डी थी,वह दुर्गावती भवानी थी. स्वाधीनता एवं मातृभूमि के गौरव के लिए प्राणों को अर्पण कर देने वाली, महान वीरांगना रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस पर नमन करता हूं. आपकी गौरवगाथा सदैव भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगी. (फोटो- ट्विटर)
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वीरांगना रानी दुर्गावती का जन्म कालिंजर के किले में राजा कीरत सिंह के यहां 5 अक्टूबर, 1524 को दुर्गाष्टमी के दिन हुआ था. वीरांगना रानी दुर्गावती की माता का नाम कमलावती थी. (फाइल फोटो)
महारानी दुर्गावती के पति दलपत शाह का मध्य प्रदेश के गोंडवाना क्षेत्र में रहने वाले गोंड वंशजों के 4 राज्यों, गढ़मंडला, देवगढ़, चंदा और खेरला, में से गढ़मंडला पर अधिकार था. दुर्भाग्यवश रानी दुर्गावती से विवाह के 4 वर्ष बाद ही राजा दलपतशाह का निधन हो गया. (फोटो- Wikimedia Commons)
रानी दुर्गावती ने 16 वर्ष तक गोंडवाना पर शासन किया और इसी को गोंडवाना साम्राज्य का स्वर्ण युग माना जाता है. 24 जून 1564 को युद्ध के दौरान वीरांगना महारानी दुर्गावती का युद्ध के दौरान निधन हो गया. ( फोटो- Shutterstock)
युद्ध के दौरान पहले एक तीर उनकी भुजा में लगा, रानी ने उसे निकाल फेंका. दूसरे तीर ने उनकी आंख को बेध दिया, रानी ने इसे भी निकाला पर उसकी नोक आंख में ही रह गयी. इसके बाद तीसरा तीर उनकी गर्दन में आकर धंस गया. अंत समय निकट जानकर रानी ने वजीर आधारसिंह से आग्रह किया कि वह अपनी तलवार से उनकी गर्दन काट दे, पर वह इसके लिए तैयार नहीं हुआ. अतः रानी अपनी कटार स्वयं ही अपने सीने में भोंककर आत्म बलिदान के पथ पर बढ़ गयीं.
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Tags: Madhya pradesh newsFIRST PUBLISHED : June 24, 2022, 11:53 IST