हिमाचल हो या मध्य प्रदेश कांग्रेस में क्लेश राहुल संभाल पाएंगे मजबूत किला

Rift in Congress: मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने लंबे इंतजार के बाद नई कार्यकारिणी की घोषणा तो कर दी, मगर नई टीम के सामने आने के बाद से ही कांग्रेस में कलह शुरू हो गया है. ठीक ऐसा ही हाल हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में भी है. राहुल गांधी के लिए ये खटपट किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं हैं.

हिमाचल हो या मध्य प्रदेश कांग्रेस में क्लेश राहुल संभाल पाएंगे मजबूत किला
नई दिल्ली: सिर पर विधानसभा चुनाव हैं, पर भाजपा से लड़ने की बजाय कांग्रेस अपनों से ही परेशान है. देश में तीन राज्यों (हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक) में कांग्रेस की सरकार है. कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जहां सरकार तो नहीं है, मगर संगठन मजबूत है. उनमें से एक है मध्य प्रदेश. मगर अब उन राज्यों में भी क्लेश होता दिख रहा है, जहां कांग्रेस की स्थिति ठीकठाक है. जी हां, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में कांग्रेस के भीतर कुछ ठीक नहीं चल रहा है. कांग्रेस में अंदरूनी कलह की वजह से राहुल गांधी की टेंशन बढ़ रही है. महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में यह खटपट कहीं से भी राहुल गांधी के लिए अच्छी खबर तो नहीं ही हो सकती. दरअसल, हिमाचल प्रदेश से लेकर मध्य प्रदेश तक में कांग्रेस खटपट के दौर से गुजर रही है. सबसे पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस में क्या चल रहा है, उसे समझते हैं. मध्य प्रदेश में कांग्रेस की नई कार्यकारिणी पर कलह जारी है. जब से मध्य प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी का गठन हुआ है, तब से विवाद हो गया है. कांग्रेस के कई दिगग्ज नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है. कई दिग्गज नेताओं ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. दिलचस्प तो यह है कि कार्यकारिणी में पद न पाने वालों के साथ-साथ पद पाने वालों ने भी इस्तीफा दिया है. जीतू पटवारी की नई टीम अब सवालों के घेरे में है. एमपी में आपस में ही खटपट दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह से लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भैया भी जीतू पटवारी की नई टीम पर सवाल उठा चुके हैं. लक्ष्मण सिंह ने तो यहां तक कह दिया है कि कांग्रेस पार्टी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नहीं है, जो बंद कमरे में बैठकर कार्यकारिणी बना ली. वहीं, अजय सिंह राहुल भैया ने कहा कि अब तो कांग्रेस का भगवान ही मालिक है. सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता जीतू पटवारी के कामकाज के तरीके से खुश नहीं हैं. साथ ही सीनियरों को अनदेखा करने का भी आरोप लगा रहे हैं. जीतू पटवारी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं. भोपाल हो या मालवा या विंध्य क्षेत्र, हर जगह कांग्रेस में असंतोष के स्वर सुनाई दे रहे हैं. मध्य प्रदेश में कांग्रेस के भीतर कलह ऐसे वक्त में है, जब प्रदेश की दो सीट बुधनी और विजयपुर सीट पर उपचुनाव होना है. हिमाचल में क्यों कांग्रेस में खटपट अब हिमाचल कांग्रेस का भी हाल जान लेते हैं. हिमाचल प्रदेश में तो कांग्रेस की सरकार है. फिर भी यहां खटपट हैरान करने वाली बात है. हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में भी सबकुछ ठीक नहीं है. यही वजह है कि कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश की पूरी यूनिट ही भंग कर दी है. हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को अपनों से ही सियासी खेला किए जाने का डर सता रहा था. आनन-फानन में मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीते दिनों हिमाचल प्रदेश में जिला और ब्लॉक यूनिट के साथ-साथ पूरी प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) यूनिट को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया. केवल प्रतिभा सिंह की कुर्सी बची हुई है. दावा किया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन की वजह से एक्शन हुआ है. साथ ही प्रतिभा सिंह को कांग्रेस के भीतर गुटबाजी का भी डर था. इस वजह से उन्होंने आलाकमान को पूरी टीम बदलने को कहा. कांग्रेस के भीतर कलह खत्म करने की कोशिश कांग्रेस के भीतर गुटबाजी खत्म करना मकसद है या संगठन को मजबूत… यह बड़ा सवाल है. दिसंबर 2022 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी का पुनर्गठन नहीं किया गया है. सूत्रों का कहना है कि अब जो नई पीसीसी गठित होगी, उसमें सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व होगा क्योंकि कांग्रेस फिलहाल गुटबाजी से ग्रस्त है. अंदरूनी कलह के कारण पार्टी को राज्यसभा की एक सीट भाजपा के हाथों गंवानी पड़ी, क्योंकि इस साल की शुरुआत में संपन्न हुए चुनाव में कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी. कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए इससे दुखद बात और क्या हो सकती है कि जब राज्य में सरकार है, तब भी अंदरूनी कलह अपने चरम पर है. महाराष्ट्र चुनाव और झारखंड चुनाव सिर पर है, ऐसे में राहुल गांधी के लिए अपने दोनों मजबूत किले को संभालने की बड़ी चुनौती होगी. Tags: Congress, Himachal pradesh, Madhya pradesh, Rahul gandhiFIRST PUBLISHED : November 12, 2024, 14:15 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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