हनुमान जी की एकमात्र 751 किलो की गदा! पिता की इच्छा पर बनाया ये खास मंदिर
हनुमान जी की एकमात्र 751 किलो की गदा! पिता की इच्छा पर बनाया ये खास मंदिर
धर्मेश प्रताप यादव ने लोकल 18 को बताया कि हनुमान मंदिर के मुख्य द्वार पर स्थापित 751 किलो वजनी और 22 फुट की स्टील की विशालकाय गदा और दो कलश को बनाने में तीन माह का समय लगा. यह विशालकाय गदा और कलश गुजरात के आणंद जिले के कारीगरों ने बनाए हैं. पिता की इच्छा थी कि उनके गांव में हनुमान जी का मंदिर हो.
रायबरेली. आज हम आपको कलयुग के श्रवण कुमार से रूबरू कराने जा रहे हैं. उन्होंने पिता की इच्छा पूरी करने के लिए कुछ ऐसा काम किया, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. हम बात कर रहे हैं रायबरेली जिले के महाराजगंज कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत गजनीपुर गांव के रहने वाले धर्मेश प्रताप यादव के बारे में. वह जरात राज्य के आणंद जिले में स्टील का काम करते हैं. उनके पिता रामकुमार यादव का सपना था कि वह अपने गांव में मर्यादा पुरुषोत्तम राम के अनन्य भक्त हनुमान जी की एक मंदिर स्थापित करें और वह ऐसा मंदिर हो, जो यूपी ही नहीं बल्कि देश में कहीं दूसरी जगह न हो. यह इच्छा उन्होंने अपने बेटे से जाहिर की, तो धर्मेश ने पिता की इच्छा पूरी करने की ठान ली. 2012 में बजरंग बली के मंदिर की स्थापना हुई. यह मंदिर चर्चा में का विषय तब बना, जब उन्होंने यहां पर हनुमान जी की एक विशालकाय गदा भी स्थापित कराई. धर्मेश के मुताबिक, इस तरह की विशाल गदा यूपी ही नहीं बल्कि शायद पूरे देश में किसी मंदिर में देखने को मिले.
धर्मेश प्रताप यादव ने लोकल 18 को बताया कि हनुमान मंदिर के मुख्य द्वार पर स्थापित 751 किलो वजनी और 22 फुट की स्टील की विशालकाय गदा और दो कलश को बनाने में तीन माह का समय लगा. यह विशालकाय गदा और कलश गुजरात के आणंद जिले के कारीगरों ने बनाए हैं. पिता की इच्छा थी कि उनके गांव में हनुमान जी का मंदिर हो. पिता की इच्छा पूरी करने के लिए हमने पहले हनुमान जी के मंदिर की स्थापना की. बाद में उनकी विशालकाय गदा को मुख्य द्वार पर स्थापित कराया. मंदिर का निर्माण गुजराती शैली में किया गया है. मंदिर में स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा का मुकुट स्वर्ण धातु से बना हुआ है. इसमें हीरा भी जड़ा हुआ है, जो मुकुट की सुंदरता में चार चांद लगा रहा है.
कष्टभंजनदेव धाम नाम से जाना जाता है मंदिर
धर्मेश प्रताप यादव के पिता रामकुमार यादव ने लोकल 18 से कहा कि उनका पूरा परिवार हमेशा से प्रभु श्री राम और उनके सेवक हनुमान जी का भक्त रहा है. उनकी प्रबल इच्छा थी कि गांव में भी हनुमान जी का मंदिर स्थापित हो. उनके बेटे ने इस इच्छा को पूरा कर दिया. यह स्थान कष्टभंजनदेव धाम के नाम से जाना जाता है. काफी श्रद्धालु यहां आते हैं.
Tags: Hanuman mandir, Hanuman Temple, Local18, Raebareli NewsFIRST PUBLISHED : June 19, 2024, 13:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed