Jhansi Fort: झांसी किले में पीने के पानी के लिए भटकते रहते हैं सैलानी जानें क्यों
Jhansi Fort: झांसी किले में पीने के पानी के लिए भटकते रहते हैं सैलानी जानें क्यों
Jhansi Fort: झांसी के ऐतिहासिक किले में हर रोज देश-विदेश के पर्यटक आते हैं, लेकिन किले के अंदर पीने का पानी नहीं होने की वजह से सब परेशान रहते हैं. वर्तमान में यह किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित है. इसकी देखरेख के साथ सभी सुविधाएं देने की जिम्मेदारी एएसआई की है.
रिपोर्ट: शाश्वत सिंह
झांसी. यूपी के झांसी का ऐतिहासिक किला ना सिर्फ देश में बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर है. इसे देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक आते हैं. झांसी किले में घूमने के लिए वह टिकट भी खरीदते हैं. अधिकतर सैलानी तो ऑनलाइन टिकट बुक कराने के बाद यहां पहुंचते हैं, लेकिन किले के भीतर उन्हें मामूली सुविधाएं भी नहीं मिलती हैं. दरअसल पर्यटकों के लिए किले के भीतर पीने के पानी की व्यवस्था भी नहीं है क्योंकि सभी नल सूखे रहते हैं. इसके अलावा किले में कोई ऐसी दुकान या कैफेटेरिया भी नहीं है जहां से पानी खरीदा जा सके.
पीने के पानी के लिए भटकते हैं सैलानी
15 एकड़ में फैले इस किले को घूमने आए रिजवान खान ने कहा कि वह ऑनलाइन टिकट बुक करा कर अपने परिवार के साथ घूमने आए हैं. 45 मिनट से अधिक समय तक घूमने के बाद जब उनके बच्चों को प्यास लगी तो वह किले में पानी खोजने लगे, लेकिन पानी नहीं मिला. वहीं, अपने साथियों के साथ किला घूमने आए बाबूलाल यादव ने बताया कि पूरे किले में सिर्फ एक जगह पीने के पानी की व्यवस्था की गई है, लेकिन वहां भी पानी उपलब्ध नहीं है. किले के भीतर कोई ऐसी दुकान भी नहीं है जहां से पानी खरीदा जा सके. अगर हम बाहर चले गए तो दोबारा प्रवेश के लिए फिर नई टिकट लेनी पड़ती है.
अक्सर खराब हो जाती है मोटर
इस मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) की तरफ से किले की देखरेख करने वाले अभिषेक ने बताया कि पीने के पानी के लिए मोटर लगाई गई है. कभी बिजली न होने की वजह से या फिर मोटर खराब हो जाने की वजह से पानी नहीं भर पाता है. इसको ठीक करवाने में कुछ समय भी लगता है. ऐसे में पर्यटकों को कुछ समस्या का सामना करना पड़ता है. बता दें कि 1857 की क्रांति का गवाह रहे इस किले को पूरी दुनिया में जाना जाता है. वर्तमान में यह किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित है. इसकी देखरेख और इसमें सभी सुविधाएं देने की जिम्मेदारी भी एएसआई की है.
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Tags: Jhansi news, UP newsFIRST PUBLISHED : November 01, 2022, 12:15 IST