भूकंप से अब तक कच्छ की विकास यात्रा के भागीदार रहे पीएम मोदी करेंगे इन यादों से जुड़े म्यूजियम का उद्घाटन
भूकंप से अब तक कच्छ की विकास यात्रा के भागीदार रहे पीएम मोदी करेंगे इन यादों से जुड़े म्यूजियम का उद्घाटन
गुजरात (Gujarat) के विकास मॉडल ने पीएम नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) को न सिर्फ भारत की जनता के लिए रोल मॉडल बनाया बल्कि दुनिया भर के राजनेताओं को भी एक संदेश दिया कि जनभागीदारी किसी भी सरकारी योजना की अपार सफलता की कुंजी होती है.
हाइलाइट्सगुजरात के भुज में बने म्यूजियम का पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन विनाशकारी भूकंप से विकास कार्यों तक की याद दिलाएगा स्मृति वन 28 अगस्त को भुज में होंगे पीएम नरेंद्र मोदी
गुजरात (Gujarat) के विकास मॉडल ने पीएम नरेंद्र मोदी ( Prime Minister Narendra Modi) को न सिर्फ भारत की जनता के लिए रोल मॉडल बनाया बल्कि दुनिया भर के राजनेताओं को भी एक संदेश दिया कि जनभागीदारी किसी भी सरकारी योजना की अपार सफलता की कुंजी होती है. गुजरात मॉडल के भीतर ही एक और मॉडल तेजी से देश दुनिया के सामने आया. ये मॉडल है कच्छ के पुनर्निर्माण का. 2001 में गुजरात में आए भीषण भूकंप ने जो बर्बादी लायी उसमे कच्छ तो मानो बर्बाद ही हो गया था. भुज से लेकर गांवों में भी घर ध्वस्त हो गए थे. राहत अहमदाबाद तक पहुच रही थी लेकिन जहां बर्बादी हुई वहां पहुंचना मुश्किल हो रहा था. केन्द्र में ऐसी रिपोर्ट हर रोज आने लगी थी कि राहत सामग्री लोगों को पहुंच नहीं पा रही है. ऐसे में दिल्ली से बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव नरेन्द्र मोदी को राहत के कामों के समन्वय करने का जिम्मा सौप कर गुजरात भेजा गया. अहमदाबाद पहुंचने के बाद नरेन्द्र मोदी ने काम तो बखूबी संभाल लिया लेकिन कच्छ और भुज का विनाश उनके दिल को ऐसा छू गया कि वो भले ही राजनीति के शिखर पर पहुंचते चले गए हों लेकिन इस इलाके के विकास के लिए व्यक्तिगत रुप से निगरानी करते रहे और कभी कोई कमी नहीं आने दी.
गुजरात में आए भूकंप से मिली बड़ी सीख
आज भुज में भूकंप को आए 21वां साल है और पीएम मोदी का भी बतौर चुने गए प्रतिनिधि शीर्ष पर रहने का भी उतना ही समय हो गया है. लेकिन भुज की याद आते ही उनकी आंखों में चमक आ जाती है. एक पत्रकार के नाते मैंने भी इस सफर को व्यक्तिगत रुप से देखा है. जब गुजरात में भूकंप आया और बड़ी जिम्मेदारी सौंप कर बीजेपी के आला नेताओं ने उन्हें गुजरात भेजा तो भूकंप के ठीक अगले दिन वे दिल्ली से सुबह की पहली फ्लाइट से अहमदाबाद रवाना हो गए थे. संयोगवश मै भी उसी फ्लाइट से भूकंप की कवरेज के लिए गुजरात जा रहा था. पूरी फ्लाइट खाली थी, सिर्फ तीन चार लोग ही थे. भूकंप से वो पूरी तरह से आहत थे. कम ही बोले रहे थे लेकिन पूरे रास्ते वो गुजरात के पुनर्निर्माण की बात करते रहे और साथ ही गुजरात के लोगों की हर संकट से उबरने और निखर कर आगे आने की शक्ति पर ही बात करते रहे. मैं उनके साथ ही खानपुर के बीजेपी कार्यालय पहुंचा था. वहां पहुंचते ही बैठकों का दौर शुरु हो गया कि रणनीति बनने लगी कि कैसे राहत को हर जिले और हर घर तक पहुंचाना है. सरकार भी बीजेपी की ही थी फिर भी अपना काम तेजी से आगे बढ़ाने में नरेन्द्र मोदी को मुश्किलें भी आ रही थीं. लेकिन एक बार मन में ठान लिया था इसलिए मुश्किलें उनका रास्ता नहीं रोक सकीं.
पीएम भुज में संग्रहालय स्मृतिवन करेंगे देश को समर्पित
मैंने ये पुराना वाकया इसलिए दोहराया है कि आज की पीढ़ी को पता रहे कि जनता के हित में और उन्हें संकटों से उबारने के लिए पीएम मोदी जब कमर कस लेते हैं तो मुश्किलें लाख आएं लेकिन काम पूरा कर के ही दम लेते हैं. ये फार्मूला सीएम या फिर पीएम बनने के बाद का नहीं है. 21 साल बाद पीएम मोदी ने कच्छ और भुज को एक ऐसा रुप दे दिया है कि अब लोग दांतों तले उंगली दबा लें. रविवार यानि 28 अगस्त को पीएम मोदी भुज में होंगे और वहां एक संग्रहालय देश को समर्पित करेंगे. इसका संग्रहालय का नाम स्मृति वन रखा गया है. ये उन लोगों की श्रद्धांजलि है जिन्होंने 26 जनवरी 2001 को आए भूकंप में अपनी जान गंवायी थी. पीएम मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तभी उन्होने कच्छ में ऐसा एक संग्रहालय बनाने का संकल्प लिया था. कच्छ के पूरे पुनर्निर्माण और यहां के लोगों की इच्छाशक्ति को दर्शाने वाला ये संग्रहालय दुनिया भर के पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बनेगा.
स्मृतिवन होगा खास
इस संग्रहालय में एक स्टेट ऑफ द आर्ट थियेटर होगा जिसमें जाने वाले पर्यटक 2001 में आए भूकंप को महसूस कर सकेंगे. इस थियेटर का फ्लोर भूकंप की तरह झटके देगा, चारों तरफ लगी ऑटोमेटिक लाइटिंग और साउंड ऐसा महसूस कराएंगी कि मानो आप भूकंप के जोन में हों. भुज का ये स्मृति वन मेमोरियल प्रोजेक्ट 470 एकड़ जमीन पर बना है. भुजियो डुंगर के ऊपर बने इस संग्रहालय के पहले चरण में 170 एकड़ जमीन विकसित की गयी है. 50 चेक डैम, सन प्वाइंट, 300 साल पुराने किले की दीवार का पुनर्निर्माण, भूकंप से मरे 12,932 लोगों की नाम पट्टिका चैक डैम की दीवारों पर लगायी जा रही है. इसमें 8 ब्लॉक हैं जिसे रिबर्थ, रिबिल्ड, रिथिंक, रिडिस्कवर, रिस्टोर, रिलिव, रिन्यू और हर ब्लॉक अपने नाम के मुताबिक किसी खास टॉपिक पर पर्यटकों का ध्यान खींचेगी. 2001 में आए भूकंप से भुज की अब तक की यात्रा के बारे में पर्यटकों को कहानी सुनायी जाएगी. साथ ही वहां झलक मिलेगी हड़प्पा की सभ्यता और संस्कृति की. एक रियल टाइम कंट्रोल रुम भी बनाया गया है. करीब 3000 पर्यटकों की पार्किंग के लिए भी व्यवस्था की गयी है.
पर्यटकों को भूकंप में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देने का मौका
यहां आने वाले लोगों को विश्व स्तरीय अनुभव कराने के लिए वर्चुअल रियलिटी इंटरैक्टिव प्रोजेक्शन का सहारा लिया गया है. 50 ऑडियो विजुअल मॉडल, होलोग्राम, बनाए गए हैं और साथ ही फॉसिल की प्रदर्शनी भी रखी गयी है. यहां आने वाले पर्यटकों को भूकंप में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देने का मौका मिलेगा. एक डिजिटल फ्लेम जिसे टच पैनलों से ऐसा नजारा पेश करेगा मानों एक मशाल के रुप में रोशनी म्यूजियम के बाहर भी सुनायी देगी. इस संग्रहालय को बनाने में कच्छ में ही मिलने वाले स्थानीय पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है. इस पत्थर की खासियत ये है कि जैसे-जैसे ये पुराना होता जाएगा इसकी मजबूती और बढ़ती जाएगी और म्यूजियम भव्य नजर आएगा.
भूकंप को समर्पित ऐसे ग्लोबल म्यूजियम जापान और दक्षिण अफ्रीका में
जापान का कोबे भूकंप मेमोरियल म्यूजियम ऐसे लोगों की कहानी कहता है जो आपदा की मार से बचे और पुनर्निर्माण की प्रक्रिया कैसी रही इसका भी वर्णन करता है. भूकंप के बाद की स्थिति रही ये कहानी भी जापान के संग्रहालय में है. दक्षिण अफ्रीका में तुलभाग मेमेरियल म्यूजियम बनाया गया ताकि लोगों के भूकंप के अनुभव को साझा किया जा सके. यहां एक ऑडियो वीडियो प्रजेंटेशन से भूकंप पीडि़त लोग अपनी व्यथा भी बताते हैं और पुनर्निर्माण का अनुभव भी साझा करते हैं.
भुज का ये संग्रहालय भी अनूठा साबित होने वाला है क्योंकि ये सिर्फ 20 सालों में एक शहर के पुनर्निर्माण की कहानी कहेगा. साथ ही पीएम मोदी के उस संकल्प के पूरा होने का भी जो उन्होंने 21 साल पहले किया था. तय है ये संग्रहालय देश और दुनिया के पर्यटकों के आकर्णण का केन्द्र भी बनेगा.
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Tags: Gujarat, Prime Minister Narendra ModiFIRST PUBLISHED : August 26, 2022, 17:03 IST