बहराइच के भेड़िए उदयपुर का तेंदुआ जंगल की शान क्यों ले रहे इंसानों की जान
बहराइच के भेड़िए उदयपुर का तेंदुआ जंगल की शान क्यों ले रहे इंसानों की जान
केशव अग्रवाल बताते हैं कि जंगली जानवरों की आबादी में आने की घटनाएं पूरे देश भर में ही बढ़ी हैं.बहराइच में भेड़ियां, पीलीभीत में बाघ और उदयपुर में तेंदुआ का आंतक इन दिनों लगातार चर्चा में है. अगर उत्तर प्रदेश की बात करें तो पीलीभीत इस मामले में बहुत संवेदनशील है.
पीलीभीत. वैसे तो मानव-जंगली जानवरों के संघर्ष का इतिहास सदियों पुराना है लेकिन बीते कुछ दशकों में इन घटनाओं में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी हुई है. अगर पीलीभीत की बात करें तो एक दशक में इस समस्या ने यहां पर भयावह रूप लिया है. लेकिन इसके पीछे के भी कुछ कारण हैं.लगातार आबादी के बीच हिंसक जंगली जानवरों की बढ़ती सक्रियता को लेकर लोकल 18 टीम ने तकरीबन 3 दशकों से तराई आर्कलैंड के वन एवं वन्यजीवों से जुड़े मामलों को रिपोर्ट कर रहे वरिष्ठ पत्रकार व वन्यजीव विशेषज्ञ केशव अग्रवाल से ख़ास बातचीत की है.
केशव अग्रवाल बताते हैं कि जंगली जानवरों की आबादी में आने की घटनाएं पूरे देश भर में ही बढ़ी हैं.बहराइच में भेड़ियां, पीलीभीत में बाघ और उदयपुर में तेंदुआ का आंतक इन दिनों लगातार चर्चा में है. अगर उत्तर प्रदेश की बात करें तो पीलीभीत इस मामले में बहुत संवेदनशील है. पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की आबादी में आने का सबसे प्रमुख कारण है उनकी संख्या वन क्षेत्रफल के सापेक्ष अधिक होना. पीलीभीत टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल केवल 30-35 बाघों को स्थान देने के लिए ही पर्याप्त है. लेकिन आंकड़ों की मानें तो यहां 70 से भी अधिक बाघ हैं. वहीं पीलीभीत टाइगर रिज़र्व के जंगल चौड़ाई में काफी कम है यह चौड़ाई 3-5 किलोमीटर के बीच है. ऐसे में कई बार बाघ खेतों में पहुंच जाते हैं. जहां आवारा पशुओं के रूप में उन्हें आसान शिकार मिल जाता है. जिसके बाद खेतों में रहना उनकी प्रवृत्ति बन जाती है.
WWF द्वारा जारी रिपोर्ट ने जताया खतरे का अंदेशा
केशव अग्रवाल बताते हैं कि WWF ने 2022 में इन मामलों से जुड़ी एक रिपोर्ट जारी की थी. संस्था द्वारा किए गए अध्ययन में सामने आया कि वैश्विक स्तर पर वन्यजीवों के जंगली शिकार की संख्या में बहुत कमी आई है. वहीं अगर भारत की बात करें तो यहां यह आंकड़ा 55% दर्ज किया गया है.
Tags: Local18, Pilibhit news, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : September 21, 2024, 07:00 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed