आम के सहारे प्यार का पैगामपाक ने राहुल गांधी समेत कई MP को भेजे डिब्बे
आम के सहारे प्यार का पैगामपाक ने राहुल गांधी समेत कई MP को भेजे डिब्बे
पाकिस्तानी हाईकमीशन ने आम के सहारो प्यार का पैगाम देने की कोशिश की है. विपक्ष के 7 सांसदों को पाकिस्तान की ओर से आम से भरे पैकेट भेजे गए हैं. बीजेपी इसे लेकर सवाल उठा रही है.
पाकिस्तान का जब भी जिक्र आता है, तो हमें आतंकी ही नजर आते हैं. लेकिन इस बार वहां से प्यार का पैगात देने की कोशिश हुई है. पाकिस्तानी हाईकमीशन ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत 7 सांसदों को आम से भरे डिब्बे भेजे हैं. इसे मैंगो डिप्लोमेसी बताया जा रहा है. बता दें कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रही शेख हसीना भी भारतीय प्रधानमंत्रियों को हर साल आम के पैकेट भेजा करती थीं.
पाकिस्तान हाईकमीशन ने भारतीय सांसदों को आम भेजने की पुष्टि की है. हाईकमीशन सूत्रों के अनुसार हर साल आम पंरपरा के अनुसार भेजे जाते हैं. जिन सांसदों को पाकिस्तानी उच्चायोग की ओर से आम के पैकेट भेजे गए हैं, उनमें विपक्ष के नेता राहुल गांधी, राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल, तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर, रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिब्बुल्लाह नदवी, सपा के सांसद जिया उर रहमान बर्क, गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी और कैराना की सांसद इकरा हसन शामिल हैं.
सांसदों ने पहले किया इनकार
जैसे ही ये खबर सामने आई, पहले तो कई सांसदों ने आम मिलने से इनकार कर दिया. सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी के दफ्तर की ओर से बयान जारी किया गया. बताया गया कि उन्हें कोई पैकेट नहीं आया है. शशि थरूर ने भी कैमरे पर कहा कि उन्हें पाकिस्तान उच्चायोग से कुछ भी नहीं मिला है. थरूर ने कहा, मुझे न पहले कुछ पाक हाईकमीशन से आया न अभी आम आया.. लेकिन बाद में हाईकमीशन के सूत्रों ने इसकी पुष्टि कर दी कि सांसदों को आम भेजे गए हैं.
बीजेपी ने पूछा-आखिर ये रिश्ता क्या है?
उधर, बीजेपी ने इस मसले पर विपक्षी गठबंधन को आड़े हाथ लिया. केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा, पाकिस्तान ने आम भिजवाये हैं कहीं पाकिस्तान और कांग्रेस के बीच कोई नापाक साजिश तो नहीं हो रही है. कई और नेताओं ने कांग्रेस को घेरा. पूछा आखिर ये रिश्ता क्या है?
पहले भारत भी चीन को भेजता था आम
बता दें कि आम का इस्तेमाल वर्षों से डिप्लोमेसी के एक साधन के रूप में किया जाता रहा है. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भी भारतीय प्रधानमंत्रियों को हर साल आम भेजा करती थीं. उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी कई बार आम भेजे हैं. विदेश मंत्रालय की फाइलों से पता चलता है कि भारत ने 1950 के दशक में चीन युद्ध से पहले चीन के साथ भी इसी प्रकार की कूटनीति अपनाई थी.
Tags: India pakistan, Kapil sibbal, Rahul gandhi, SHASHI THAROORFIRST PUBLISHED : August 7, 2024, 19:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed