चीन समर्थक ओली फिर बने नेपाल के पीएम प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई

ओली एक नई गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे जो नेपाल में राजनीतिक स्थिरता प्रदान करने की कठिन चुनौती का सामना करेगी. ओली को अब 30 दिनों के भीतर संसद से विश्वास मत हासिल करना होगा. ओली को 275 सीट वाली प्रतिनिधि सभा में कम से कम 138 मतों की आवश्यकता होगी. सामवार को राष्ट्रपति भवन के मुख्य भवन शीतल निवास में राष्ट्रपति पौडेल ने ओली को शपथ दिलाई.

चीन समर्थक ओली फिर बने नेपाल के पीएम प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई
कठमांडू. के.पी. शर्मा ओली ने सोमवार को चौथी बार नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. नेपाल की सबसे बड़ी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता को रविवार को राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने नेपाल का प्रधानमंत्री नियुक्त किया. ओली (72) पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ की जगह लेंगे जो शुक्रवार को प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हासिल नहीं कर पाये। इसकी वजह से ओली के नेतृत्व में नयी सरकार का गठन हुआ. पीएम मोदी उनको बधाई देते हुए, दोनों देशों के बीच मैत्री के गहरे संबंधों को और मजबूत करने तथा परस्पर सहयोग को और बढ़ाने के लिए साथ मिलकर काम करने की उम्मीद जताई. ओली एक नई गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे जो नेपाल में राजनीतिक स्थिरता प्रदान करने की कठिन चुनौती का सामना करेगी. ओली को अब 30 दिनों के भीतर संसद से विश्वास मत हासिल करना होगा. ओली को 275 सीट वाली प्रतिनिधि सभा में कम से कम 138 मतों की आवश्यकता होगी. सामवार को राष्ट्रपति भवन के मुख्य भवन शीतल निवास में राष्ट्रपति पौडेल ने ओली को शपथ दिलाई. पीएम मोदी ने दी बधाई पीएम मोदी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, ‘नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में आपकी नियुक्ति पर @kpsharmaoli को बधाई. हम दोनों देशों के बीच दोस्ती के गहरे बंधन को और मजबूत करने तथा हमारे लोगों की प्रगति और समृद्धि के लिए हमारे पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को और बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं.’ Congratulations @kpsharmaoli on your appointment as the Prime Minister of Nepal. Look forward to working closely to further strengthen the deep bonds of friendship between our two countries and to further expand our mutually beneficial cooperation for the progress and prosperity… — Narendra Modi (@narendramodi) July 15, 2024

चौथी बार पीएम
यह चौथी बार है जब ओली ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. सबसे पहले ओली ने 11 अक्टूबर 2015 से तीन अगस्त 2016 तक देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. इस दौरान नई दिल्ली के साथ काठमांडू के संबंध तनावपूर्ण रहे, जिसका कारण उनका चीन के प्रति झुकाव था. इसके बाद वह पांच फरवरी 2018 से 13 मई 2021 तक फिर प्रधानमंत्री रहे.

विवादों से पुराना नाता
मई से जुलाई 2021 तक उनका छोटा कार्यकाल विवादास्पद रहा था क्योंकि नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी द्वारा उनके पीएम के रूप में नियुक्ति को असंवैधानिक करार देकर रद्द कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि ओली का प्रधानमंत्री पद पर बने रहना असंवैधानिक है. नेपाल को लगातार राजनीतिक उथल-पुथल का सामना करना पड़ा है और गणतंत्र प्रणाली लागू होने के बाद पिछले 16 वर्षों में देश ने 14 सरकारें देखी हैं.