चीन समर्थक ओली फिर बने नेपाल के पीएम प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई
ओली एक नई गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे जो नेपाल में राजनीतिक स्थिरता प्रदान करने की कठिन चुनौती का सामना करेगी. ओली को अब 30 दिनों के भीतर संसद से विश्वास मत हासिल करना होगा. ओली को 275 सीट वाली प्रतिनिधि सभा में कम से कम 138 मतों की आवश्यकता होगी. सामवार को राष्ट्रपति भवन के मुख्य भवन शीतल निवास में राष्ट्रपति पौडेल ने ओली को शपथ दिलाई.
चौथी बार पीएम
यह चौथी बार है जब ओली ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. सबसे पहले ओली ने 11 अक्टूबर 2015 से तीन अगस्त 2016 तक देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. इस दौरान नई दिल्ली के साथ काठमांडू के संबंध तनावपूर्ण रहे, जिसका कारण उनका चीन के प्रति झुकाव था. इसके बाद वह पांच फरवरी 2018 से 13 मई 2021 तक फिर प्रधानमंत्री रहे.
विवादों से पुराना नाता
मई से जुलाई 2021 तक उनका छोटा कार्यकाल विवादास्पद रहा था क्योंकि नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी द्वारा उनके पीएम के रूप में नियुक्ति को असंवैधानिक करार देकर रद्द कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि ओली का प्रधानमंत्री पद पर बने रहना असंवैधानिक है. नेपाल को लगातार राजनीतिक उथल-पुथल का सामना करना पड़ा है और गणतंत्र प्रणाली लागू होने के बाद पिछले 16 वर्षों में देश ने 14 सरकारें देखी हैं.