Opinion: नवीनता के सिर्फ पक्षधर ही नहीं बल्कि पीएम मोदी ने हर क्षेत्र में नया करके दिखाया भी
Opinion: नवीनता के सिर्फ पक्षधर ही नहीं बल्कि पीएम मोदी ने हर क्षेत्र में नया करके दिखाया भी
पीएम मोदी को करीब से जानने वाले लोग उन्हें एक टफ टास्क मास्टर के तौर पर जानते हैं. कहते हैं कि पीएम मोदी ने एक बार जो लक्ष्य तय कर लिया उसे पूरा किए बिना वो चैन से नहीं बैठते हैं. अपने दूसरे कार्यकाल में हर मंत्रालयों के काम-काज को और तेज गति देने के लिए उन्होंने खुद हर तीसरे महीने मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा करने का फैसला किया.
गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी ने 182 सीटों वाली गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए 160 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की। इनमें 38 चेहरे बिल्कुल नए हैं, जिन्हें पार्टी ने मैदान में उतारा है यानी मौजूदा 38 विधायकों का टिकट कटा है। ठीक इसी तरह हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए 62 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में पार्टी ने 11 मौजूदा विधायकों का पत्ता काटा था। दोनों राज्यों में बीजेपी ने करीब-करीब 20 प्रतिशत चेहरे बदल दिए हैं। इनमें ज्यादातर युवा चेहरे हैं।
हालांकि, विरोधी पार्टियां या चुनावी पंडित इसे एंटी-इन्कम्बेंसी फैक्टर बताने में पीछे नहीं हैं। हालांकि, इसको देखने का एक दूसरा नजरिया भी है। ज्यादातर राजनीतिक पार्टियां अपने स्थापित उम्मीदवारों या जीताऊ नेताओं की दावेदारी से कोई रिस्क उठाना नहीं चाहती हैं, लेकिन बीजेपी या यूं कहिए कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा ही इस मिथक को तोड़ा है। इसी साल की शुरुआत में हुए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड समेत 5 राज्यों में उम्मीदवारों का चयन इसका एक तरोताजा उदाहरण है।
नए चेहरों में जीत कितनों को मिलेगी ये तो गुजरात और हिमाचल की जनता तय करेगी और 8 दिसंबर को साफ होगा, लेकिन उम्मीदवारों की लिस्ट देखकर एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि नए चेहरों पर दांव लगाना और नए प्रयोगों को तवज्जो देना पीएम मोदी की सबसे बड़ी खूबी है। चाहे विशुद्ध चुनावी राजनीति की बात हो या फिर देश की दशा और दिशा तय करने वाली संस्थाएं हो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर क्षेत्र में नवीनता या युवा शक्ति के सिर्फ पक्षधर ही नहीं हैं बल्कि उन्होंने हर बार नया कर के दिखाया भी है। प्रधानमंत्री मोदी कहते भी हैं “युवा भारत का भविष्य हैं, ये युवा शक्ति न्यू इंडिया का आधारस्तंभ है और बीते 8 वर्षों में हमने इसे सशक्त करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। युवाओं के लिए हर जरूरी पहल की गई है।
नवाचार के प्रति पीएम मोदी की प्रतिबद्धता का ये कोई इकलौता मामला नहीं है। विकास के लिए पीएम मोदी ‘4पी’ को मूल मंत्र मानते हैं। 4पी यानी पोटेंशियल, पॉलिसी, प्लानिंग और परफॉर्मेंस। मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही एक योजना शुरू की थी, बिना यूपीएससी की परीक्षा पास किए भी टैलेंटेड युवाओं के लिए ब्यूरोक्रैसी में डायरेक्ट एंट्री का मौका देने की योजना। इसे भी पीएम मोदी के नवाचार की कोशिशों से जोड़कर देखा जा सकता है। योजना के तहत प्राइवेट सेक्टर से जुड़े काबिल युवा भी केंद्र सरकार में बड़े अधिकारी बन सकते थे। अलग-अलग विभागों में संयुक्त सचिव स्तर के लिए कुल 10 पदों की वेकेंसी निकाली गई थी। 40 वर्ष तक के उम्र के लोगों ये वेकेंसी 3 से 5 साल तक के लिए थीं।
पॉलिटिक्स हो या ब्यूरोक्रैसी या फिर देश को आगे ले जाने के लिए नीति निर्धारक संस्थाएं हों। हर जगह पीएम मोदी नई ऊर्जा और नए प्रयोग के पक्ष में खड़े दिखते हैं। देश की बागडोर संभालने के कुछ ही महीनों बाद 15 अगस्त 2014 को उन्होंने लाल किले की प्राचीर से नीति निर्धारक संस्था ‘योजना आयोग’ का स्वरूप बदलने का ऐलान किया था और 1 जनवरी 2015 को बदल भी दिया। योजना आयोग अब ‘टीम इंडिया’ की अवधारणा के साथ ‘नीति आयोग’ हो गया। नीति आयोग की पहली बैठक की तस्वीर भी याद होगी आपको।
नए युग के साथ कदम से कदम मिलाने के लिए जरूरी है नए युग की तकनीकों से तालमेल बिठाना। अपने समकालीन बाकी नेताओं से इतर पीएम मोदी खुद एक बेहतरीन टेक्नोसेवी हैं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक्टिव भी रहते हैं। साथ ही अपने मंत्रियों और पार्टी के नेताओं को भी तकनीक के ज्यादा से ज्यादा और बेहतर इस्तेमाल के जरिए लोगों के बीच पहुंचने के गुर भी सिखाते रहते हैं। पीएम मोदी मानते हैं कि सरकार और आम लोगों के बीच संवाद निरंतर बना रहना चाहिए। इसके लिए उन्होंने पहली बार सत्ता संभालते ही रेडियो को अपना माध्यम बनाया, मन की बात कार्यक्रम की शुरूआत की। जिसमें वो हर महीने के आखिरी रविवार को लोगों से सीधा संवाद करते हैं।
पीएम मोदी को करीब से जानने वाले लोग उन्हें एक टफ टास्क मास्टर के तौर पर जानते हैं। कहते हैं कि पीएम मोदी ने एक बार जो लक्ष्य तय कर लिया उसे पूरा किए बिना वो चैन से नहीं बैठते हैं। अपने दूसरे कार्यकाल में हर मंत्रालयों के काम-काज को और तेज गति देने के लिए उन्होंने खुद हर तीसरे महीने मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा करने का फैसला किया।
कुछ नया करने की पीएम मोदी की जिद ही है कि आज हिंदुस्तान डिजिटल ट्रांजेक्शन के क्षेत्र में दुनिया के अग्रणी देशों में शुमार है। जिस वक्त डिजिटल इंडिया मिशन की शुरुआत की गई, तब कई तरह की आशंकाएं जताई जा रही थीं, लेकिन डिजिटल ट्रांजेक्शन की आसमान छूती कामयाबी ने सारी शंकाओं-आशंकाओं को गलत साबित कर दिया है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक भारत में पिछले वित्त वर्ष में रोजाना औसतन 28.4 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन किए गए, जो दुनिया भर में सबसे ज्यादा हैं। इसी दौरान 8800 करोड़ से ज्यादा लेन-देन डिजिटल माध्यम से किया गया था। जबकि इस साल जुलाई तक ये आंकड़ा 3300 करोड़ से ज्यादा तक पहुंच गया था। ऐसे कई और उदाहरण हैं, जो नएपन के प्रति पीएम मोदी की प्रतिबद्धता को दिखाते हैं।
(डिस्क्लेमर-ये लेखक के निजी विचार हैं)
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Tags: Narendra modi, PM ModiFIRST PUBLISHED : November 11, 2022, 14:16 IST