UPSC कोचिंग की फीस रहना-खाना एस्पिरेंट्स की 5 बड़ी डिमांड क्या है सॉल्यूशन

UPSC Coaching Delhi: हर साल लाखों युवा यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करते हैं. इनमें से हजारों एस्पिरेंट्स दिल्ली और प्रयागराज जैसे शहरों की राह पकड़ लेते हैं. दिल्ली के राजेंद्र नगर, मुखर्जी नगर जैसे इलाके यूपीएससी कोचिंग हब के तौर पर मशहूर हैं. जानिए यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी कर रहे युवा किन मुश्किलों से जूझ रहे हैं और उनकी मांगें क्या हैं.

UPSC कोचिंग की फीस रहना-खाना एस्पिरेंट्स की 5 बड़ी डिमांड क्या है सॉल्यूशन
नई दिल्ली (UPSC Coaching Delhi). दिल्ली के राजेंद्र नगर में स्थित एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में तीन यूपीएससी एस्पिरेंट्स की डूबने से मौत हो गई. मामला 3 होनहार युवाओं की मौत से जुड़ा हुआ था. देखते ही देखते देशभर में सब इसकी चर्चा करने लगे. यह हादसा 27 जुलाई की शाम को हुआ था. उसके बाद से ही स्टूडेंट्स अपने कमरों से निकलकर राव आईएएस स्टडी सर्कल के बाहर प्रोटेस्ट कर रहे हैं. ये यूपीएससी एस्पिरेंट्स दिन-रात की परवाह किए बगैर लगातार वहीं बैठे हुए हैं. आज दोपहर 3 बजे से स्टूडेंट्स के एक समूह ने हंगर स्ट्राइक यानी भूख हड़ताल शुरू की है (UPSC Aspirants Dharna). शाम होते-होते भीड़ बढ़ती जा रही है. पुलिस, मीडिया, यूपीएससी एस्पिरेंट्स के साथ ही दिल्ली यूनिवर्सिटी व जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के कुछ स्टूडेंट्स भी वहां इकट्ठा हैं. हमने वहां मौजूद यूपीएससी एस्पिरेंट्स से उनकी मुख्य परेशानियों पर बात की. साथ ही यह भी जानने की कोशिश की, अब आगे वह क्या चाहते हैं? यूपीएससी एस्पिरेंट्स क्यों परेशान हैं? दिल्ली देश की राजधानी है. उत्तर से लेकर दक्षिण, पूरब से लेकर पश्चिम भारत तक के स्टूडेंट्स यहीं आकर यूपीएससी कोचिंग करते हैं. किसी के पिता ने खेत-जमीन बेचकर उसे यहां पढ़ने के लिए भेजा है तो कोई लोन लेकर बेटे को अफसर बनाने की कोशिश कर रहा है. इनमें से कई अभ्यर्थी होली-दिवाली पर भी घर नहीं जा पाते हैं. कुछ तो कई सालों से राजेंद्र नगर के एक छोटे से कमरे में रहकर सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे हैं. इस हादसे ने उन सभी एस्पिरेंट्स और उनके परिवारों को परेशान कर दिया है. यह भी पढ़ें- ‘मैं उनमें से एक हो सकती थी..’ पूर्व IAS ने बयां किया कोचिंग के दिनों का अनुभव यूपीएससी एस्पिरेंट्स की 5 बड़ी मांगें क्या हैं? यूपीएससी एस्पिरेंट्स कोचिंग संस्थानों को कई बार अपनी परेशानियां बता चुके हैं लेकिन उन पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. अब जब मामला इतना आगे बढ़ गया है तो एक बार फिर उन्हें अपनी बात कहने, अपनी मांगें रखने का अवसर मिला है. जानिए यूपीएससी एस्पिरेंट्स यानी देश का युवा क्या चाहता है. 1- यूपीएससी कोचिंग फीस- यूपीएससी कोचिंग की फीस लाखों में है. यह बैच और कोर्स के हिसाब से कम-ज्यादा होती है. जो कोचिंग ज्यादा पॉपुलर है, उसकी फीस भी उतनी ही ज्यादा है. यूपीएससी एस्पिरेंट्स अब इसमें सरकार की दखलंदाजी चाहते हैं. हर कैंडिडेट पहले अटेंप्ट में परीक्षा पास नहीं कर पाता है और उसे कई सालों तक लाखों की फीस भरनी पड़ती है. उनकी मांग है कि यूपीएससी कोचिंग फीस के संबंध में कठोर नियम बनने चाहिए. 2- यूपीएससी हॉस्टल फीस- ओल्ड राजिंदर नगर व उसके आस-पास के इलाकों में मकान-मालिक मुंहमांगा किराया वसूलते हैं. एक छोटा सा कमरा, जिसमें सिर्फ एक सिंगल बेड और कुर्सी-मेज का सेट रखा जा सकता है, का किराया भी 15-18 हजार रुपये तक है. ये स्टूडेंट्स हैं, अपने माता-पिता पर निर्भर हैं. ऐसे में इतना किराया भर पाना इनके लिए मुमकिन नहीं हो पाता है. उनकी मांग है कि यहां रहने के किराये और ब्रोकर सिस्टम के लिए भी नियम बनने चाहिए. यह भी पढ़ें- डॉ. विकास दिव्‍यकीर्ति कौन हैं? MCD ने क्यों सील कर दिया इनका कोचिंग सेंटर? 3- पानी की कमी- जिस हादसे ने इस इलाके की तरफ सबका ध्यान खींचा है, वह पानी भरने की वजह से हुआ था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसी इलाके के लोग पानी की कमी से भी जूझ रहे हैं? कई एस्पिरेंट्स का कहना है कि पहले तो वह रहने का इतना पैसा देते हैं, फिर रोजमर्रा के कामों के लिए भी पानी न होने की वजह से उसे अलग से खरीदने का पैसा भी देना पड़ता है. उनकी मांग है कि एक आम नागरिक की तरह मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति होनी चाहिए. 4- पानी का भराव और तार- सेंट्रल दिल्ली के इस इलाके को यूपीएससी कोचिंग हब कहा जाता है. यह युवाओं का इलाका है. यहां पानी के भराव के चलते 3 होनहार स्टूडेंट्स ने अपनी जान गंवा दी. अब आप समझ ही सकते होंगे कि यहां पानी भरने की क्या स्थिति है. 15 मिनट की बारिश में ही इलाका लबालब हो जाता है. इसके साथ ही हर संस्थान और घर के बाहर झूलते तार भी खतरे की घंटी से कम नहीं हैं. यूपीएससी उम्मीदवार चाहते हैं कि इन दोनों समस्याओं का अब जल्द से जल्द समाधान हो जाना चाहिए. यह भी पढ़ें- कद- बहुत ऊंचा, वजन- सिर्फ बातों में.. विकास दिव्यकीर्ति क्यों हो रहे हैं ट्रोल 5- लाइब्रेरी सिस्टम- यूपीएससी व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स अपना अधिकतर वक्त लाइब्रेरी में गुजारते हैं. उनके लिए वह सेफ स्पेस है, उनका कंफर्ट स्पेस है. उसी लाइब्रेरी में हुए ऐसे दुखदायी हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. ज्यादातर यूपीएससी कोचिंग की लाइब्रेरी बेसमेंट में हैं. बेसमेंट वाली लाइब्रेरी की फीस कम होती है. स्टूडेंट्स को यहां पढ़ाई करना सस्ता पड़ता है. लाइब्रेरी कहां संचालित हो रही है, इसके लिए नियम-कायदे होने जरूरी हैं ताकि भविष्य में ऐसा न हो. स्टूडेंट्स की नाराजगी बड़ी कोचिंग के डायरेक्टर्स से है. ज्यादातर एस्पिरेंट्स टकटकी लगाए दुख की इस घड़ी में उनके साथ की उम्मीद कर रहे हैं. वहीं, वह एमसीडी से भी काफी नाराज हैं क्योंकि कई शिकायतों के बाद भी एमसीडी कार्यकर्ताओं ने कोई एक्शन नहीं लिया. Tags: Coaching class, IAS exam, UPSC, Upsc examFIRST PUBLISHED : July 30, 2024, 19:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed