Pradeep Mishra: प्रेमानंद से उलझने वाले प्रदीप मिश्रा ने कहां से की है पढ़ाई

Radha Rani Controversy, Pandit Pradeep Mishra: राधारानी की जन्‍मस्‍थली को लेकर संत प्रेमानंद महाराज से उलझने वाले कथावाचक प्रदीप मिश्रा काफी चर्चा में हैं. पंडित प्रदीप मिश्रा और प्रेमानंदजी के बीच काफी बयानबाजियां हो रही हैं. दोनों में हुए इस वाद-विवाद के बीच लोग पंडित प्रदीप मिश्रा के बारे में सर्च कर रहे हैं. तो आइए आपको बताते हैं पंडित प्रदीप मिश्रा कौन हैं और उन्‍होंने कहां से पढ़ाई की है?

Pradeep Mishra: प्रेमानंद से उलझने वाले प्रदीप मिश्रा ने कहां से की है पढ़ाई
Pandit Pradeep Mishra: पंडित प्रदीप मिश्रा का जन्‍म वर्ष 1980 में मध्‍य प्रदेश के सीहोर में हुआ. उनको घर पर सभी रघुराम के नाम से बुलाते थे. प्रदीप मिश्रा के परिवार की आर्थिक स्‍थिति बहुत अच्‍छी नहीं थी उनके पिताजी पंडित रामेश्‍वर दयाल मिश्र चने का ठेला लगाते थे. बाद में उन्‍होंने चाय की दुकान खोल ली. उनके साथ प्रदीप भी उनका हाथ बंटाया करते थे. विभिन्‍न मीडिया रिपोर्ट्स में छपी कहानियों की मानें, तो प्रदीप मिश्रा ने बहुत ही मुश्‍किल स्‍थितियों में अपने बहन की शादी की. उस समय उनका परिवार काफी आर्थिक तंगी से गुजरा. Pandit Pradeep Mishra education: भोपाल से की पढ़ाई प्रदीप मिश्रा का मन बचपन से ही भगवत भक्‍ति में लगता था वह अक्‍सर स्‍कूल के दिनों में ही भजन कीर्तन किया करते थे लेकिन जैसे तैसे प्रदीप मिश्रा ने ग्रेजुएशन तक की पढाई की उन्‍होंने भोपाल की बरकतउल्‍लाह यूनिवर्सिटी से बीकॉम किया. इसके बाद भी उनकी रूचि भजन कीर्तन में रही उनकी मुलाकात गीता बाई पराशर से हुई जिन्‍होंने प्रदीप को कथा वाचक बनने के लिए प्रेरित किया यहीं प्रदीप के जीवन का टर्निंग प्‍वाइंट रहा गीता ने प्रदीप को गुरुदीक्षा के लिए इंदौर भेज दिया. गीता बाई ने विठलेश राय काका के पास भेजा. विठलेश ने प्रदीप को पुराणों की दीक्षा दी. ये भी पढ़ें प्रेमानंद महाराज ने 8वीं तक की पढ़ाई, 13 साल की उम्र में बन गए संन्‍यासी NTA चेयरमैन: कानपुर से पढ़ाई, बरेली में नौकरी, UPSC के भी रहे अध्‍यक्ष Pandit Pradeep Mishra kathawachak: कैसे बनें कथा वाचक? पंडित प्रदीप मिश्रा ने सबसे पहले शिव मंदिर में कथा सुनाना शुरू किया इस दौरान वह शिव मंदिर की साफ सफाई किया करते थे मंचों पर कथा सुनाने की शुरूआत उन्‍होंने सीहोर से ही किया. वह कथा के दौरान कहते थे कि एक लोटा जल समस्‍या का हल जो लोगों को बहुत पसंद आई वह अपने प्रवचन में शिवपुराण की कथा सबसे अधिक सुनाते हैं. सोशल मीडिया पर उनके लाखों फॉलोवर्स हैं. Tags: Dharma Aastha, Dharma Culture, Dharma Guru, Education, Education newsFIRST PUBLISHED : June 15, 2024, 12:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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