नीट यूजी में टॉपर्स की संख्या कैसे बढ़ गई IIT मद्रास की रिपोर्ट पर उठे सवाल

NEET UG 2024: नीट यूजी पेपर लीक मामला सुप्रीम कोर्ट में है. इसकी अगली सुनवाई 18 जुलाई 2024 को होगी. केंद्र सरकार ने आईआईटी मद्रास की एनटीए के पक्ष में एक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में जमा की है. लेकिन आईआईटी खड़गपुर के पूर्व छात्र विवेक त्रिपाठी ने इस पर सवाल उठाए हैं.

नीट यूजी में टॉपर्स की संख्या कैसे बढ़ गई IIT मद्रास की रिपोर्ट पर उठे सवाल
नई दिल्ली (NEET UG 2024). नीट यूजी परीक्षा 05 मई 2024 को हुई थी. इस साल करीब 24 लाख स्टूडेंट्स ने मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम दिया था. नीट यूजी पेपर लीक मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होने की वजह से नीट यूजी काउंसलिंग प्रक्रिया को टाल दिया गया है. इसी बीच केंद्र ने आईआईटी मद्रास की बनाई हुई एक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में जमा की है. इसके मुताबिक, नीट यूजी पेपर लीक से ज्यादा छात्र प्रभावित नहीं हुए हैं. नीट यूजी परीक्षा देने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स का मानना है कि पेपर लीक बड़े पैमाने पर हुआ था और इससे रिजल्ट पर काफी असर पड़ा है (NEET UG Paper Leak ). आईआईटी खड़गपुर के पूर्व छात्र विवेक त्रिपाठी ने आईआईटी मद्रास की इस रिपोर्ट को खुली चुनौती दी है. उनका दावा है कि आईआईटी मद्रास ने यह रिपोर्ट एनटीए के पक्ष में बनाई क्योंकि एनटीए ने 2017 में हुई जेईई परीक्षा में गड़बड़ी के दौरान आईआईटी का फेवर किया था. जानिए क्या है पूरा मामला. नीट यूजी टॉपर लिस्ट पर उठे सवाल नीट यूजी पेपर लीक हुआ था, यह बात मीडिया में 5 मई को ही आ गई थी. लेकिन परीक्षार्थियों की शिकायत पर एक्शन लेने के बजाय एनटीए ने 1 महीने बाद यानी 4 जून को अचानक से नीट यूजी रिजल्ट जारी कर दिया था. इसमें 67 स्टूडेंट्स को 720 में से 720 अंक यानी ऑल इंडिया रैंक 1 मिली थी. इस पर ज्यादातर परीक्षार्थियों व एक्सपर्ट्स ने सवाल उठाए थे. नीट को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है. ऐसे में यह रिजल्ट काफी चौंकाने वाला था. यह भी पढ़ें- भारी बारिश का रेड अलर्ट, बंद हुए सभी स्कूल, जानें कब तक रहेगी छुट्टी IIT Madras Report: आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट में क्या है? आईआईटी मद्रास ने 2023 और 2024 की नीट यूजी परीक्षा का एनालिसिस किया था. इस रिपोर्ट में उनकी तरफ से स्पष्ट किया गया कि इस साल 550 से 720 अंक हासिल करने वाले परीक्षार्थियों की संख्या बढ़ी है. उसमें यह भी लिखा गया कि सभी शहरों और केंद्रों पर यह बढ़त देखी गई है. कमाल की बात है कि आईआईटी मद्रास ने नीट यूजी टॉपर्स की संख्या बढ़ने के पीछे की वजह भी बताई है. उनका मानना है कि इस साल नीट यूजी सिलेबस को 25% कम किया गया है. इसीलिए टॉपर्स बढ़ गए हैं. JEE Advanced: 2017 में क्या हुआ था? विवेक ठाकुर (Vivek Thakur VT) ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, जेईई (एडवांस्ड) 2017 में प्रश्न पत्र में काफी गलतियां थीं. इसकी वजह से परीक्षार्थियों को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे. एक आईआईटी एस्पिरेंट ने उस समय इसके खिलाफ पिटीशन दायर की थी. तब आईआईटी मद्रास ने जेईई परीक्षा कंडक्ट करवाई थी. तब एनटीए के अटॉर्नी जनरल ने आईआईटी मद्रास की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में झूठों का पुलिंदा पेश किया था. इससे उस साल जेईई एडवांस्ड री टेस्ट होने से बचा लिया गया था. यह भी पढ़ें- डॉक्टर से IAS बनीं पूजा खेडकर चर्चा में क्यों हैं? उन पर क्या आरोप लगे हैं? Tags: IIT Madras, JEE Advance, NEET, Neet exam, Paper LeakFIRST PUBLISHED : July 15, 2024, 18:18 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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