भारतीय जेम्स बॉन्ड अजीत डोभाल जा रहे चीन अब ड्रैगन से किन मसले पर करेंगे बात
भारतीय जेम्स बॉन्ड अजीत डोभाल जा रहे चीन अब ड्रैगन से किन मसले पर करेंगे बात
LAC ISSUE : पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच रूस में हुई वार्ता के बाद से ये तो साफ हो गया था कि LAC के विवाद का माकूल हल जल्द निकलेगा . जो रास्ता मोदी और शी ने दिखाया दोनों देशों ने तेज़ी से उस पर कदम बढ़ाना शुरू किया. और महज दो महीने के अंदर ही LAC के विवाद सुलझाने को लेकर दोनों देशों के स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव की बैठक की तारीख भी आ गई.
India China LAC ISSUE : कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से ठीक पहले 21 अक्टूबर को पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध को खत्म करने पर फैसला हुआ. और उसके बाद ही 23 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग के बीच मुलाकात हुई. एग्रिमेंट के बाद बड़ी ही तेजी से उस पर अमल किया गया. डेमचोक और डेपसांग में डिसएंगेजमट पूरा भी हुआ और अब उन सभी प्वाइंट्स पर पेट्रोलिंग हो रही है, जहां 2020 के बाद गश्त बंद थी. लेकिन अब भी कुछ है जो कि बचा हुआ है. LAC के वो चार इलाके, जहां 2020 के बाद से बने सभी फ्रिक्शन प्वाइंट पर डिसएंगेजमट तो पूरा हो गया, लेकिन वहां बफर ज़ोन बन गए थे. वो चार इलाके हैं पैंगोग, गलवान का पीपी-14, गोगरा और हॉट स्प्रिंग… यहां डिसइंगेजमेंट तो सबसे पहले हुआ, लेकिन पेट्रोलिंग शुरू नहीं हुई. 17-18 दिसंबर को बीजिंग में होने वाली स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव की बैठक का ये सबसे पहला मुद्दा हो सकता है. हालांकि अभी तक एजेंडा के बारे में पूरी तरह से खुलासा नहीं हुआ है. दोनो देशो के बीच जो एग्रिमेंट हुआ सिर्फ पूर्वा लद्दाख को लेकर ही था, तो ये एंजेडा सबसे उपर होगा. बाकी पूरे LAC पर भी कई जगह पर विवाद है उसका हल भी निकालने की कोशिश इसी रास्ते से आगे बढ़ सकती है.
पीएम मोदी का मास्टर स्ट्रोक
साल 2020 में एक बार फिर से चीन ने 1962 वाली हिमाकत करने की कोशिश की थी, लेकिन इस बार भारत तैयार था. नतीजा, चीन को उलटे पैर वापस लौटना पड़ा और बातचीत के मेज पर आना पडा. इस विवाद को सुलझाने के पीछे के तीन बड़े चेहरे रहे हैं. पहला चेहरा रहे प्रधानमंत्री मोदी, जिन्होंने विवाद के शुरू होने के बाद ही सेना को पूरी छूट दी. कहा कि ग्राउंड पर जो उन्हें ठीक लगे वो करे, पर्मिशन का इंतेजार ना करें. उन्होंने कूटनीति को और तेज किया. आर्थिक मोर्चे पर भी चीन को घेरा, कई पाबंदियां लगाई और ऐसा माहौल बना कि अड़ियल चीन को भी बातचीत की मेज पर आना पडा.
विदेशी मंत्री एस जयशंकर ने बिछाई बिसात
विदेश मंत्री जयशंकर ने इस संवेदनशील मामले को सुलझाने की जमीन तैयार की. दुनिया का कोई मंच ऐसा नही था जहां उन्होंने इस मसले को मुखर तरीके से नहीं उठाया हो. विदेश मंत्रालय ने सेना के साथ लगातार चर्चा करके माकूल हल निकालने के लिए एक रूपरेखा तैयार की. और विदेश मंत्रालय उस रूपरेखा पर चीन के साथ चर्चा करता रहा. आखिरकार चीनी समकक्षों के साथ बात करके सहमति बनी कि LAC पर अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति को बहाल किया जाए. डेपसांग और डेमचोक में डिस्एंगेजमेंट हुआ और दोनो सेनाओं की बंद हुई पेट्रोलिंग फिर से शुरू हुई.
भारतीय जेम्स बॉन्ड के कंधे पर आखिरी दांव
NSA अजीत डोभाल वो तीसरा चेहरा है, जिन्हें भारत का जेम्स बॉन्ड भी कहा जाता है. प्रधानमंत्री मोदी ने उनके कंधे पर सीमा विवाद को सुलझाने की आगे की ज़िम्मेदारी डाली. सीमा विवाद को लेकर वो चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ स्पेशल रेप्रिजेंटेटिव के तौर पर सीमा विवाद का हल बीजिंग में ढूढेंगे. अजीत डोभाल और वांग यी के बीच मुलाक़ात अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय इवेंट साइड लाइन में तो ज़रूर हुई, लेकिन बतौर स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव फॉर्मेट में दिसंबर 2019 के बाद ये नहीं मिले. भारत और चीन के बीच जारी विवाद के महज दो साल के बाद साल 2022 में खुद चीनी विदेश मंत्री वांग यी अचानक दिल्ली पहुंचे और एनएसए अजीत डोवाल से मुलाकात करके गए थे.
सेना ने चीन पर बनाया रखा दबाव
2020 में जो हुआ उसने ठंडा रेगिस्तान कहे जाने वाले लद्दाख के माहोल को गर्म कर दिया. गर्म एसा कि 1962 के बाद मानो एसा लग रहा था कि भारत चीन के बीच दूसरा युद्ध कभी भी छिड़ सकता है. लेकिन संयम दोनों ने दिखाया और युद्ध तनाव तक ही सीमित रह गया. सेना ने जिस तरह की रणनीति का इस्तेमाल किया चीन को उसकी उम्मीद भी नहीं थी. दक्षिण पैंगाग के इलाके में महत्वपूर्ण चोटियों पर अपनी तैनाती की, जहां 1962 के बाद कोई नहीं गया. भारी भरकंप टैंक बख्तरबंद गाड़ियों की कम समय में तैनाती ने चीन को ये संदेश दे दिया कि आज का भारत 1962 का भारत नहीं है. अभी भी भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख में मुस्तैद है.
Tags: China india, China india lac, LAC India ChinaFIRST PUBLISHED : December 16, 2024, 22:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed