NEET पेपर लीक प्रिंटिग प्रेस से परीक्षा सेंटर तक यूं जाल बिछाता है गैंग!

नीट और नेट परीक्षा के पेपर लीक होने के बाद देश भर में बवाल मचा हुआ है. ऐसे में पेपर लीक कराने वाले गैंग के काम करने के तरीकों को देखा जाए तो उनके लिए सबसे आसान प्रिंटिंग प्रेस और परीक्षा केंद्र होते हैं. वे इन दोनों जगहों पर सेटिंग कर पेपर लीक करवा लेते हैं.

NEET पेपर लीक प्रिंटिग प्रेस से परीक्षा सेंटर तक यूं जाल बिछाता है गैंग!
नीट यूजी परीक्षा में कथित तौर पर पेपर लीक का मामला पूरे देश में छाया हुआ है. इस मामले की जांच अब सीबीआई को सौंपी जा चुकी है. सरकार बार-बार भरोसा दिला रही है कि अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसे किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा. हालांकि, नीट यूजी की परीक्षा अभी रद्द नहीं हुई है. इस बीच नीट यूजी पेपर लीक ने बड़े-बड़े राज्यों में हुए पेपर लीक के कई मामलों को फोकस में ला दिया है. बिहार, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में बीते सालों में कई बड़े पेपर लीक हुए. ये वही राज्य हैं जहां से नीट यूजी के पेपर लीक के भी तार जुड़ रहे हैं. ऐसे में आइए समझते हैं कि कैसे पांच बड़े पेपर लीक के पीछे सरगनाओं के गैंग सक्रिय रहे. राजस्थान टीचर भर्ती घोटाला बीते 10 सालों में करीब 26 बड़ी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं. इनमें से 14 पेपर लीक की घटनाएं तो बीते 3-4 सालों में हुई हैं. इस कारण करीब 40 लाख बच्चे प्रभावित हुए हैं. राजस्थान टीचर पेपर लीक की जांच करने वाली स्थानीय एजेंसियों ने पाया था कि परीक्षा केंद्रों से ही ये पेपर लीक हुए थे. पेपर लीक गैंग का लीडर एक कोचिंग सेंटर चलाता था. गैंग लीडर के लोग परीक्षा केंद्रों के भीतर थे. वे परीक्षा से कुछ घंटे पहले केंद्र में दाखिल हो जाते थे. वे सील पेपर बॉक्स से पेपर निकालकर उसका फोटो कॉपी ले लेते थे. इसके बाद ये पेपर गैंग के सदस्य को दे दिया जाता था. फिर वह एक-दो लोगों की मदद से पेपर सॉल्व करवाता. इसके बाद इसे कोचिंग संस्थाओं के जरिए उन छात्रों तक पहुंचाया जाता है जिन्होंने इसके लिए पैसे दिए थे. हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती घोटाला हिमाचल प्रदेश में 2022 पुलिस भर्ती घोटाले को लेकर सीबीआई ने इस साल मार्च में आरोपपत्र दाखिल किया था. इसमें बिहार के दो लोगों भरत कुमार यादव और अरविंद को आरोपी बनाया गया. इन दोनों आरोपियों ने दलालों के जरिए ये पेपर 3 से 5 लाख रुपये में बेच दिया था. जांच टीम ने पाया था कि पेपर लीक कराने वालों का एक संगठित नेटवर्क है. गैंग का सरगना सरकारी परीक्षाओं का पहले शेड्यूल हासिल करता है. फिर इनमें से अधिकतर परीक्षाओं के पेपर लीक कराने के लिए वे अपनी तिकड़मे भिड़ाते हैं. वे कोचिंग सेंटरों के जरिए संभावित बच्चों के संपर्क में आते हैं. फिर सौदा तय कर एडवांस लेते हैं और बच्चों को पेपर और ऐंसर उपलब्ध करवाते हैं. इस कवायद में वे हर सप्ताह अपना फोन और सिम कार्ड बदल देते हैं. हिमाचल के केस में पाया गया कि पेपर को प्रिंटिंग प्रेस से लीक करवाया गया. राज्य की पुलिस ने इस मामले में 30 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था. इसमें प्रिंटिंग प्रेस का प्रमुख भी था. गुजरात हेड कलर्क पेपर लीक गुजरात में 2021 में हेड कलर्क परीक्षा का पेपर लीक हो गया था. गुजरात सबॉर्डिनेट सर्विस सेलेक्शन बोर्ड ने हेड कलर्क की 186 सीटों पर भर्ती के लिए परीक्षा करवाया था. लेकिन इस परीक्षा का भी पेपर लीक हो गया. यह पेपर भी प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुआ. इस परीक्षा में 88 हजार से अधिक उम्मीदवार थे. लीक पेपर 10 से 15 लाख रुपये में बेचे गए थे. यूपी पुलिस कॉन्सटेबल भर्ती परीक्षा सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स में पुलिस कॉन्सटेबल की परीक्षा का पेपर इसी साल लीक हुआ था. इसमें यूपी पुलिस की स्पेशल टॉस्क फोर्स ने गिरफ्तारियां की थीं. इसमें पेपर की चोरी की गई और उस चोरी के पेपर को छात्रों को उपलब्ध करवाया गया. इस केस का सरगना मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार हुआ. उसके पास से बच्चों के एडमिट कार्ड और हाथ से लिखे गए प्रश्न पत्र बरामद हुए थे. OSSC जूनियर इंजीनियर परीक्षा पेपर लीक ओडिशा स्टाफ सेलेक्शन कमिटी (OSSC) के जेई एग्जाम का पेपर बीते साल जुलाई में लीक हुआ था. इस मामले में भी प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक हुआ. इस मामले का मास्टरमाइंड बिहार का था, जिसने पश्चिम बंगाल के एक प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक करवाया था. आयोग ने पश्चिम बंगाल के प्रेस को पेपर छापने का ठेका दिया था. इस मामले में छह आरोपी गिरफ्तार हुए थे. इसमें से अधिकतर टीचर थे. पेपर लीक की वजह से परीक्षा रद्द कर दी गई थी. Tags: NEET, Paper LeakFIRST PUBLISHED : June 27, 2024, 16:16 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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