जिनपिंग और पुतिन को छोड़ पक्के यार की तरह किससे मिले मोदी VIDEO

कजान: ब्रिक्स समिट 2024 के लिए रूस के कजान शहर में पीएम मोदी समेत दिग्गजों का जुटान है. कजान एक्सपो इंटरनेशनल सेंटर में ब्रिक्स नेताओं की एक फैमिली फोटो हुई. इस दौरान जिनपिंग और पुतिन को छोड़ पीएम मोदी यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान के साथ साथ हंसते-मुस्कुराते और बातें करते दिखे. फैमिली फोटो के लिए जब नहयान आते हैं तो पीएम मोदी अपना हाथ बढ़ाते हैं और फोटो सेशन के बाद वह कमर में हाथ लगाकर पक्के पुराने यार की तरह मिलते हैं. यह नजारा देख पाकिस्तान पक्का चिढ़ जाएगा.

जिनपिंग और पुतिन को छोड़ पक्के यार की तरह किससे मिले मोदी VIDEO
हाइलाइट्स दुनिया की किसी जेल में इतने भारतीय नहीं जितने नेपाल में नेपाल की जेलों में भारतीय महिलाएं भी हैं नेपाल के कानून विदेशी अपराधियों के लिए ज्यादा कड़े अगर आप गूगल करें या किसी से ये सवाल पूछें कि दुनियाभर के किस देश की जेलों में सबसे ज्यादा भारतीय हैं तो इसमें आपको नेपाल का नंबर सबसे ऊपर दिखेगा. जहां सबसे ज्यादा भारतीय जेलों में हैं. इसमें महिलाएं भी हैं. ये भारतीय कई मामलों में जेल में हैं. नेपाल के कानून यूं भी विदेशियों के लिए ज्यादा कड़े हैं. दूसरे नंबर पर कतर में सबसे ज्यादा इंडियंस कैदी हैं. आखिर वो कौन सी वजह है कि भारतीय वहां ज्यादा जेलों में बंद है. खुद भारत सरकार सवाल-जवाब में ये बता चुकी है कि नेपाल में सबसे ज्यादा भारतीय जेलों में हैं. उनकी संख्या एक साल पहले 1,222 बताई गई. इतने भारतीय कैदी किसी देश की जेल में नहीं. आप हैरान हो सकते हैं कि इसमें करीब 300 भारतीय महिलाएं भी हैं. वैसे आपको ये भी बता दें कि नेपाल की जेलें भारत की तुलना में ज्यादा खराब हैं. कानून भी जुदा. किस अपराध में भारतीय जेलों में हैं अधिकांश भारतीय नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के साथ-साथ हत्या और डकैती जैसे गंभीर अपराधों के लिए कैद में हैं. नेपाल की कानूनी व्यवस्था अक्सर लंबे समय तक हिरासत में रहने की ओर ले जाती है. यहां विदेशी नागरिकों को शायद ही कभी जमानत दी जाती है, जिसके परिणामस्वरूप केवल आरोपी भी लंबे समय तक हिरासत में रहते हैं. हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले वित्तीय वर्ष (2021-22) में 31 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया, जो विदेशी बंदियों में सबसे बड़ा समूह है. चालू वित्तीय वर्ष में 27 भारतीय नागरिकों पर सीमा शुल्क चोरी, नकली मुद्रा लेनदेन और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे अपराधों के आरोप लगाए गए हैं, वो जेल में हैं. हाल ही में मानव तस्करी के आरोप में आठ व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया. इसके अलावा, कुछ ही महीनों पहले अवैध रूप से नागरिकता कार्ड हासिल करने के आरोप में दस भारतीयों को गिरफ्तार किया गया. वो कौन से अपराध हैं जिनके लिए नेपाल में भारतीय जेल में जाते हैं सीमा शुल्क चोरी – यह सबसे ज़्यादा बार होने वाला अपराध है, जिसमें कई भारतीयों को सीमा शुल्क से बचने की कोशिश करने के लिए गिरफ़्तार किया गया है. पिछले वित्तीय वर्ष में गिरफ़्तार किए गए 27 भारतीयों में 13 पर इसी अपराध का आरोप लगाया गया. नकली मुद्रा – पांच भारतीयों को नकली मुद्रा में काम करने के लिए गिरफ़्तार किया गया, जो वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित मुद्दों को उजागर करता है. नशीले पदार्थों की तस्करी – प्रतिबंधित दवाओं की तस्करी से संबंधित गिरफ़्तारियां भी हुई हैं. मानव तस्करी और अपहरण – कई मामलों में भारतीय नागरिकों पर मानव तस्करी और अपहरण का आरोप लगाया गया है, जिसमें हाल ही में संगठित अपराध से जुड़े आठ लोगों की हाई-प्रोफाइल गिरफ़्तारी शामिल है. जालसाजी – दस्तावेज़ जालसाजी में भारतीय नागरिक गिरफ्तार होते रहे हैं अवैध नागरिकता में – कुछ भारतीयों को नकली दस्तावेज़ों का उपयोग करके अवैध रूप से नेपाली नागरिकता कार्ड प्राप्त करने के लिए गिरफ़्तार किया गया है. नेपाल में चीन के कितने नागरिक जेलों में हैं फिलहाल नेपाली जेलों में 22 चीनी नागरिकों के होने की सूचना है. इसमें चालू वित्त वर्ष के दौरान की गई गिरफ्तारियां भी हैं. चीनी नागरिक मानव तस्करी और साइबर अपराधों जैसे गंभीर अपराधों में शामिल रहे हैं. क्या नेपाल में कोई हाई-प्रोफाइल भारतीय कैदी हैं फिलहाल तो नेपाल में कोई हाईप्रोफाइल भारतीय कैदी नहीं है. भारत में बम विस्फोटों से जुड़ा एक इस्लामी आतंकवादी यासीन भटकल 2013 में नेपाल-भारत सीमा पर गिरफ्तार किया गया था. बाद में उसे भारत स्थानांतरित कर दिया गया. 1993 के मुंबई बम विस्फोटों में शामिल बम निर्माता सैयद अब्दुल करीब टुंडा भी 2013 में नेपाल-भारत सीमा पर पकड़ा गया. वह भी अब भारत की जेल में है. क्या नेपाल में विदेशी नागरिकों को जमानत नहीं मिल पाती – हां ये सही है. नेपाल की न्याय प्रणाली हाई-प्रोफाइल विदेशी अपराधियों को सख्त कानूनी प्रावधानों और जमानत के सीमित विकल्पों के माध्यम से संभालती है. भारतीय कैदियों सहित विदेशी नागरिकों को बगैर जमानत लंबे समय तक जेल में रखा जाता है. विदेशी नागरिकों को अक्सर उच्च उड़ान जोखिम के रूप में देखा जाता है, जिसके कारण इस धारणा के आधार पर जमानत से इनकार किया जाता है कि वे फरार हो सकते हैं. क्या नेपाल की जेल में भारतीय महिलाएं भी हैं नेपाल में 300 के करीब भारतीय महिलाएं जेलों में हैं. एक भारतीय महिला पुतली देवी श्रीवास्तव, नेपाल में ड्रग-तस्करी के आरोप में कैद है. अन्य भारतीय महिलाओं के बारे में जानकारी नहीं है. विदेशियों के लिए नेपाल की जेलें किस तरह की हैं नेपाली जेलों में विदेशी कैदियों के रहने की स्थिति आम तौर पर खराब होती है. अक्सर इसे अमानवीय बताया जाता है. – यहां की जेलों में कैदियों की संख्या उनकी निर्धारित क्षमता से अधिक है. – विदेशी कैदियों को भोजन और बुनियादी ज़रूरतों के लिए न्यूनतम भत्ता मिलता है. रोज का केवल 45 रुपए जबकि भारत में कैदियों को रोजाना । उदाहरण के लिए, बंदियों को प्रतिदिन लगभग 45 नेपाली रुपए मिलते हैं यानि भारतीय मुद्रा के हिसाब से करीब 29 रुपए. साथ ही 700 ग्राम भोजन का अतिरिक्त आवंटन भी मिलता है. भारत में कैदियों को रोज औसत तौर पर 63 रुपए का खाना मिलता है – कई जेलों में पर्याप्त स्वच्छता सुविधाओं का अभाव है. शौचालय बहुत साफ नहीं रहते – विदेशी कैदियों को अक्सर साथी कैदियों और जेल कर्मचारियों दोनों से भेदभाव का सामना करना पड़ता है – चिकित्सा की भी बहुत अच्छी सुविधा नहीं है. साफ पानी की दिक्कत रहती है Tags: Central Jail, India nepal, Jail story, Nepal, Nepal NewsFIRST PUBLISHED : October 23, 2024, 14:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed