मंकीपॉक्स की भारत में दस्तक! विदेश से लौटे शख्स में दिखा Mpox का संक्रमण

India Monkeypox Case: वर्तमान में भारत में एमपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है, और सरकार स्थिति की निगरानी कर रही है. गौरतलब है क‍ि एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है जो बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द के साथ-साथ त्वचा पर दर्दनाक फोड़े का कारण बनती है.

मंकीपॉक्स की भारत में दस्तक! विदेश से लौटे शख्स में दिखा Mpox का संक्रमण
नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि उस व्यक्ति की जांच की जा रही है जो हाल ही में ऐसे देश से लौटा है जहां मंकीपॉक्स के मामले हैं. इस व्यक्ति को मंकीपॉक्स का संदिग्ध मामला माना जा रहा है. मंत्रालय ने कहा कि व्यक्ति को एक अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है और फिलहाल उसकी हालत स्थिर है, चिंता की कोई बात नहीं है. एमपॉक्स की जांच के लिए व्यक्ति के नमूने लिए गए हैं. मंत्रालय ने कहा, “निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुरूप मामले को देखा जा रहा है. यह पता लगाने के प्रयास जारी हैं कि कौन-कौन उस व्यक्ति के संपर्क में आया है…” मंत्रालय ने कहा कि देश ऐसे अलग-अलग यात्रा-संबंधी मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और किसी भी संभावित जोखिम से निपटने के लिए मजबूत उपाय किए गए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 14 अगस्त को एमपॉक्स को अंतर्राष्ट्रीय चिंता का व‍िषय बताते हुए सार्वजन‍िक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) घोषित किया था. अफ्रीका सीडीसी के महानिदेशक जीन कासिया ने भी इसे कॉन्टिनेंटल सिक्योरिटी (पीएचईसीएस) का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया. एक रिपोर्ट के अनुसार, “एमपॉक्स का क्लेड 1 बी अपनी उच्च संक्रामकता और अधिक गंभीर परिणामों की संभावना के कारण विशेष रूप से चिंता का विषय है.” अफ्रीका सीडीसी द्वारा जारी एक महामारी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष की शुरुआत से 12 अफ्रीकी देशों में 18,737 एमपॉक्स मामले (3,101 पुष्ट और 15.636 संदिग्ध) सामने आए हैं. इसके परिणामस्वरूप 541 मौतें हुई हैं. वर्ष 2023 में अफ्रीका के सात देशों में 14,838 एमपॉक्स मामले (1,665 पुष्ट और 13,173 संदिग्ध) दर्ज किए. इसमें 738 लोगों की मौतें हुईं. 2022 के एमपॉक्स प्रकोप के विपरीत, 2024 का प्रकोप व्यापक रूप से जनसांख्यिकीय को प्रभावित कर रहा है. मुख्य रूप से सीधे संपर्क के माध्यम से फैलने वाला यह वायरस पुरुषों, महिलाओं और बच्चों में पाया गया है. लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में सभी 26 प्रांतों में एमपॉक्स के मामले सामने आए हैं. अफ्रीका सीडीसी में आपातकालीन तैयारी और प्रतिक्रिया प्रभाग के कार्यवाहक प्रमुख मेरावी अरागाव टेगेग्ने ने कहा कि “एमपॉक्स हमारे क्षेत्र में स्थानीय है.” हालांकि, परीक्षण और निगरानी की भारी कमी से बीमारी की गंभीरता की पूरी तस्वीर सामने नहीं आ रही है. Tags: Health ministryFIRST PUBLISHED : September 8, 2024, 17:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed