जब 2 किलों के लिए लगी शर्त एक की मिशाल आकाशीय बिजली से जली दूसरा है अधूरा

Indian Fort Interesting Story: यूपी में कई किले हैं. एक किला ऐसा भी है, जिसका निर्माण आज तक पूरा नहीं हो पाया.

जब 2 किलों के लिए लगी शर्त एक की मिशाल आकाशीय बिजली से जली दूसरा है अधूरा
मुकेश पांडेय/मिर्जापुर: मिर्जापुर जिला प्राचीन और ऐतिहासिक शहर के रूप में जाना जाता है. मां विंध्यवासिनी की नगरी मिर्जापुर कई राजाओं का आश्रय स्थली रही है. यहां मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक ने शासन किया. मिर्जापुर जिले के चुनार में एक प्राचीन किला स्थित है, जिसका निर्माण राजा सहदेव ने कराया था. राजा विक्रमादित्य के भाई भरथरी भी इस क्षेत्र में रहे और मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक ने यहीं से शासन किया. चुनार का किला व्यापार के लिए भी महत्वपूर्ण केंद्र था. इसके साथ ही एक और किला बनाने की योजना थी, लेकिन उसका निर्माण कुछ दिनों में बंद हो गया था. मिर्जापुर के किले की दिलचस्प कहानी मिर्जापुर जिले के अहरौरा में प्रसिद्ध मगनदीवाना पर्वत स्थित है, जो अहरौरा का सबसे ऊंचा पर्वत है. यहां किले के कुछ अवशेष मिलते हैं और एक रहस्यमयी गुफा भी मौजूद है. अहरौरा के वरिष्ठ वक्ता प्रमोद केसरी के अनुसार चुनार में किला बनने की प्रक्रिया के दौरान यहां भी किले का निर्माण शुरू हुआ था. शर्त यह थी कि जो किला पहले पूरा होगा, उसी को मान्यता मिलेगी और उसके निर्माण की जानकारी मशाल जलाकर दी जाएगी. आकाशीय बिजली से जली मशाल प्रमोद केसरी ने बताया कि चुनार किले के साथ ही मगनदीवाना पर्वत पर भी किले का निर्माण शुरू हुआ. सामग्री इकट्ठा करने के बाद निर्माण कार्य तेजी से चलने लगा. इसी बीच चुनार में जल रही मशाल आकाशीय बिजली की चपेट में आकर जलने लगी, जिससे मजदूर काम छोड़कर वापस चले गए. आज भी पर्वत पर किले के अवशेष मिलते हैं. पहाड़ के नीचे है पूरा खोखला उन्होंने बताया कि पर्वत के नीचे काफी खोखला है, जो प्राचीनकाल में ठहरने के लिए इस्तेमाल किया गया था. पर्वत पर एक मंदिर भी स्थित है, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है. पर्वत के नीचे एक रहस्यमयी गुफा है, जिसे चुनार के किले तक पहुंचने का मार्ग माना जाता है, हालांकि फिलहाल वह बंद है. Tags: Local18, Mirzapur news, UP newsFIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 13:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed