महिला के पैरों में काटती थी चीटियां फिर किया कुछ ऐसा मिल गया झटपट आराम

Meerut News: यूपी के मेरठ की एक महिला भयानक कमर और पैर दर्द से परेशान रहती थी. महिला बताती है कि पैरों में ऐसा लगता था कि जैसे सैकड़ों चीटियां काटती हो, इतना दर्द होता था कि चलना मुश्किल हो गया था. मगर फिर एक दिन एक डॉक्टर की सलाह से महिला ने इनोवेटिव सर्जरी का सहारा लिया जिसके बाद महिला को दर्द से आराम मिल गया.

महिला के पैरों में काटती थी चीटियां फिर किया कुछ ऐसा  मिल गया झटपट आराम
मेरठ. यूपी के मेरठ की रहने वाली एक महिला को अजीबो-गरीब बीमारी थी. महिला का कहना है कि उसके पैरों में जैसे सैकड़ों चींटियां काटती थीं और दर्द इतना कि चलना तक मुश्किल हो गया था. ये महिला जब अपनी समस्या लेकर डॉक्टरों के पास जाती थी, तो दवा पर दवा दी जाती थी लेकिन समस्या का निदान नहीं हो सका था. आखिरकार महिला ने एक डॉक्टर की सलाह पर इनोवेटिव सर्जरी का सहारा लिया और उसे इस भीषण समस्या से निज़ात मिल गया. इनोवेटिव सर्जरी से 65 वर्षीय महिला मरीज को मानों नया जीवन मिल गया हो. मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पटपड़गंज के डॉक्टरों ने मेरठ की 65 वर्षीय मरीज का सफल इलाज किया है. ये महिला मरीज गंभीर कमर दर्द से जूझ रही थी, यहां तक कि बिना मदद के चल पाना भी मुश्किल हो गया था. न्यूरो नेविगेशन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से उनकी सफल सर्जरी की गई. न्यूरो व स्पाइनल सर्जरी के सीनियर डायरेक्टर डॉक्टर अमिताभ गोयल ने इस केस की सफलता के बारे में लोगों को जानकारी दी. इस दौरान उनके साथ बाला जैन भी मौजूद रहीं, जिनका जीवन आसान हुआ है. पड़ोसी से कहा शादी में जा रहे, मगर… फिर भाई-बहन ने किया कुछ ऐसा, दहल गया इलाका, मौके पर पहुंची पुलिस न्यूरो व स्पाइनल सर्जरी के सीनियर डायरेक्टर डॉक्टर अमिताभ गोयल ने बताया, ”जब मरीज को लाया गया तब उनके लोअर लिम्ब और कमर में काफी दर्द था जिसके कारण उनका मूवमेंट भी मुश्किल हो रहा था. एमआरआई और एक्स-रे के जरिए उनकी गहन जांच पड़ताल की गई, जिसमें पता चला कि मरीज की कमर के निचले हिस्से में नसें दब गई हैं, जिससे उन्हें दर्द हो रहा था और वो रोजमर्रा के काम भी नहीं कर पा रही थीं. तुरंत मरीज की डिकंप्रेशन और फ्यूजन सर्जरी की गई. हालांकि, प्रक्रिया के दौरान पीठ के निचले हिस्से में पेडिकल स्क्रू लगाने से सी-आर्म के माध्यम से रेडिएशन का खतरा रहता है. लेकिन न्यूरो-नेविगेशन की लेटेस्ट तकनीक के साथ स्क्रू प्लेसमेंट पूरी सटीकता से होता है. सर्जरी सफलतापूर्वक कम वक्त में पूरी कर ली गई और मरीज ने सर्जरी के बाद बिना किसी परेशानी के जल्दी से रिकवर भी कर लिया.” होटल के कमरे में पत्नी के साथ थे दो लड़के, पति ने खोला जैसे ही दरवाजा… नजारा देखकर उड़े होश बाला जैन ने सर्जरी के बाद बहुत तेजी से रिकवरी की और वो 24 घंटे के अंदर ही चल पाने में सक्षम थीं. धीरे-धीरे वो रुटीन गतिविधियों में भी एक्टिव होने लगीं, आगे की तरफ झुकने लगीं, जिससे पता चला कि सर्जरी का प्रभाव सकारात्मक रहा. एक्स-रे के जरिए फॉलो-अप टेस्ट किए गए, जिसमें शानदार रिजल्ट नजर आए और मजबूत स्क्रू प्लेसमेंट के संकेत मिले. आगे चलकर वो उनका पैर पूरी तरह दर्द मुक्त हो गया और अब वो खुद से ही अपने कामों में एक्टिव हो गईं. डॉक्टर गोयल ने आगे कहा, ”यह प्रक्रिया विभिन्न प्रकार की रीढ़ की हड्डी की बीमारियों वाले लोगों के लिए सुरक्षित सर्जरी में से एक है, चाहे वह किसी भी आयु वर्ग के हों. टेक्नोलॉजी और साइंस में प्रगति के साथ, हाल के दिनों में रोगियों के लिए इस प्रकार की प्रक्रियाएं ज्यादा सुरक्षित और तेज होती हैं, इनमें दर्द भी कम रहता है. न्यूरोसाइंसेज के क्षेत्र में हो रही प्रगति, विभिन्न सर्जिकल प्रक्रियाओं ने रीढ़ की मुश्किल बीमारियों के लिए भी इलाज के तौर-तरीकों को पूरी तरह से बदल दिया है. Tags: Meerut news, UP newsFIRST PUBLISHED : May 15, 2024, 20:57 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed