वृंदावनः तिरुपति बालाजी के मंदिर के प्रसाद को लेकर आए विवाद के बाद अब जगह-जगह धर्मस्थली पर प्रसाद को लेकर नए-नए फैसले लिए जा रहे हैं. इसी कड़ी में धर्म रक्षा संघ की एक संगोष्ठी परिक्रमा मार्ग गोपाल खार स्थित श्री भागवत मन्दिरम में महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज की अध्यक्षता में आयोजित की गई. संगोष्ठी में तिरुपति बालाजी मंदिर की घटना के बाद देशभर के मंदिरों की प्रसाद व्यवस्था में बड़े बदलाव का प्रस्ताव पारित किया गया.
धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने कहा कि धर्म रक्षा संघ सनातन धर्म से जुड़े बड़े संगठन, अखाड़ा परिषद, अखिल भारतीय संत समिति, श्री काशी विद्युत परिषद,चारों शंकराचार्यों के साथ प्रमुख धर्माचार्यों एवं साधु संतों के सानिध्य में हिंदू आस्था के अनुसार प्रसाद चढ़ाने और ग्रहण करने की सनातनी और परम शुद्ध व्यवस्था की रुपरेखा तैयार करेगा.
धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महंत देवानंद परमहंस ने कहा कि भारत के सभी मंदिरों में पंचमेवा एवं इलायची दाने और मिश्री के साथ ऋतु फलों का प्रसाद भक्तों को मिलना चाहिए यही हमारी प्राचीन पद्धति भी है. संगोष्ठी में महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज,धर्म रक्षा संघ के महामंत्री श्रीदास प्रजापति, रविकांत गौतम, ब्रजकिशोर पचौरी, अमित कृष्ण शास्त्री, ध्रुव शर्मा मयंक दीक्षित आदि उपस्थित थे. नए फैसले के तहत अब से गर्भगृह के अंदर गौशाला से बनने वाले घी का भोग लगेगा. भक्तों को बांटने के लिए पंचमेवा, फल, बताशा एवं मिश्री का भोग लगेगा.
Tags: Mathura newsFIRST PUBLISHED : September 26, 2024, 14:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed