टेंशन में क्यों आ गईं ममता संतों पर कर रहीं सियासी हमलेकहीं यह वजह तो नहीं

Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव अपने चरम पर है. पश्चिम बंगाल में भी इन दिनों सियासी हलचल तेज है. वैसे तो लोकसभा चुनाव पूरे देश में हो रहे हैं, मगर इसकी सियासी तपिश बंगाल में अधिक दिख रही है.

टेंशन में क्यों आ गईं ममता संतों पर कर रहीं सियासी हमलेकहीं यह वजह तो नहीं
कोलकाता: लोकसभा चुनाव अपने चरम पर है. पश्चिम बंगाल में भी इन दिनों सियासी हलचल तेज है. वैसे तो लोकसभा चुनाव पूरे देश में हो रहे हैं, मगर इसकी सियासी तपिश बंगाल में अधिक दिख रही है. एक तरफ ममता बनर्जी का साधू-संतों पर सियासी हमला तो दूसरी ओर ओबीसी रिजर्वेशन से 77 जातियों के हटाये जाने की चिंता. इसी बीच केरल में एलडीएफ सरकार के साथी दल आईएनएल ने बंगाल में सीपीएम का साथ देने की घोषणा कर दी है. अब ममता बनर्जी की टेंशन और बढ़ गई है. यह हालत तब है, जब लोकसभा चुनाव में पांच चरणों की वोटिंग हो चुकी है और दो चरण शेष हैं. ममता बनर्जी की बढ़ी इस टेंशन के बीच अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या मुस्लिम वोट ममता बनर्जी के पाले से खिसकने लगा है? एक तो पहले ही इंडिया गठबंधन की नींव रखने के बाद भी बंगाल में कांग्रेस और लेफ्ट के साथ ममता बनर्जी की बात नहीं बनी. अब बंगाल में लेफ्ट-कांग्रेस के साथ मिलकर ममता के खिलाफ मैदान में उतरने से मुस्लिम वोट बंटने का खतरा मंडरा रहा है.  यही कारण है कि ममता शुरू से ही कहती आईं हैं कि इंडिया गठबंधन में वो शामिल हैं, मगर बंगाल में सीपीएम और कांग्रेस भाजपा के साथी हैं. उन्हें डर है कि इसका फायदा भाजपा को अधिक होगा. ममता ने क्या कहा था? हाल ही में मुर्शिदाबाद में वोटिंग के बाद ममता बनर्जी ने एक साधू पर सियासी हमला किया. ममता बनर्जी ने यह कहकर बड़ा विवाद छेड़ दिया कि भारत सेवाश्रम संघ के साधू कार्तिक महाराज ने उनके पोलिंग एजेंट को बूथ पर बैठने नहीं दिया. इसी के साथ ही ममता ने भारत सेवाश्रम संघ, राम कृष्ण मिशन और इस्कॉन तीनों धार्मिक संगठनों पर उंगली उठा दी. इसे लेकर पीएम मोजी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों ममता पर हमला साध चुके हैं. साथ छोड़ने लगे मुस्लिम वोटर? दरअसल, मुर्शिदाबाद बंगाल का वह जिला है, जहां पर करीब 67 प्रतिशत वोटर मुसलमान हैं. मुर्शिदाबाद लोकसभा सीट से लेफ्ट के मोहम्मद सलीम ने कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी के साथ के चलते टीएमसी को कड़ा मुकाबला दिया है. वहीं बहरमपुर में भी लेफ्ट-कांग्रेस के साथ होने की वजह से टीएमसी को बड़ी चुनौती मिली है. ममता को लग रहा है कि इन सीटों पर मुस्लिम वोटर उनसे दूर हो रहे हैं. ऐसे में अब ये सवाल उठने लगे हैं कि कहीं मुसलमान वोटों के बंटवारे का फायदा भाजपा को तो नहीं मिल जायेगा? ममता के बयान पर सियासी बवाल इसपर भाजपा नेता शिशिर बाजोरिया का कहना है कि ममता बनर्जी ने संतों पर हमला तब किया, जब पांचवे चरण की वोटिंग होने वाली थी और मुर्शिदाबाद सीट का चुनाव हो चुका था. ममता ने संभवतः संतों पर हमले वाला बयान उनको खुश करने के लिए दिया है, जिन्हें वह दुधारू गाय कहती हैं. वहीं, आईएनएल के जमीरुल हसन ने ममता सरकार को खूब फटकार लगाई है. सीपीएम की सायरा शाह हलीम ने कहा कि आईनएल उनके साथ है, यह खुशी की बात है. वहीं, टीएमसी की दोला सेन ने कहा, ‘ममता जी ने भारत सेवाश्रम संघ और रामकृष्ण मिशन पर सवाल नहीं उठाया. एक दो लोगों पर सवाल उठाया है. आईएनएल को लेकर कहा कि जो चाहे जिसका साथ दे, 4 जून को जवाब जनता देगी. Tags: Loksabha Election 2024, Loksabha Elections, Mamata banerjee, West bengalFIRST PUBLISHED : May 24, 2024, 09:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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