PDA एनकाउंटर आरक्षण यूपी उपचुनाव में कुछ इस तरह समीकरण सेट कर रहे अखिलेश

UP Upchunav: उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव एक खास रणनीति के तहत सभी 10 सीटों पर अपने समीकरण सेट कर रहे हैं.

PDA एनकाउंटर आरक्षण यूपी उपचुनाव में कुछ इस तरह समीकरण सेट कर रहे अखिलेश
हाइलाइट्स उत्तर प्रदेश उपचुनाव को लेकर अखिलेश यादव भी एक्टिव हो गए हैं अखिलेश ने प्रदेश में आगामी उपचुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी है लखनऊ. उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान भले ही न हुआ हो लेकिन सियासी दलों ने अभी से ही अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी है. वैसे तो मुकाबला बीजेपी के नेतृत्व वाली NDA और सपा-कांग्रेस के इंडिया गठबंधन के बीच है, लेकिन बसपा ने भी सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारने का फैसला कर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सपा मुखिया अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती उपचुनाव को लेकर एक्टिव हैं और रणनीति के तहत आगे बढ़ रहे हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ के ताबड़तोड़ दौरों के बीच अखिलेश यादव भी एक्टिव हो गए हैं. अखिलेश ने उत्तर प्रदेश में आगामी उपचुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी है. वे अलग-अलग सीटों पर समीक्षा बैठकें कर रहे हैं और पार्टी नेताओं के साथ रणनीति बना रहे हैं. अखिलेश ने सीसामऊ, मिल्कीपुर, कटेहरी और अन्य सीटों पर जीत के लिए समीकरण तैयार किए हैं. वहीं उपचुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन बरकरार रखने के भी संकेत दिए हैं. जहां अन्य राज्यों में चुनाव में दोनो दलों का गठबंधन साथ नहीं दिखा, वहीं यूपी उपचुनाव में साथ मिलकर लड़ने और भाजपा को चुनौती देने की पूरी तैयारी है. अखिलेश एक-एक सीट का कर रहे समीकरण सेट 9 सितंबर (सोमवार) को अखिलेश यादव ने लखनऊ में सीसामऊ सीट की बूथवार समीक्षा की. इस समीक्षा में सीसामऊ के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी और बेटे भी शामिल हुए थे. अखिलेश ने बैठक में सभी नेताओं से कहा कि सीसामऊ सीट हमारा गढ़ रहा है और हम इस बार भी यहां मजबूती से लड़ेंगे. सीसामऊ सीट पर इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी ही चुनाव लड़ेंगी. एक मामले में सजायफ्ता होने की वजह से जून 2024 में इरफान की सदस्यता चली गई थी. वर्तमान में वे जेल में बंद हैं और उन पर कई गंभीर आरोप हैं. इरफान की पत्नी को मैदान में उतारकर अखिलेश यहां का चुनाव इमोशनल मुद्दे पर लड़ना चाहते हैं. सीसामऊ विधानसभा में करीब 2 लाख 75 हजार मतदाता हैं. यहां सबसे ज्यादा मुस्लिम वोटर्स हैं, जिनकी आबादी करीब 1 लाख 10 हजार के आसपास है. ब्राह्मण मतदाता इसके बाद दूसरे नंबर पर हैं. ब्राह्मणों की आबादी यहां 70 हजार के आसपास है. यहां दलित मतदाता भी एक्स फैक्टर हैं. इस समुदाय की आबादी सीसामऊ विधानसभा में करीब 60 हजार के आसपास है. मिल्कीपुर सीट पर भी खास फोकस अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर भी उपचुनाव होने हैं. योगी की सरकार ने इस सीट को प्रतिष्ठा का विषय बना लिया है. खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीजेपी की तरफ से इस सीट के प्रभारी हैं. अब अखिलेश इस सीट पर जीत के लिए समीकरण तैयार कर रहे हैं. अखिलेश ने अगस्त के आखिर में उम्मीदवार तय करने के लिए अयोध्या के नेताओं की बैठक बुलाई थी. कहा जा रहा है कि इस बैठक में अखिलेश ने सभी दावेदारों से एक-एक कर बात की. वहीं अयोध्या के सभी नाराज नेताओं को भी सपा सुप्रीमो ने मनाया. सबसे ज्यादा नाराजगी की खबर आनंद सेन को लेकर थी, लेकिन अखिलेश से मुलाकात के बाद वे भी मिल्कीपुर में मोर्चा संभाल रहे हैं. वहीं हाल ही में अयोध्या रेप की घटना से बैकफुट पर आए अखिलेश ने गुरुवार को जमीन घोटाले को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी. कहा जा रहा है कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस अयोध्या मुद्दे पर बीजेपी को बैकफुट पर धकेलने के लिए ही किया गया. क्योंकि, 2021 में जब सपा के ही पवन पांडेय ने इस मुद्दे को उठाया था, तब अखिलेश ने दूरी बना ली थी. कटेहरी सीट की भी समीक्षा कटेहरी सीट की समीक्षा को लेकर अखिलेश यादव ने हाल ही में दो मीटिंग की है. एक मीटिंग कटेहरी के प्रभारी शिवपाल यादव के साथ जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट में जबकि दूसरी मीटिंग पार्टी दफ्तर में हुई. इस मीटिंग के बाद अखिलेश ने कटेहरी को जीतने के लिए पूर्व मंत्री शंखलाल मांझी को भी साध लिया. शंखलाल मांझी भी कटेहरी सीट से टिकट के दावेदार माने जा रहे थे. मांझी अखिलेश की सरकार में मंत्री रह चुके हैं. कहा जा रहा है कि लालजी वर्मा के नेतृत्व में ही इस सीट से सपा चुनाव लड़ेगी. उनके परिवार से जुड़े किसी सदस्य को कटेहरी से टिकट मिल सकता है. मंगेश यादव मुद्दे को भू उठा रहे अखिलेश अखिलेश यादव सुल्तानपुर में डकैती के आरोप में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए मंगेश यादव के मुद्दे को भी जोर-शोर से उठा रहे हैं. सपा आने वाले दिनों में सदन से सड़क तक इस मुद्दे पर हमलावर रहेगी. अखिलेश का आरोप है कि जाति देखकर सरकार के अधिकारी लोगों को मरवा रहे हैं. कहा जा रहा है कि इस मुद्दे को तूल देकर सपा यादवलैंड की सीटों को साधने की कोशिश में है. यूपी की करहल, मिल्कीपुर, कटेहरी सीट पर यादव मतदाताओं का सियासी दबदबा है. करहल तो यादवों का गढ़ कहा जाता है. अखिलेश इसके अलावा कुंदरकी, गाजियाबाद और खैर सीट की भी वन टू वन समीक्षा कर चुके हैं. कुंदरकी सीट पर पिछली बार सपा को जीत मिली थी, जबकि खैर और गाजियाबाद सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. अखिलेश ने उपचुनाव में गठबंधन के भी दिए संकेत सपा कार्यालय में गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश यादव ने उपचुनाव में गठबंधन बनाने के भी संकेत दिए. एक सवाल के जवाब में अखिलेश ने कहा कि इंडिया गठबंधन यूपी की सभी 10 सीटों पर चुनाव जीतेगी. अखिलेश ने कहा कि पीडीए की रणनीति से बीजेपी फिर चुनाव हारेगी. यूपी में इंडिया गठबंधन के भीतर सपा, तृणमूल और कांग्रेस शामिल हैं. वहीं उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन की अटकलों पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा, “हम मिलकर लड़ेंगे. हमने 5 सीटों का प्रस्ताव केंद्रीय नेतृत्व को दिया है. केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा… मिलकर लड़ेंगे और 10 की 10 सीटों पर भाजपा को हराएंगे.” Tags: Akhilesh yadav, Lucknow news, UP latest newsFIRST PUBLISHED : September 18, 2024, 13:16 IST jharkhabar.com 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