धान-गेहूं को बाय बायसब्जी ला रही खुशहाली20 हजार की सब्सिडी से मालामाल किसान
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परंपरागत खेती के साथ सब्जी की खेती कर कई किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. इसे देखते हुए झांसी के भी किसान सब्जी के खेती की तरफ रूझान दिखा रहे हैं. सब्जी की खेती में अलग-अलग मौसमी सब्जियों को तैयार करने के लिए किसानों को आर्थिक संकट ना हो, इसके लिए किसानों को अनुदान दिया जाता है.
सनन्दन उपाध्याय/बलिया: एक ऐसा फूल जो देवताओं का भी प्रिय माना जाता है. इस फूल की खूबसूरती का तो कोई जवाब नहीं, लेकिन इसकी जड़ भी किसी संजीवनी से कम नहीं है. इसकी जड़ को सेहत के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं माना जाता है. हम बात कर रहे हैं कमल के जड़ की. जिसे कमल ककड़ी के नाम से जानते हैं. इसकी सब्जी भी बनाई जाती है. जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है. औषधीय गुणों से भरपूर कमल ककड़ी के सब्जी के आगे पनीर तो छोड़िए, मटन भी फेल है. आइए जानते हैं इसके लाभ.
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय नगर बलिया की चिकित्साधिकारी डॉ. प्रियंका सिंह ने लोकल 18 को बताया कि औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण कमल ककड़ी की न्यूट्रीशन वैल्यू बहुत ज्यादा होती है. आयुर्वेद में इसके तमाम बीमारियों में अनेक प्रयोग बताए गए हैं.
इन बीमारियों में ऐसे करें उपयोग…
कमल ककड़ी आयरन, पोटेशियम के साथ विटामिन ए और विटामिन सी का बहुत अच्छा स्रोत होताा है. यह आंख, बाल और त्वचा के लिए बेहद लाभकारी और गुणकारी है. यह एंटी ऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत है. इसलिए कैंसर या किसी भी प्रकार के रेडिकल्स के समस्या में यह कारगर होता है. यह फाइबर का भी अच्छा स्रोत होता है, जो कब्ज के शिकायत को दूर करता है. डायबिटीज के मरीजों के लिए भी यह वरदान है. जिनको मोटापा है वो इसको सलाद, कड़ी या सब्जी के रूप में प्रयोग कर सकते हैं. अगर किसी को डायरिया की शिकायत है, तो इसके जड़ को उबालकर सेवन करें. इसमें एंटी डायरियल गुण होता है. इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं. अगर बहुत पुराना बुखार है तो इसका सूप बनाकर सेवन किया जा सकता है. अगर कोई डिप्रेशन का शिकार है, तो उसके लिए भी यह लाभकारी होता है. क्योंकि इसमें विटामिन बी कांप्लेक्स भरपूर मात्रा में पाया जाता है. गर्भवती महिला भी इसका प्रयोग कर सकती हैं.
सेवन के लिए बरतें यह सावधानी
इसका प्रयोग सलाद के रूप में किया जा सकता है. लेकिन बहुत अच्छी तरह से धोकर साफ कर लें. क्योंकि इसमें बैक्टीरिया ग्रोथ भी बहुत ज्यादा होती हैं. अगर यह बहुत अच्छी तरह से धुला और पका न हो, तो उस स्थिति में अगर सेवन किया जाए तो बहुत ज्यादा मात्रा में दस्त हो सकता हैं और पेट दर्द के साथ बुखार भी हो सकता है. इसलिए सावधानी के साथ आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श के बाद ही इसका सेवन करें.
Tags: Health benefit, Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : May 23, 2024, 11:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed